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निकाय चुनाव में अवैध शराब की तस्करी रोकने के लिए चलेगा अभियान, ACS ने जारी किए निर्देश - illegal liquor smuggling

उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है. चुनाव में अवैध शराब की बिक्री न हो इसको लेकर आबकारी विभाग ने कमर कस ली है. आबकारी अधिकारियों को अवैध शराब के खिलाफ बड़ा अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं.

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अवैध शराब
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Published : Apr 10, 2023, 4:49 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव का बिगुल बज चुका है. ऐसे में चुनाव में अवैध शराब की बिक्री न हो इसको लेकर आबकारी विभाग ने कमर कस ली है. अपर मुख्य सचिव आबकारी ने सभी जिलों के जिलाधिकारी व जिला आबकारी अधिकारियों को अवैध शराब के खिलाफ बड़ा अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही सीमावर्ती इलाकों में अतिरिक्त चेकपोस्ट भी बनाने के निर्देश दिए हैं, ताकि पड़ोसी राज्यों से शराब की तस्करी न हो सके. शासन का मानना है कि चुनाव को प्रभावित करने वाले इस कारक पर प्रभावी कार्रवाई करके शांतिपूर्ण मतदान कराने में सफलता हासिल की जा सकती है. अवैध शराब के खिलाफ 30 जून तक अभियान चलाया जाएगा.

चुनाव आते ही सक्रिय होते हैं शराब माफिया
अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय भूसरेड्डी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मादक पदार्थों खिलाफ अभियान पहले भी चलाया जाता रहा है. इसमें आबकारी विभाग के अधिकारियों और जिलों की पुलिस के अलावा एसटीएफ की टीमें भी लगी रहती हैं. बावजूद इसके चुनाव नजदीक आने पर अवध शराब की बिक्री और तस्करी में इजाफा होने की संभावना रहती है. चुनाव में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए बड़े पैमाने पर अवैध शराब का प्रयोग किया जाता रहा है, इस कारण चुनाव नजदीक आने पर अवैध शराब के धंधेबाज नए सिरे से सक्रिय हो जाते हैं.

कई बार पड़ोसी राज्यों से भी इसकी आपूर्ति होने लगती है. ऐसे में सभी जिलों के डीएम और जिला आबकारी अधिकारियों को निर्देश दिए है कि एक वृहत रूप से अवैध शराब के खिलाफ प्रदेश व्यापी अभियान चलाया जाए. अपर मुख्य सचिव ने कहा कि अभियान के दौरान अवैध शराब के निर्माण और बिक्री के अड्डों पर की छापेमारी की जाएगी. होटल एवं रेस्टोरेंट में होने वाली पार्टियों पर भी विशेष निगरानी की जाएगी. यही नहीं अवैध शराब माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

पड़ोसी राज्यों की सीमा पर रहेगी कड़ाई
अपर मुख्य सचिव आबकारी के मुताबिक, चुनाव आते ही पड़ोसी राज्यों से तस्कर शराब की तस्करी शुरू कर देते हैं. ऐसे में निर्देश जारी किए गए हैं कि, यूपी के सीमावर्ती राज्य जैसे उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, बिहार और दिल्ली की सीमाओं पर अतिरिक्त चेकपोस्ट तैयार की जायेगी, जिसमें आबकारी विभाग के परवर्तन दल और स्थानीय पुलिस के लोग मौजूद होंगे और तस्करों पर लगाम लगाएंगे. इसके अलावा पड़ोसी राज्यों की पुलिस व आबकारी विभाग से भी समन्वय बनाने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि यह अभियान 30 जून तक चलेगा.

टोल फ्री पर जनता भी कर सकती है शिकायत
अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय भूसरेड्डी ने बताया कि अभियान के दौरान आम जनता भी अवैध शराब के निर्माण और तस्करी से जुड़ी सूचना प्रयागराज स्थित आबकारी मुख्यालय के कन्ट्रोल रूम पर टोल फ्री नंबर 14405 और व्हाट्सएप नंबर 9454466019 पर दे सकती है. उन्होंने बताया कि जोन स्तर पर संयुक्त आबकारी आयुक्त जोन और प्रभार स्तर पर उप आबकारी आयुक्त प्रभार अभियान का नेतृत्व करेंगे.

