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बजट से व्यापारियों में नाराजगी, कहा- आशाओं पर खरी नहीं उतरी सरकार

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आम बजट-2020 पेश किया. वहीं राजधानी लखनऊ में बजट को लेकर व्यापारी वर्ग में नाराजगी देखने को मिली.

राजकुमार यादव, अध्यक्ष, सर्वहित व्यापार मंडल
राजकुमार यादव, अध्यक्ष, सर्वहित व्यापार मंडल
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Published : Feb 1, 2020, 4:11 PM IST

लखनऊ: लोकसभा में शनिवार को वित्त मंत्री निर्मल सीतारमण ने बजट-2020 पेश किया. सरकार के इस बजट पर व्यापारी समाज ने नाराजगी जाहिर की है. उनका कहना है कि यह बजट उनकी आशाओं के अनुरूप नहीं रहा.

जानकारी देते संवाददाता.

ऑनलाइन बिक्री से जूझ रहे व्यापारियों को देने के लिए सरकार की तरफ से कोई कदम नहीं उठाए गए हैं. लघु उद्योगों को बढ़ावा देने की कोई सोच भी बजट में नहीं दिखाई दी है. टैक्स स्लैब में बदलाव से राहत तो दी गई है लेकिन कारोबारियों के अनुसार सरकार ने आंकड़ों से खेला है.

बजट एलान होने से व्यापारी हुए नाखुश
व्यापारी समाज को बजट से काफी उम्मीदें और आशाएं थीं. उन्होंने उम्मीदें लगा रखी थीं कि सरकार की तरफ से पेश होने वाले बजट में व्यापारी वर्ग के हित के लिए कुछ न कुछ तो नया होगा लेकिन ऐसा कोई भी बजट में नहीं दिखा. इस बजट के एलान होते ही व्यापारी समाज ने नाराजगी जाहिर की है.

व्यापारियों का कहना है कि जो बजट पेश किया गया है. उससे हमारी उम्मीदों को झटका लगा है. सरकार ने व्यापारियों की आशा के अनुरूप बजट में कोई भी प्रावधान नहीं किया है. व्यापारियों को उम्मीद थी कि ऑनलाइन व्यापार पर नकेल कसने के लिए सरकार कुछ व्यापक कदम उठाएगी. लंबे समय से लंबित व्यापारियों की इस मांग को सरकार ने बजट में कहीं भी ध्यान नहीं दिया.

लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार से लगातार मांग की जा रही थी कि उनके लिए विशेष प्रावधान किए जाएं. सरकार ने इस दिशा में भी व्यापारियों की मांग को देखते हुए कुछ नहीं किया. बजट पूरी तरीके से निराशाजनक है और इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव ने थोड़ी सी राहत देने का कार्य किया है लेकिन वह नाकाफी है.

इसे भी पढ़ें:- लखनऊ: सीएम योगी ने पॉलिटेक्निक कॉलेज निर्माण के लिए दी करोड़ों की सौगात

लखनऊ: लोकसभा में शनिवार को वित्त मंत्री निर्मल सीतारमण ने बजट-2020 पेश किया. सरकार के इस बजट पर व्यापारी समाज ने नाराजगी जाहिर की है. उनका कहना है कि यह बजट उनकी आशाओं के अनुरूप नहीं रहा.

जानकारी देते संवाददाता.

ऑनलाइन बिक्री से जूझ रहे व्यापारियों को देने के लिए सरकार की तरफ से कोई कदम नहीं उठाए गए हैं. लघु उद्योगों को बढ़ावा देने की कोई सोच भी बजट में नहीं दिखाई दी है. टैक्स स्लैब में बदलाव से राहत तो दी गई है लेकिन कारोबारियों के अनुसार सरकार ने आंकड़ों से खेला है.

बजट एलान होने से व्यापारी हुए नाखुश
व्यापारी समाज को बजट से काफी उम्मीदें और आशाएं थीं. उन्होंने उम्मीदें लगा रखी थीं कि सरकार की तरफ से पेश होने वाले बजट में व्यापारी वर्ग के हित के लिए कुछ न कुछ तो नया होगा लेकिन ऐसा कोई भी बजट में नहीं दिखा. इस बजट के एलान होते ही व्यापारी समाज ने नाराजगी जाहिर की है.

