लखनऊ: राजधानी के मोहनलालगंज थाना क्षेत्र के रहने वाले व्यापारी विश्राम रावत शनिवार की सुबह घर से दुकान जाने की बात कहकर निकले थे, लेकिन वह संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गए थे. शनिवार की रात जब विश्राम रावत घर नहीं पहुंचे. वहीं रविवार की रात को वह घर सकुशल पहुंच गए. घर पहुंचे सकुशल व्यापारी विश्राम रावत ने जब परिजनों को आपबीती सुनाई तो उनके होश उड़ गए. व्यापारी ने बताया कि फर्जी पुलिसकर्मी बनकर कुछ लोगों ने उनका अपहरण कर लिया.
मोहनलालगंज थाना इलाके के सिसेंडी गांव के रहने वाले व्यापारी विश्राम रावत शनिवार की सुबह पीजीआई के हैवतमऊ मवैया में अपनी दुकान जाने की बात कहकर घर से निकले थे. पीजीआई इलाके के हैवतमऊ मवैया में व्यापारी की पावर टूल्स की दुकान है, जहां जाने की बात कह कर वह घर से निकले हुए थे. लेकिन व्यापारी न तो उस दुकान पर पहुंचे और न ही देर रात तक वापस घर गए. परिजनों ने जब उनसे संपर्क करना चाहा तो उनका फोन नहीं लगा, जिसके बाद परिजन उनकी तलाश करने में जुट गए. रविवार रात जब विश्राम रावत घर पहुंचे तो उन्होंने परिजन को आप बीती बताई.
उन्होंने परिजन को बताया कि जब वह दुकान के लिए जा रहे थे. तभी मोहनलालगंज के धनवारा गांव के पास कुछ लोगों ने खुद को पुलिसकर्मी बताते हुए उनको जबरन उठा ले गए थे. खुद को पुलिसकर्मी बताने वाले लोगों ने उसको जेल भेजने की धमकी दी थी, लेकिन जेल न भेजने के नाम पर उनसे तीन लाख रुपयों की मांग की गई थी, जिसके बाद ही उसको सकुशल छोड़ा गया है. तभी वह आज घर पहुंचे हैं.
मोहनलालगंज इंस्पेक्टर दीनानाथ यादव ने बताया कि मोहनलालगंज के सिसेंडी गांव के रहने वाले व्यापारी विश्राम रावत की पत्नी उनको लेकर रात को कोतवाली आई. उन्होंने कई गंभीर आरोप लगाते हुए तहरीर देने की बात कही है. फिलहाल अभी तक उनकी तरफ से कोई तहरीर प्राप्त नहीं हुई है. उन्होंने कहा है इस मामले की जांच की जा रही है. जांच करने के बाद इस मामले में अगर कुछ भी साक्ष्य मिलता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.