लखनऊः सीएम योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास 5 कालिदास मार्ग के ठीक बगल में स्थित 6 कालिदास कोठी के मिथक को अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने तोड़ दिया है. इस सरकारी बंगले के बारे में कहा जाता रहा है कि जो भी मंत्री यहां रहता है वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाता है. यह भी कहा जाता है कि इस कोठी में रहने वाला दोबारा जीतता नहीं है. जबकि पिछ्ले 5 वर्षों से इस मंत्री आवास में रह रहे नंद गोपाल नंदी ने इस मिथक को तोड़ते हुए कैबिनेट मंत्री का न केवल कार्यकाल पूरा किया बल्कि दोबारा जीत भी दर्ज की है.
6 कालिदास के मंत्री आवास में कैबिनेट मंत्री के मीडिया सलाहकार बालाजी केसरवानी ने बताया कि इस कोठी को भूतिया बंगला माना जाता था. जो भी यहां रहता था उसके साथ परेशानियां पीछे लग जाती थी. वर्ष 2017 में जब मंत्री नंदी को यह बंगला मिला तो यहां पूजा पाठ शुरू किया गया और नंदी ने न केवल अपना शानदार कार्यकाल पूरा किया बल्कि यूपी विधानसभा चुनाव में दोबारा जीत भी दर्ज की है.
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के बगल वाले इस बंगले में मंत्री रहने से डरते थे. यही वजह रही कि अधिकारियों को यह आवास एलॉट किया जाने लगा. नीरा यादव को यह बंगला दिया गया लेकिन वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सकीं और उनको जेल जाना पड़ा. पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा को भी उनकी सरकार के दौरान यह मंत्री आवास दिया गया लेकिन उनपर कई गंभीर आरोप लगे और उन्हें भी जेल जाना पड़ा.
समाजवादी सरकार में मंत्री राजेन्द्र चौधरी को यह कोठी दी गई, जिसके बाद उनसे महत्वपूर्ण विभाग छिन गया. उन्होंने भी इस कोठी को खाली कर दिया. जावेद आब्दी का भी कार्यकाल कुछ बेहतर नहीं रहा और समाजवादी पार्टी के भरे मंच से उनको धक्के खाने पड़े जिसकी चर्चा आज भी होती है.
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