लखनऊः बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को ऐसा ट्वीट किया था, जिसे लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई कि लोकसभा चुनाव से पहले यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर नरम पड़ती जा रही हैं. उनके ट्वीट को लेकर राजनीतिक गलियारों में कई तरह के कयास लगाए जाने लगे है.इसके उलट दूसरे ही दिन बसपा सुप्रीमो मायावती ने समाजवादी पार्टी को निशाने पर ले लिया. मायावती ने विधायकों की बड़ी संख्या होने के बावजूद सदन में भाजपा के खिलाफ मुखर होकर विरोध न करने पर समाजवादी पार्टी पर हमला बोला है.
मायावती ने ट्वीट कर लिखा है कि, भाजपा की घोर जातिवादी, साम्प्रदायिक व जनहित-विरोधी नीतियों के विरुद्ध उत्तर प्रदेश की सेक्युलर शक्तियों ने सपा को वोट देकर यहां प्रमुख विपक्षी पार्टी तो बना दिया, लेकिन यह पार्टी भाजपा को कड़ी टक्कर देने में विफल साबित होती हुई साफ दिख रही है, क्यों?
मायावती ने इसके बाद एक और ट्वीट कर लिखा कि यही कारण है कि भाजपा सरकार को यूपी की करोड़ों जनता के हित व कल्याण के विरुद्ध पूरी तरह से निरंकुश व जनविरोधी सोच व कार्यशैली के साथ काम करने की छूट मिली हुई है. विधानसभा में भी भारी संख्या बल होने के बावजूद सरकार के विरुद्ध सपा काफी लाचार व कमजोर दिखती है, अति-चिन्तनीय.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों में से बहुजन समाज पार्टी को सिर्फ एक ही सीट पर जीत हासिल हुई थी. बसपा का वर्तमान में सिर्फ एक ही विधायक है जबकि समाजवादी पार्टी ने अकेले ही विधानसभा में 111 सीटें जीती थी और विपक्ष के रूप में बड़ी तादाद में समाजवादी पार्टी के सदस्य सदन के अंदर मौजूद हैं.
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