लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर तक देश के 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में राशन देने की बात कही थी. इस पर बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि नवंबर तक ही नहीं, बल्कि कोरोना प्रकोप के रहने तक गरीबों को अनाज वितरित किया जाना चाहिए.
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1. In order to check ignominy of starvation on account of long unprecedented hardship & unemployment due to coronavirus and subsequent nationwide lockdown, the PM Garib Kalyan Anna Yojna must continue not till November but till the end of the pandemic, this is the demand of BSP.
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— Mayawati (@Mayawati) July 1, 2020
मायावती ने किया ट्विट
बसपा अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को ट्वीट करके कहा कि कोरोना वायरस व लॉकडाउन की पाबंदी समेत बेरोजगारी आदि की जबरदस्त मार से पीड़ित देशवासियों को भुखमरी की असहनीय स्थिति से बचाने के लिए पीएम गरीब कल्याण योजना को नवंबर तक ही नहीं, बल्कि देश में कोरोना प्रभाव के जारी रहने तक अवश्य ही जारी रहनी चाहिए. भाजपा सरकार से बहुजन समाज पार्टी की यह मांग है.
क्या है पीएम गरीब कल्याण योजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते मंगलवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए ‘पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना’ को नवंबर तक बढ़ाने का एलान किया है. इस योजना के अंतर्गत 80 करोड़ लोगों को 5 किलो गेंहू या चावल मुफ्त मिलेगा. सरकार जरूरतमंद परिवारों को नवंबर तक पांच किलो गेंहू या चावल और हर परिवार को एक किलो चना नवंबर तक उपलब्ध कराएगी.
गरीबों को मिलेगा लाभ
‘एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड’ के तहत ही पूरे भारत में राशन वितरण का कार्य होगा. इसका सबसे बड़ा लाभ उन गरीब साथियों को मिलेगा, जो रोजगार या दूसरी आवश्यकताओं के लिए अपना गांव छोड़कर के कहीं और जाते हैं. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत गरीबों के लिए पौने दो लाख करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया. बीते 3 महीनों में 20 करोड़ गरीब परिवारों के जनधन खातों में सीधे 31 हजार करोड़ रुपए जमा करवाए गए.
कोरोना मरीजों के शवों को गड्ढे में फेंकने की घटना पर मायावती ने जताया दुख
बसपा अध्यक्ष मायावती ने कर्नाटक के बेल्लारी में कोरोना मरीजों के शवों को गड्ढे में फेंकने की घटना पर दुख जताया है. मायावती ने ऐसी घटना व दृश्य को मानवता को शर्मसार करने वाला करार दिया है. कोरोना वायरस संक्रमित लोगों के साथ ही वैसे ही क्रूर व्यवहार की शिकायत आम बात है, लेकिन उनके शवों के साथ इस प्रकार की दरिंदगी के दोषियों को सजा देने की जरूरत है.
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2. The tragedy that the bodies of COVID-19 victims being thrown into trenches in Ballari, Karnataka is height of cruelty & an insult to humanity. Though incidents related to inhuman cruelty with corona patients are rampant but guilty of Ballari must be punished by the state govt.
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— Mayawati (@Mayawati) July 1, 2020
क्या है बेल्लारी की घटना
बीते दिनों कर्नाटक के बेल्लारी से एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. वीडियो में पीपीई किट पहने कर्मचारी एक गाड़ी से काली चादर में लिपटे एक के बाद एक कई शव निकाल रहे होते हैं. इसके बाद वे पास में ही मशीन से खोदे गए बड़े गड्ढे में सभी शवों को गलत तरीके से दफनाते जाते हैं.