लखनऊ : राजधानी में महापौर पद के लिए कशमकश का आगाज हो चुका है. सबसे ज्यादा हॉट केक भारतीय जनता पार्टी का टिकट (election of mayor in Lucknow) होगा. राजधानी में जब से महापौर पद के लिए जनता के जरिए चुनाव का आगाज हुआ है तब से लगातार भाजपा का ही प्रत्याशी यहां से महापौर बना है. ऐसे में 2022 के निकाय चुनाव में भी लखनऊ के महापौर को लेकर पार्टी में दावेदारों के बीच तगड़ी रस्साकशी चल रही है. अब तक करीब आधा दर्जन बड़े नाम महापौर पद के प्रत्याशी के तौर पर सामने आ चुके हैं, जोकि संगठन में अपने समीकरण सेट करने में लगे हुए हैं. पिछली बार लखनऊ सीट सामान्य वर्ग की महिला के लिए आरक्षित थी. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में महत्वपूर्ण प्रभाव रखने वाली संयुक्ता भाटिया को टिकट दिया गया था और वह भारी मतों के अंतर से जीती थीं, लेकिन इस बार माना जा रहा है कि यह सीट सामान्य वर्ग के लिए होगी. ऐसे में कोई भी इस सीट पर चुनाव लड़ सकता है. भारतीय जनता पार्टी के दावेदारों में जहां एक ओर कई महिलाएं दांव लगा रही हैं, तो वहीं दूसरी ओर भाजपा के कई पुराने पुरुष नेता भी सीट पर अपना प्रभाव दिखाने के लिए प्रयासरत हैं.
उत्तर प्रदेश में जब जनता के वोटों के जरिए महापौर का चयन (election of mayor in Lucknow) शुरू हुआ तब लखनऊ में पहली बार डॉ. एस सी राय चुने गए थे. लगातार दो बार लखनऊ के महापौर रहे. इसके बाद उनकी बढ़ती उम्र को देखते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा को महापौर पद पर भारतीय जनता पार्टी ने उतारा. उन्होंने भी दो बार जीत दर्ज की और वे उप मुख्यमंत्री बनने से पहले तक लखनऊ की मेयर रहे. डॉ. दिनेश शर्मा के बाद यह सीट सामान्य वर्ग की महिला के लिए आरक्षित हो गई औऱ संयुक्त भाटिया को भाजपा ने चुनाव में उतारा औऱ उन्होंने शानदार जीत दर्ज की. इस बार भी लखनऊ की सीट भारतीय जनता पार्टी के लिए खासी प्रतिष्ठा का विषय है. ऐसे में भाजपा यहां पर ठोक बजाकर ही प्रत्याशी का चयन करेगी.
इन नामों पर हो रही चर्चा
अपर्णा यादव : विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुईं दिवंगत वरिष्ठ समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव की पुत्रवधू अपर्णा यादव का नाम भी महापौर पद के लिए चल रहा है. अपर्णा यादव को भारतीय जनता पार्टी ने भाजपा में आने के बाद कोई पुरस्कार अब तक नहीं दिया है, ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि उनको टिकट से नवाज कर भाजपा एक बड़ा संदेश देना चाहेगी.
हीरो बाजपेई : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और कभी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के खासे नजदीकी रहे हीरो बाजपेई का नाम भी जोर शोर से महापौर पद के प्रत्याशी के तौर पर चल रहा है. अपनी साफ-सुथरी छवि और मिलनसार अंदाज के लिए वाजपेई मशहूर रहे हैं. इसके अलावा महानगर भाजपा में उनका अनुभव भी उनके काम आ सकता है.
मनीष गुप्ता : उत्तर प्रदेश व्यापारी कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष और समय-समय पर भारतीय जनता पार्टी के अलग-अलग पदों पर रहे व्यापारी नेता मनीष गुप्ता भी महापौर पद के टिकट के लिए प्रयासरत हैं. हाल ही में विधानसभा चुनाव में उनके छोटे भाई रजनीश गुप्ता को भारतीय जनता पार्टी ने मध्य क्षेत्र से लड़ाया था. वे संघर्षपूर्ण मुकाबले में चुनाव हार गए थे.
रेशु भाटिया : वर्तमान महापौर संयुक्ता भाटिया की पुत्रवधू और संघ के नेता प्रशांत भाटिया की पत्नी रिशु भाटिया भी महापौर पद के मजबूत दावेदार बताई जा रही हैं. रिशु भाटिया भारतीय जनता पार्टी के कार्यक्रमों में भाग लेती हैं और सामाजिक कार्यों से जुड़ी हुई हैं, इसलिए उनकी दावेदारी भी मजबूत बताई जाती है.
दो विधायक अपनी पत्नी के लिए सक्रिय : भारतीय जनता पार्टी के दो विधायक अपनी पत्नियों को भी महापौर पद का प्रत्याशी बनाना चाहते हैं. अलग-अलग होल्डिंग में इन दिनों इन दोनों विधायकों की पत्नियां नजर आने लगी हैं. भाजपा के सियासी गलियारों के भीतर दोनों के नामों की भी चर्चा है, लेकिन उनको टिकट मिलने की संभावना पार्टी सूत्र कम ही बता रहे हैं.
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