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घर का सपना हुआ महंगा, राजधानी में आसान नहीं घर की राह - लखनऊ हिंदी खबरें

लखनऊ में अपना घर बनवाना आम आदमी के लिए अब आसान नहीं रहा. भवन निर्माण सामग्री की बढ़ती कीमतों ने लोगों की समस्या को बढ़ा दिया है. इसका सबसे ज्यादा असर गरीब और मध्यम वर्ग पर पड़ा है.

घर बनवाना हुआ मुश्किल
घर बनवाना हुआ मुश्किल
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Published : Feb 3, 2021, 6:11 PM IST

लखनऊ: राजधानी मे अपना घर आम आदमी के लिए अब आसान नहीं रहा. भवन निर्माण सामग्री की बढ़ती कीमतों ने इसकी राह और मुश्किल कर दी है. इसका प्रभाव सबसे ज्यादा गरीब व मध्यम वर्ग पर पड़ा है.

निर्माण सामग्री की कीमतों में उछाल

पिछले 1 साल में भवन निर्माण सामग्री की कीमतों में उछाल आया है. सरिया की कीमत 5700 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई है. 6 महीने पहले यही कीमत 4200 रुपये थी. बालू और मौरंग की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है. साल भर पहले मौरंग की कीमत 40000 रुपये प्रति 1000 घनपुर थी. जो अब 50000 रुपये प्रति 1000 घन फुट पर स्थित है. ईंट की कीमत 8 हजार प्रति हजार पर स्थिर है.

घर का सपना हुआ दूर

सीमेंट के दाम भी बढ़े

गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष सीमेंट की कीमत डेड़ सौ रुपये प्रति बोरी तक बढ़ी है. सीमेंट पर 28% पर टैक्स देना पड़ता है. अच्छी क्वालिटी की सीमेंट पांच सौ रूपये प्रति बोरी तक बिक रही है.

जमीन की कीमत में भी इजाफा

लखनऊ विकास प्राधिकरण व आवास विकास परिषद ने जमीन की दरें बढ़ा दी हैं. इससे निजी क्षेत्र में भी दाम बढ़ गए हैं. लखनऊ शहर के बाहरी क्षेत्र में भी डेढ़ से दो हजार रुपये प्रति वर्ग फुट से कम में जमीन उपलब्ध नहीं है. इससे कारोबारी भी परेशान हैं.

आम आदमी की पहुंच से बाहर हुआ घर

भवन निर्माण सामग्री की कीमतों में वृद्धि वह सरकारी रुख से रियल एस्टेट सेक्टर काफी खफा है. भवन निर्माण सामग्री का कारोबार करने वाले हों या फिर जमीन के कारोबारी हों, बाजार में आई मंदी से परेशान हैं. व्यापारियों का कहना है कि सामानों की कीमतों में तेजी आने की वजह से ये आम आदमी की पहुंच से बाहर हैं.

किसी को राहत नहीं

आम बजट में दी गई रियायतों से भवन निर्माण में कोई राहत मिलने की संभावना नहीं है. रियल इस्टेट कारोबारी हरीश पांडेय कहते हैं कि भविष्य में न तो कारोबारियों को राहत मिलने की उम्मीद है और न ही आम जनता को.

लखनऊ: राजधानी मे अपना घर आम आदमी के लिए अब आसान नहीं रहा. भवन निर्माण सामग्री की बढ़ती कीमतों ने इसकी राह और मुश्किल कर दी है. इसका प्रभाव सबसे ज्यादा गरीब व मध्यम वर्ग पर पड़ा है.

निर्माण सामग्री की कीमतों में उछाल

पिछले 1 साल में भवन निर्माण सामग्री की कीमतों में उछाल आया है. सरिया की कीमत 5700 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई है. 6 महीने पहले यही कीमत 4200 रुपये थी. बालू और मौरंग की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है. साल भर पहले मौरंग की कीमत 40000 रुपये प्रति 1000 घनपुर थी. जो अब 50000 रुपये प्रति 1000 घन फुट पर स्थित है. ईंट की कीमत 8 हजार प्रति हजार पर स्थिर है.

घर का सपना हुआ दूर

सीमेंट के दाम भी बढ़े

गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष सीमेंट की कीमत डेड़ सौ रुपये प्रति बोरी तक बढ़ी है. सीमेंट पर 28% पर टैक्स देना पड़ता है. अच्छी क्वालिटी की सीमेंट पांच सौ रूपये प्रति बोरी तक बिक रही है.

जमीन की कीमत में भी इजाफा

लखनऊ विकास प्राधिकरण व आवास विकास परिषद ने जमीन की दरें बढ़ा दी हैं. इससे निजी क्षेत्र में भी दाम बढ़ गए हैं. लखनऊ शहर के बाहरी क्षेत्र में भी डेढ़ से दो हजार रुपये प्रति वर्ग फुट से कम में जमीन उपलब्ध नहीं है. इससे कारोबारी भी परेशान हैं.

आम आदमी की पहुंच से बाहर हुआ घर

भवन निर्माण सामग्री की कीमतों में वृद्धि वह सरकारी रुख से रियल एस्टेट सेक्टर काफी खफा है. भवन निर्माण सामग्री का कारोबार करने वाले हों या फिर जमीन के कारोबारी हों, बाजार में आई मंदी से परेशान हैं. व्यापारियों का कहना है कि सामानों की कीमतों में तेजी आने की वजह से ये आम आदमी की पहुंच से बाहर हैं.

किसी को राहत नहीं

आम बजट में दी गई रियायतों से भवन निर्माण में कोई राहत मिलने की संभावना नहीं है. रियल इस्टेट कारोबारी हरीश पांडेय कहते हैं कि भविष्य में न तो कारोबारियों को राहत मिलने की उम्मीद है और न ही आम जनता को.

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