व्यापारियों का कहना है कि जो बजट पेश किया गया है. उससे हमारी उम्मीदों को झटका लगा है. सरकार ने व्यापारियों की आशा के अनुरूप बजट में कोई भी प्रावधान नहीं किया है. व्यापारियों को उम्मीद थी कि ऑनलाइन व्यापार पर नकेल कसने के लिए सरकार कुछ व्यापक कदम उठाएगी. लंबे समय से लंबित व्यापारियों की इस मांग को सरकार ने बजट में कहीं भी ध्यान नहीं दिया.

लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार से लगातार मांग की जा रही थी कि उनके लिए विशेष प्रावधान किए जाएं. सरकार ने इस दिशा में भी व्यापारियों की मांग को देखते हुए कुछ नहीं किया. बजट पूरी तरीके से निराशाजनक है और इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव ने थोड़ी सी राहत देने का कार्य किया है लेकिन वह नाकाफी है.

इसे भी पढ़ें:- लखनऊ: सीएम योगी ने पॉलिटेक्निक कॉलेज निर्माण के लिए दी करोड़ों की सौगात

Intro:लोकसभा में आज 2020 का बजट पेश किया गया है, सरकार के इस बजट पर व्यापारी समाज ने नाराजगी जाहिर की है उनका कहना है कि यह बजट उनकी आशाओं के अनुरूप नहीं रहा। ऑनलाइन बिक्री से जूझ रहे व्यापारियों को देने के लिए सरकार की तरफ से कोई कदम नहीं उठाए गए हैं। लघु उद्योगों को बढ़ावा देने की कोई सोच भी बजट में नहीं दिखी। टैक्स स्लैब में बदलाव से राहत तो दी गई है लेकिन कारोबारियों के अनुसार सरकार द्वारा आंकड़ों से खेला गया है।


Body:व्यापारी समाज को आज के बजट से काफी उम्मीदें थी, आशाएं थी। उन्होंने उम्मीदें लगा रखी थी कि सरकार की तरफ से पेश होने वाले बजट में व्यापारी वर्ग के हित के लिए कुछ ना कुछ तो नया होगा लेकिन ऐसा कोई भी बजट में नहीं दिखा। व्यापारी समाज ने नाराजगी जाहिर की है।

बाईट 01_ राजकुमार यादव अध्यक्ष_ सर्वहित व्यापार मंडल, उत्तर प्रदेश।

सरकार द्वारा पेश बजट से हमारी उम्मीदों को झटका लगा है। सरकार ने व्यापारियों की आशा के अनुरूप बजट में कोई भी प्रावधान नहीं किया है। व्यापारियों को उम्मीद थी, ऑनलाइन व्यापार पर नकेल कसने के लिए सरकार कुछ व्यापक कदम उठाएगी, लेकिन लंबे समय से लंबित व्यापारियों की इस मांग को सरकार ने बजट में कहीं भी ध्यान नहीं दिया। लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार से लगातार मांग की जा रही थी कि उनके लिए विशेष प्रावधान किए जाएं परंतु सरकार ने इस दिशा में भी व्यापारियों की मांग को देखते हुए भी कुछ नहीं किया। बजट पूर्णता निराशाजनक है। इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव ने थोड़ी सी राहत देने का कार्य किया है लेकिन वह नाकाफी है।

बाईट 02_ राहुल वर्मा, सर्राफा व्यापारी

व्यापारियों को उम्मीद थी कि सरकार की तरफ से सर्राफा व्यापारियों को राहत दी जाएगी। सोने की नगद खरीद का दायरा बढ़ाया जाएगा परंतु ऐसा बजट में कुछ भी नहीं हुआ। 10 ग्राम सोने की कीमत होने पर ढाई लाख में ढाई सौ ग्राम सोना खरीद लिया जाता था। लेकिन अब 10 ग्राम सोने की कीमत 40 रूपया है, 4 लाख में 100 ग्राम सोना ही रहा है। नगद में सोना खरीदने की लिमिट का दायरा नहीं बढ़ाया गया है।


Conclusion:रितेश यादव
UP10003
09336455624
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