लखनऊ: जेंडर आधारित हिंसा के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले 16 दिवसीय अभियान के तहत एसोसिएशन फॉर एडवोकेसी एंड लीगल इनीशिएटिव्स यानि आली ने रविवार को एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया.
इस मौके पर आली की सदस्य और वकील शुभांगी ने कहा कि हर साल 25 नवंबर को विश्व स्तर पर महिलाओं के विरुद्ध होने वाले हिंसा के खिलाफ अभियान चलाया जाता है. अगर हम एनसीआरबी के आंकड़ों को देखें तो यह सवाल उठता है कि जब हिंसा खत्म ही नहीं हो रही तो महिलाओं की हिस्सेदारी और उनके अधिकारों की बात कैसे की जाएगी.
विश्व स्तर पर महिलाओं और पुरुषों की समानता सूचकांक में इस साल के आंकड़े बताते हैं कि भारत 129 देशों में से पांचवें पायदान पर है. अगर ऐसा है तो हम लैंगिक समानता सूचकांक में काफी पीछे हैं. उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा सबसे ज्यादा है. इनमें घरेलू हिंसा, यौन हिंसा, अपहरण और दुष्कर्म की घटनाएं सबसे ज्यादा होती है.
-रेनू मिश्रा, कार्यकारी निदेशक