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यूपी में Blood Relation में संपत्ति हस्तांतरण के लगेंगे सिर्फ 5 हजार रुपये, अनंत काल तक रहेगा यह नियम

सीएम योगी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग (Stamp and Registration Department) के रक्त संबंधी नियमों में छूट देने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. इस योजना के लागू होने से प्रदेश के लाखों नागरिकों फायदा होगा.

CM Yogi
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Published : Aug 2, 2023, 6:25 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 5 हजार रुपये के स्टांप पर रक्त संबंधियों में संपत्ति रजिस्ट्री करने का फैसला किया है. अब लोग अपनी कीमती संपत्ति को अपने रक्त संबंधियों को रजिस्ट्री कर सकते हैं. राज्य मंत्रिमंडल के इस प्रस्ताव का लाभ अब प्रदेश के लाखों लोगों को मिलेगा.


वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि जून 2022 में इस योजना को केवल 6 महीने के लिए शुरू किया गया था. लेकिन अब यह लोकप्रिय योजना बन गई है. सरकार ने इसे फिर से शुरू करने का फैसला किया और अनंत काल तक लागू रखने का प्रस्ताव किया है. यदि संपत्ति का हस्तांतरण बेटे, बेटी, पिता, मां, पति, पत्नी, बेटी को किया जा रहा है तो पंजीकरण के लिए 5 हजार रुपये और एक हजार रुपये का अतिरिक्त प्रसंस्करण शुल्क लागू होगा. साला, सगा भाई, बहन, दामाद और पोते-पोतियां पर भी यह व्यवस्था लागू होगी.


वित्त मंत्री ने कहा कि पहले उत्तर प्रदेश में किसी भी व्यक्ति को संपत्ति हस्तांतरित करने पर संपत्ति की लागत का 7 प्रतिशत स्टांप शुल्क पंजीकरण करना होता था. किसी संपत्ति के मालिक के रूप में अगर वह अपनी संपत्ति को अपने बच्चे या किसी अन्य करीबी रिश्तेदार को हस्तांतरित करना चाहता था, तो वह इसे केवल या तो हस्तांतरित कर सकता था या बेच सकता था. भूमि स्वामी की मृत्यु के बाद सबसे अधिक वसीयत प्रभावी होती थी. इस नये नियम से इस समस्या का समाधान हो जायेगा. जिस काम में पहले लाखों, करोड़ों रुपए खर्च होता था. वह काम अब केवल 5 हजार रुपये में हो जाएगा. इस योजना के लागू होने से प्रदेश के लाखों नागरिकों फायदा होगा.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 5 हजार रुपये के स्टांप पर रक्त संबंधियों में संपत्ति रजिस्ट्री करने का फैसला किया है. अब लोग अपनी कीमती संपत्ति को अपने रक्त संबंधियों को रजिस्ट्री कर सकते हैं. राज्य मंत्रिमंडल के इस प्रस्ताव का लाभ अब प्रदेश के लाखों लोगों को मिलेगा.


वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि जून 2022 में इस योजना को केवल 6 महीने के लिए शुरू किया गया था. लेकिन अब यह लोकप्रिय योजना बन गई है. सरकार ने इसे फिर से शुरू करने का फैसला किया और अनंत काल तक लागू रखने का प्रस्ताव किया है. यदि संपत्ति का हस्तांतरण बेटे, बेटी, पिता, मां, पति, पत्नी, बेटी को किया जा रहा है तो पंजीकरण के लिए 5 हजार रुपये और एक हजार रुपये का अतिरिक्त प्रसंस्करण शुल्क लागू होगा. साला, सगा भाई, बहन, दामाद और पोते-पोतियां पर भी यह व्यवस्था लागू होगी.


वित्त मंत्री ने कहा कि पहले उत्तर प्रदेश में किसी भी व्यक्ति को संपत्ति हस्तांतरित करने पर संपत्ति की लागत का 7 प्रतिशत स्टांप शुल्क पंजीकरण करना होता था. किसी संपत्ति के मालिक के रूप में अगर वह अपनी संपत्ति को अपने बच्चे या किसी अन्य करीबी रिश्तेदार को हस्तांतरित करना चाहता था, तो वह इसे केवल या तो हस्तांतरित कर सकता था या बेच सकता था. भूमि स्वामी की मृत्यु के बाद सबसे अधिक वसीयत प्रभावी होती थी. इस नये नियम से इस समस्या का समाधान हो जायेगा. जिस काम में पहले लाखों, करोड़ों रुपए खर्च होता था. वह काम अब केवल 5 हजार रुपये में हो जाएगा. इस योजना के लागू होने से प्रदेश के लाखों नागरिकों फायदा होगा.

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