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लखनऊ: महिलाओं पर हो रही हिंसा के खिलाफ 'आली' ने शुरु किया अभियान - campaign on violence against women in lucknow

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में महिलाओं को हिंसा से आजादी दिलाने के लिए 'आली' संस्था ने एक अभियान की शुरुआत की है.

प्रेस क्लब में आली संस्था की हिंसा के खिलाफ अभियान की शुरुआत
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Published : Nov 25, 2019, 5:08 AM IST

लखनऊ: जेंडर आधारित हिंसा के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले 16 दिवसीय अभियान के तहत एसोसिएशन फॉर एडवोकेसी एंड लीगल इनीशिएटिव्स यानि आली ने रविवार को एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया.

प्रेस क्लब में आली संस्था की हिंसा के खिलाफ अभियान की शुरुआत. अभियान की शुरुआत की

इस मौके पर आली की सदस्य और वकील शुभांगी ने कहा कि हर साल 25 नवंबर को विश्व स्तर पर महिलाओं के विरुद्ध होने वाले हिंसा के खिलाफ अभियान चलाया जाता है. अगर हम एनसीआरबी के आंकड़ों को देखें तो यह सवाल उठता है कि जब हिंसा खत्म ही नहीं हो रही तो महिलाओं की हिस्सेदारी और उनके अधिकारों की बात कैसे की जाएगी.

विश्व स्तर पर महिलाओं और पुरुषों की समानता सूचकांक में इस साल के आंकड़े बताते हैं कि भारत 129 देशों में से पांचवें पायदान पर है. अगर ऐसा है तो हम लैंगिक समानता सूचकांक में काफी पीछे हैं. उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा सबसे ज्यादा है. इनमें घरेलू हिंसा, यौन हिंसा, अपहरण और दुष्कर्म की घटनाएं सबसे ज्यादा होती है.
-रेनू मिश्रा, कार्यकारी निदेशक

लखनऊ: जेंडर आधारित हिंसा के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले 16 दिवसीय अभियान के तहत एसोसिएशन फॉर एडवोकेसी एंड लीगल इनीशिएटिव्स यानि आली ने रविवार को एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया.

प्रेस क्लब में आली संस्था की हिंसा के खिलाफ अभियान की शुरुआत. अभियान की शुरुआत की

इस मौके पर आली की सदस्य और वकील शुभांगी ने कहा कि हर साल 25 नवंबर को विश्व स्तर पर महिलाओं के विरुद्ध होने वाले हिंसा के खिलाफ अभियान चलाया जाता है. अगर हम एनसीआरबी के आंकड़ों को देखें तो यह सवाल उठता है कि जब हिंसा खत्म ही नहीं हो रही तो महिलाओं की हिस्सेदारी और उनके अधिकारों की बात कैसे की जाएगी.

विश्व स्तर पर महिलाओं और पुरुषों की समानता सूचकांक में इस साल के आंकड़े बताते हैं कि भारत 129 देशों में से पांचवें पायदान पर है. अगर ऐसा है तो हम लैंगिक समानता सूचकांक में काफी पीछे हैं. उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा सबसे ज्यादा है. इनमें घरेलू हिंसा, यौन हिंसा, अपहरण और दुष्कर्म की घटनाएं सबसे ज्यादा होती है.
-रेनू मिश्रा, कार्यकारी निदेशक

Intro:लखनऊ। महिलाओं को हिंसा से आजादी दिलाने और आधी आबादी के सुरक्षित होने की बात को जन जन तक पहुंचाने के लिए आली संस्था ने तमाम महिला कार्यकर्ताओं, सोशल एक्टिविस्ट ने उत्तर प्रदेश प्रेस क्लब में रविवार को एक अभियान की शुरुआत की। जेंडर आधारित हिंसा के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले 16 दिवसीय अभियान के तहत एसोसिएशन फॉर एडवोकेसी एंड लीगल इनीशिएटिव्स ने एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया।


Body:वीओ1 एसोसिएशन फॉर एडवोकेसी एंड लीगल इनीशिएटिव्स (आली) की सदस्य और वकील शुभांगी ने बताया कि हर साल 25 नवंबर को विश्व स्तर पर महिला के विरुद्ध होने वाले हिंसा के खिलाफ अभियान चलाया जाता है। अगर हम एनसीआरबी के आंकड़ों को देखें तो यह सवाल उठता है कि जब हिंसा खत्म ही नहीं हो रही तो महिलाओं की हिस्सेदारी और उनके अधिकारों की बात कैसे की जाएगी। अली की कार्यकारी निदेशक रेनू मिश्रा ने बताया कि विश्व स्तर पर महिलाओं और पुरुषों की समानता सूचकांक में इस साल के आंकड़े बताते हैं कि भारत 129 देशों में से पंचानवे पायदान पर है और अगर ऐसा है तो हम यह कह सकते हैं कि लैंगिक समानता सूचकांक में हम काफी पीछे हैं अगर उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा सबसे ज्यादा है हर घंटे महिलाओं के खिलाफ अपराध दर्ज होते हैं इनमें घरेलू हिंसा यौन हिंसा अपहरण और रेप की घटनाएं सबसे ज्यादा संख्या में होती हैं। जरूरी है कि सरकार की तरफ से जो महिलाओं की सुरक्षा के लिए तमाम कदम उठाए गए हैं उन पर कुछ काम भी किया जाए ताकि महिलाओं की सुरक्षा की जो बात कही जा रही है वह दर असल में सच साबित हो।


Conclusion: बाइट- शुभांगी, वकील, आली बाइट- रेनू मिश्रा, कार्यकारी निदेशक, आली रामांशी मिश्रा
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