लखनऊ: लोकसभा में शनिवार को वित्त मंत्री निर्मल सीतारमण ने बजट-2020 पेश किया. सरकार के इस बजट पर व्यापारी समाज ने नाराजगी जाहिर की है. उनका कहना है कि यह बजट उनकी आशाओं के अनुरूप नहीं रहा.
ऑनलाइन बिक्री से जूझ रहे व्यापारियों को देने के लिए सरकार की तरफ से कोई कदम नहीं उठाए गए हैं. लघु उद्योगों को बढ़ावा देने की कोई सोच भी बजट में नहीं दिखाई दी है. टैक्स स्लैब में बदलाव से राहत तो दी गई है लेकिन कारोबारियों के अनुसार सरकार ने आंकड़ों से खेला है.
बजट एलान होने से व्यापारी हुए नाखुश
व्यापारी समाज को बजट से काफी उम्मीदें और आशाएं थीं. उन्होंने उम्मीदें लगा रखी थीं कि सरकार की तरफ से पेश होने वाले बजट में व्यापारी वर्ग के हित के लिए कुछ न कुछ तो नया होगा लेकिन ऐसा कोई भी बजट में नहीं दिखा. इस बजट के एलान होते ही व्यापारी समाज ने नाराजगी जाहिर की है.
व्यापारियों का कहना है कि जो बजट पेश किया गया है. उससे हमारी उम्मीदों को झटका लगा है. सरकार ने व्यापारियों की आशा के अनुरूप बजट में कोई भी प्रावधान नहीं किया है. व्यापारियों को उम्मीद थी कि ऑनलाइन व्यापार पर नकेल कसने के लिए सरकार कुछ व्यापक कदम उठाएगी. लंबे समय से लंबित व्यापारियों की इस मांग को सरकार ने बजट में कहीं भी ध्यान नहीं दिया.
लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार से लगातार मांग की जा रही थी कि उनके लिए विशेष प्रावधान किए जाएं. सरकार ने इस दिशा में भी व्यापारियों की मांग को देखते हुए कुछ नहीं किया. बजट पूरी तरीके से निराशाजनक है और इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव ने थोड़ी सी राहत देने का कार्य किया है लेकिन वह नाकाफी है.
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