दो चरणों में होंगे निकाय चुनाव
उत्तर प्रदेश में रविवार को नगर निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है. राज्य में दो चरणों में चुनाव होंगे. 4 मई को पहले और दूसरे चरण की वोटिंग 11 मई को होगी, जबकि 13 मई को नतीजे आएंगे. इस बार यूपी के 4.32 करोड़ वोटर्स मतदान करेंगे. इससे पहले साल 2017 में हुए चुनाव में 3.35 करोड़ मतदाताओं ने वोट डाला था.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव का बिगुल बज चुका है. ऐसे में चुनाव में अवैध शराब की बिक्री न हो इसको लेकर आबकारी विभाग ने कमर कस ली है. अपर मुख्य सचिव आबकारी ने सभी जिलों के जिलाधिकारी व जिला आबकारी अधिकारियों को अवैध शराब के खिलाफ बड़ा अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही सीमावर्ती इलाकों में अतिरिक्त चेकपोस्ट भी बनाने के निर्देश दिए हैं, ताकि पड़ोसी राज्यों से शराब की तस्करी न हो सके. शासन का मानना है कि चुनाव को प्रभावित करने वाले इस कारक पर प्रभावी कार्रवाई करके शांतिपूर्ण मतदान कराने में सफलता हासिल की जा सकती है. अवैध शराब के खिलाफ 30 जून तक अभियान चलाया जाएगा.

चुनाव आते ही सक्रिय होते हैं शराब माफिया
अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय भूसरेड्डी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मादक पदार्थों खिलाफ अभियान पहले भी चलाया जाता रहा है. इसमें आबकारी विभाग के अधिकारियों और जिलों की पुलिस के अलावा एसटीएफ की टीमें भी लगी रहती हैं. बावजूद इसके चुनाव नजदीक आने पर अवध शराब की बिक्री और तस्करी में इजाफा होने की संभावना रहती है. चुनाव में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए बड़े पैमाने पर अवैध शराब का प्रयोग किया जाता रहा है, इस कारण चुनाव नजदीक आने पर अवैध शराब के धंधेबाज नए सिरे से सक्रिय हो जाते हैं.

कई बार पड़ोसी राज्यों से भी इसकी आपूर्ति होने लगती है. ऐसे में सभी जिलों के डीएम और जिला आबकारी अधिकारियों को निर्देश दिए है कि एक वृहत रूप से अवैध शराब के खिलाफ प्रदेश व्यापी अभियान चलाया जाए. अपर मुख्य सचिव ने कहा कि अभियान के दौरान अवैध शराब के निर्माण और बिक्री के अड्डों पर की छापेमारी की जाएगी. होटल एवं रेस्टोरेंट में होने वाली पार्टियों पर भी विशेष निगरानी की जाएगी. यही नहीं अवैध शराब माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

पड़ोसी राज्यों की सीमा पर रहेगी कड़ाई
अपर मुख्य सचिव आबकारी के मुताबिक, चुनाव आते ही पड़ोसी राज्यों से तस्कर शराब की तस्करी शुरू कर देते हैं. ऐसे में निर्देश जारी किए गए हैं कि, यूपी के सीमावर्ती राज्य जैसे उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, बिहार और दिल्ली की सीमाओं पर अतिरिक्त चेकपोस्ट तैयार की जायेगी, जिसमें आबकारी विभाग के परवर्तन दल और स्थानीय पुलिस के लोग मौजूद होंगे और तस्करों पर लगाम लगाएंगे. इसके अलावा पड़ोसी राज्यों की पुलिस व आबकारी विभाग से भी समन्वय बनाने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि यह अभियान 30 जून तक चलेगा.

टोल फ्री पर जनता भी कर सकती है शिकायत
अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय भूसरेड्डी ने बताया कि अभियान के दौरान आम जनता भी अवैध शराब के निर्माण और तस्करी से जुड़ी सूचना प्रयागराज स्थित आबकारी मुख्यालय के कन्ट्रोल रूम पर टोल फ्री नंबर 14405 और व्हाट्सएप नंबर 9454466019 पर दे सकती है. उन्होंने बताया कि जोन स्तर पर संयुक्त आबकारी आयुक्त जोन और प्रभार स्तर पर उप आबकारी आयुक्त प्रभार अभियान का नेतृत्व करेंगे.

दो चरणों में होंगे निकाय चुनाव
उत्तर प्रदेश में रविवार को नगर निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है. राज्य में दो चरणों में चुनाव होंगे. 4 मई को पहले और दूसरे चरण की वोटिंग 11 मई को होगी, जबकि 13 मई को नतीजे आएंगे. इस बार यूपी के 4.32 करोड़ वोटर्स मतदान करेंगे. इससे पहले साल 2017 में हुए चुनाव में 3.35 करोड़ मतदाताओं ने वोट डाला था.

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