लखनऊ: दुनिया की दूसरी सबसे मंहगी धातु कैलिफोर्नियम के पकड़े जाने के बाद, अब उसकी जांच IIT कानपुर में सोमवार को की जाएगी. आपको बता दें कि शुक्रवार को लखनऊ पुलिस ने 340 ग्राम कैलिफोर्नियम के साथ 8 लोगों को गिरफ्तार किया था. वीकेंड पर शनिवार और रविवार को वहां छुट्टी होने की वजह से इस पदार्थ को सुरक्षा मानकों के तहत थाने में ही रखा गया है. आरोपियों ने बरामद धातु को रेडियोएक्टिव पदार्थ कैलिफोर्नियम बताया था, जो दुनिया की दूसरी सबसे महंगी धातु है. इसके एक ग्राम की कीमत करीब 18 करोड़ रुपए बताई जा रही है.
असली कैलिफोर्नियम या नकली, नतीजे पर नहीं पहुंची पुलिस
इंस्पेक्टर प्रशांत मिश्र ने बताया कि गिरोह के सरगना कृष्णानगर एलडीए कॉलोनी निवासी अभिषेक चक्रवर्ती से काफी देर तक पूछताछ की गई, लेकिन, कैलिफोर्नियम धातु असली है या नकली पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है. पूछताछ में पहले उसने बताया कि वह इस धातु को बिहार से लेकर आया है, फिर उसने कहा कि उसे दो लोग बिहार से लाकर दे गये थे. इसी बीच उसके एक साथी ने पुलिस को बताया कि एक व्यक्ति अभिषेक को यह धातु दे गया था और कहा था कि इसकी बिक्री कर वह मोटा मुनाफा कमा सकता है, उस शख्स ने ही इस धातु को कैलिफोर्नियम बताया था. यह भी पता चला कि अभिषेक ने जनवरी में शशि राय नाम के युवक से सवा लाख रुपये लेकर इस धातु को देने को कहा था, लेकिन रुपये लेने के बाद भी उसे यह पदार्थ नहीं दिया गया था.
बीरबलशाह अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक भी असमंजस में
बीरबलशाह अनुसंधान केन्द्र के वैज्ञानिकों को जब पुलिस ने बरामद धातु को दिखाया तो वह ज्यादा कुछ नहीं बता सके. एक वैज्ञानिक ने यह जरूर कहा कि इसमें कुछ रेडियम जैसा अंश दिख रहा है. लेकिन, इसकी पुष्टि के लिये इस धातु को आईआईटी कानपुर की लैब भेजना बेहतर होगा आईआईटी की इस लैब में रेडियोएक्टिव पदार्थ की जांच होती है.
सिल्वर फ्वाइल में लपेट कर शीशे के जार में रखा
वैज्ञानिकों से राय लेने के बाद इस पदार्थ को पहले सिल्वर फ्वाइल से ढका गया, फिर उसे शीशे के जार में रखा गया. यह भी कहा गया कि इस पदार्थ को बहुत ज्यादा गर्मी में न रखा जाये. लिहाजा एसी लगे कम्प्यूटर रूम में इसे पूरी सुरक्षा के साथ रखा गया है.
पुलिसकर्मी दहशत में, यूट्यूब पर ले रहे धातु की जानकारी
बरामद धातु को लेकर गाजीपुर थाने के पुलिसकर्मी दहशत में है. एक पुलिसकर्मी के मुताबिक सब लोग यू-टयूब पर इस धातु के बारे में जानकारी कर रहे हैं. इसी दौरान एक वीडियो से पता चला कि कैलिफोर्नियम धातु से लाल रुधिर कणिकाओं को नुकसान होता है. बस, इसके बाद से सब दहशत में हैं और इस पदार्थ के पास जाने से बच रहे हैं. उनका कहना है कि अगर कहीं जांच में यह कैलिफोर्नियम धातु ही निकली तो उन्हें नुकसान होना तय है.
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धोखाधड़ी की धारा में सभी आरोपियों को भेजा जेल
गाजीपुर पुलिस के मुताबिक अभी धातु के कैलिफोर्नियम होने की पुष्टि नहीं हुई लिहाजा पकड़े गये सरगना अभिषेक चक्रवर्ती, बिहार-न्यू एरिया निवासी महेश कुमार, बिहार-शाहजहांपुर निवासी रविशंकर, कृष्णानगर निवासी अमित सिंह, बाजारखाला का शीतल गुप्ता उर्फ राज, बस्ती के पैकुलिया निवासी रमेश तिवारी, हरीश चौधरी और गांधीनगर, बस्ती के श्याम सुंदर को धोखाधड़ी और ठगी की धाराओं में जेल भेजा गया है. अगर धातु कैलिफोर्नियम ही निकलती है तो इन पर गम्भीर धाराओं के साथ ही रासुका के तहत भी कार्रवाई होगी.
20 तरह की होती है कैलिफोर्नियम धातु
वैज्ञानिकों का कहना है कि कैलिफोर्नियम का अविष्कार वर्ष 1950 में हुआ था. यह 20 प्रकार का होता है. रासायनिक भाषा में इसके 237 से लेकर 256 आईसोटॉक्स होते हैं. कैलिफोर्नियम जिस आइसोटॉक्स का होता, उसके मुताबिक ही इसका इस्तेमाल किया जाता है. अमूमन इसका इस्तेमाल खदानों में सोना, ऑयल रिफाइनरी, चांदी व अन्य धातुओं की खोज करने के लिये होता है. साथ ही कैंसर की दवा बनाने में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. कैलिफोर्नियम न्यूट्रॉन का उत्सर्जन करता रहता है. इसका प्रयोग पोर्टेबल मेटल डिटेक्टर में भी किया जाता है. परमाणु अनुसंधान केन्द्र भी इसका इस्तेमाल होता है.