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पटाखों से जले मरीजों की भरमार, सांस की परेशानी लेकर पहुंच रहे अस्पताल - lucknow hospitals

लखनऊ में दिवाली का त्योहार यूं तो हर्षोल्लास के साथ मनाया गया, लेकिन पटाखों की वजह से जख्मी हुए लोगों की संख्या भी अस्पतालों में खूब रही. वहीं पटाखों से होने वाले प्रदूषण से भी सांस के मरीजों की संख्या में भी इजाफा देखा गया.

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दिवाली के बाद अस्पतालों में बढ़ी भीड़.
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Published : Nov 16, 2020, 1:58 PM IST

लखनऊ: पूरे देश में 14 नवम्बर को धूमधाम से दिवाली मनाई गई. दिवाली को ध्यान में रखते हुए राजधानी लखनऊ के अस्पतालों को पहले से ही अलर्ट पर रखा गया था. इसमें अस्पतालों को विशेष सर्कुलर जारी करते हुए इमरजेंसी, सर्जरी, आईसीयू, मेडिसिन, ट्रामा सेंटर और बर्न वार्ड में कार्यरत सभी चिकित्सकों और कर्मचारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए थे. वहीं अब दिवाली बीत जाने के बाद पटाखों से जख्मी मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है.

ये रहा अस्पतालों का हाल

बलरामपुर और सिविल अस्पताल में मरीजों की संख्या आम दिनों से ज्यादा पाई गई है. बलरामपुर अस्पताल में 50 के आस-पास मरीज के 24 घंटे में भर्ती हो चुके हैं. तो वहीं सिविल अस्पताल में भी 35 से 40 की संख्या में मरीजों की संख्या बढ़ी हुई है. हालांकि सभी मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य देने की बात अस्पतालों द्वारा की जा रही है. इसमें से काफी मरीजों को प्राथमिक इलाज देकर डिस्चार्ज कर दिया गया है. गंभीर मरीजों का इलाज अभी चिकित्सकों द्वारा किया जा रहा है. वहीं पारा चौकी में पटाखों की वजह से जख्मी हुए धनवती (उम्र 26 साल), उनकी हालत भी गंभीर बनी हुई है.

प्रदूषण से पीड़ित मरीज भी पहुंचे अस्पताल

प्रदूषण से होने वाली तमाम बीमारियों को ध्यान में रखते हुए भी अस्पतालों ने खास तैयारियां की थीं. इसके बाद अब सांस से संबंधित मरीज भी अस्पतालों में पहुंच रहे हैं और उनको भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने की बात अस्पताल प्रशासन द्वारा कही जा रही है. बीते 24 घंटे में भी प्रदूषण से प्रभावित मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. इनको अस्पतालों की इमरजेंसी में इलाज दिया जा रहा है.

अस्पताल में अस्थमा और सांस के रोगियों की बढ़ोतरी हुई है और सभी को उचित उपचार दिया जा रहा.

डॉ. ज्योत्सना पंत, निदेशक, सिविल अस्पताल

लखनऊ: पूरे देश में 14 नवम्बर को धूमधाम से दिवाली मनाई गई. दिवाली को ध्यान में रखते हुए राजधानी लखनऊ के अस्पतालों को पहले से ही अलर्ट पर रखा गया था. इसमें अस्पतालों को विशेष सर्कुलर जारी करते हुए इमरजेंसी, सर्जरी, आईसीयू, मेडिसिन, ट्रामा सेंटर और बर्न वार्ड में कार्यरत सभी चिकित्सकों और कर्मचारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए थे. वहीं अब दिवाली बीत जाने के बाद पटाखों से जख्मी मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है.

ये रहा अस्पतालों का हाल

बलरामपुर और सिविल अस्पताल में मरीजों की संख्या आम दिनों से ज्यादा पाई गई है. बलरामपुर अस्पताल में 50 के आस-पास मरीज के 24 घंटे में भर्ती हो चुके हैं. तो वहीं सिविल अस्पताल में भी 35 से 40 की संख्या में मरीजों की संख्या बढ़ी हुई है. हालांकि सभी मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य देने की बात अस्पतालों द्वारा की जा रही है. इसमें से काफी मरीजों को प्राथमिक इलाज देकर डिस्चार्ज कर दिया गया है. गंभीर मरीजों का इलाज अभी चिकित्सकों द्वारा किया जा रहा है. वहीं पारा चौकी में पटाखों की वजह से जख्मी हुए धनवती (उम्र 26 साल), उनकी हालत भी गंभीर बनी हुई है.

प्रदूषण से पीड़ित मरीज भी पहुंचे अस्पताल

प्रदूषण से होने वाली तमाम बीमारियों को ध्यान में रखते हुए भी अस्पतालों ने खास तैयारियां की थीं. इसके बाद अब सांस से संबंधित मरीज भी अस्पतालों में पहुंच रहे हैं और उनको भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने की बात अस्पताल प्रशासन द्वारा कही जा रही है. बीते 24 घंटे में भी प्रदूषण से प्रभावित मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. इनको अस्पतालों की इमरजेंसी में इलाज दिया जा रहा है.

अस्पताल में अस्थमा और सांस के रोगियों की बढ़ोतरी हुई है और सभी को उचित उपचार दिया जा रहा.

डॉ. ज्योत्सना पंत, निदेशक, सिविल अस्पताल

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