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प्राथमिकता के आधार पर नालियों और सड़कों का निर्माण कराएं: केशव प्रसाद मौर्य

लखनऊ में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को कहा कि प्राथमिकता के आधार पर नालियों और सड़कों का निर्माण कराएं.

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up government उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य Build drains and roads on priority Deputy Chief Minister Keshav Prasad Maurya Build drains and roads on priority गांवों में जलभराव की समस्या
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 13, 2023, 7:29 AM IST

लखनऊ: लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश में रविवार रात से लेकर सोमवार दोपहर तक हुई मूसलाधार बारिश ने प्रदेश सरकार के दावों की पोल खोल कर रख दी. तमाम सड़कें धंस गईं. ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त न होने से शहरों में जलभराव हो गया और गांव की स्थिति बदतर हो गई. जब बारिश ने सरकार की पोल खोली तो अब जिम्मेदार जल निकासी की समस्या दूर करने के लिए तैयारी करने में जुटे हैं.

मंगलवार को उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Deputy Chief Minister Keshav Prasad Maurya) ने कहा कि गांवों में पानी की निकासी के लिए नाली और पर्याप्त सड़कों का होना ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए बहुत आवश्यक है. कहीं-कहीं वर्षा ऋतु में जल भराव की समस्या गम्भीर हो जाती है, जिससे ग्रामीणों को असुविधा होती है. ग्रामीण क्षेत्र में पर्याप्त आंतरिक गलियां उपलब्ध हों. जलभराव की स्थिति बिल्कुल भी न हो. इसके लिए उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने उत्तर प्रदेश ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारियों को व्यापक दिशा निर्देश दिए हैं.

गांवों में जलभराव की समस्या (waterlogging problem in villages) के निदान के लिए नाली और नागरिक सुविधाओं के लिए आंतरिक सड़कों का निर्माण प्राथमिकता के आधार पर कराया जाए. उन्होंने कहा कि मनरेगा गाइड लाइन्स में निहित प्राविधानों के तहत यह कार्य प्राथमिकता के आधार पर हो. ग्राम्य विकास आयुक्त जी एस प्रियदर्शी ने सभी जिलाधिकारियों/जिला कार्यक्रम समन्वयक (मनरेगा) को जारी शासनादेशो का हवाला दिया. ऑपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत मनरेगा और राज्य वित्त/चतुर्थ राज्य वित्त / 14वां वित्त आयोग की धनराशि को प्रत्येक ग्राम पंचायत में वित्तीय वर्ष की कार्ययोजना के अनुरूप कार्यस्थलों का चिन्हांकन कर आवश्यकतानुसार पक्का खड़जे / नाली निर्माण कार्य कराया जाए.

उन्होंने कहा कि मनरेगा ऑपरेशनल गाइडलाइन और मास्टर सर्कुलर का उल्लेख कर मनरेगा गाइडलाइन के अनुसार कार्य कराया जाए. मनरेगा में श्रम सामग्री अनुपात 60:40 प्राविधानित होने के कारण सामग्री मद सीमित ही रहेगा. इस सामग्री मद में नागरिक सुविधाओं के लिए आंतरिक सड़कों और जल प्रवाह के लिए नालियों का बनाया जाना प्राथमिकता है.

ये भी पढ़ें- इलाज के बहाने युवती को किया बेहोश, फिर रेप कर बनाया अश्लील वीडियो

लखनऊ: लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश में रविवार रात से लेकर सोमवार दोपहर तक हुई मूसलाधार बारिश ने प्रदेश सरकार के दावों की पोल खोल कर रख दी. तमाम सड़कें धंस गईं. ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त न होने से शहरों में जलभराव हो गया और गांव की स्थिति बदतर हो गई. जब बारिश ने सरकार की पोल खोली तो अब जिम्मेदार जल निकासी की समस्या दूर करने के लिए तैयारी करने में जुटे हैं.

मंगलवार को उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Deputy Chief Minister Keshav Prasad Maurya) ने कहा कि गांवों में पानी की निकासी के लिए नाली और पर्याप्त सड़कों का होना ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए बहुत आवश्यक है. कहीं-कहीं वर्षा ऋतु में जल भराव की समस्या गम्भीर हो जाती है, जिससे ग्रामीणों को असुविधा होती है. ग्रामीण क्षेत्र में पर्याप्त आंतरिक गलियां उपलब्ध हों. जलभराव की स्थिति बिल्कुल भी न हो. इसके लिए उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने उत्तर प्रदेश ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारियों को व्यापक दिशा निर्देश दिए हैं.

गांवों में जलभराव की समस्या (waterlogging problem in villages) के निदान के लिए नाली और नागरिक सुविधाओं के लिए आंतरिक सड़कों का निर्माण प्राथमिकता के आधार पर कराया जाए. उन्होंने कहा कि मनरेगा गाइड लाइन्स में निहित प्राविधानों के तहत यह कार्य प्राथमिकता के आधार पर हो. ग्राम्य विकास आयुक्त जी एस प्रियदर्शी ने सभी जिलाधिकारियों/जिला कार्यक्रम समन्वयक (मनरेगा) को जारी शासनादेशो का हवाला दिया. ऑपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत मनरेगा और राज्य वित्त/चतुर्थ राज्य वित्त / 14वां वित्त आयोग की धनराशि को प्रत्येक ग्राम पंचायत में वित्तीय वर्ष की कार्ययोजना के अनुरूप कार्यस्थलों का चिन्हांकन कर आवश्यकतानुसार पक्का खड़जे / नाली निर्माण कार्य कराया जाए.

उन्होंने कहा कि मनरेगा ऑपरेशनल गाइडलाइन और मास्टर सर्कुलर का उल्लेख कर मनरेगा गाइडलाइन के अनुसार कार्य कराया जाए. मनरेगा में श्रम सामग्री अनुपात 60:40 प्राविधानित होने के कारण सामग्री मद सीमित ही रहेगा. इस सामग्री मद में नागरिक सुविधाओं के लिए आंतरिक सड़कों और जल प्रवाह के लिए नालियों का बनाया जाना प्राथमिकता है.

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