लखनऊ: धनतेरस के मौके पर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती (BSP President Mayawati) ने पार्टी मुख्यालय पर प्रदेश स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया. इस दौरान उन्होंने आगामी निकाय चुनाव को लेकर पदाधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए. जून माह से शुरू हुए सदस्यता अभियान की समीक्षा की, साथ ही इस दौरान बसपा सुप्रीमो ने साफ तौर पर पदाधिकारियों को निर्देश दिए कि 15 जनवरी को होने वाले उनके जन्मदिवस को सादगी के साथ मनाया जाए. इस मौके पर किसी तरह के कोई कीमती उपहार देने के बजाय सीधे तौर पर पार्टी हित में आर्थिक मदद करें जिससे चुनावों में खर्च की भरपाई की जा सके.
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने अपनी पार्टी के बड़े पदाधिकारियों का शनिवार को सम्मेलन आयोजित किया. आगामी स्थानीय निकाय चुनाव के मद्देनजर पार्टी के पदाधिकारियों को बसपा सुप्रीमो मायावती ने संबोधित करते हुए कहा कि अब बहुजन समाज पार्टी के संगठन में फेरबदल के बाद सीनियर लोगों को नई जिम्मेदारी सौंपी गई है. सर्व समाज में पार्टी के जनाधार को तेजी से बढ़ाकर बीजेपी का सही व सार्थक विकल्प बनने के लिए जरूरी दिशा निर्देश दिए. उन पर बिना किसी कोताही के पूरी ईमानदारी व निष्ठा से काम करने की सख्त हिदायत भी दी. मायावती ने कहा कि यूपी में स्थानीय निकाय चुनाव को पूरी मुस्तैदी के साथ लड़ने के लिए पार्टी संगठन की भरपूर तैयारी के साथ 31 जून से जारी पार्टी के विशेष सदस्यता अभियान के विस्तृत रिपोर्ट ली.
मायावती ने निकाय चुनाव के मद्देनजर स्थगित रखने का निर्देश देते हुए कहा कि विरोधी पार्टियां साम, दाम, दंड, भेद जैसे हथकंडे अपनाकर बीएसपी को कमजोर करने में सक्रिय हैं. इसके प्रति लोगों को वास्तविकता बताकर आगे के लिए सजग व सावधान करते रहना है. आने वाले चुनावों में इसके नुकसान से पार्टी का मूवमेंट को बचाना है. पार्टी के जनाधार को बढ़ाने और दूसरे कार्यों के लिए पार्टी की परंपरा के अनुसार छोटी-छोटी कैडर मीटिंग करने पर ही ज्यादा जोर दिया जाए. उन्होंने कहा कि बीएसपी को बड़े-बड़े पूंजीपतियों धन्नासेठों के समर्थक पार्टियों के उनके हर जिले का अनुश्रवण कतई नहीं करना है.
खासकर, आजकल की जबरदस्त महंगाई, गरीबी और बेरोजगारी के कारण तंगी के हालात में ऐसा करना त्रस्त युवाओं और मिडिल क्लास जनता को भी बहुत बुरा लगता है. वह इसे उन्हें मुंह चिढ़ाने जैसा ही मानते हैं. भारतीय जनता पार्टी पर प्रहार करते हुए कहा कि बीजेपी को सत्ता से अच्छे दिन पाने का उनका अनुभव अभी तक थोड़ा भी सही साबित नहीं होने से जनता काफी दुखी है. बीजेपी सरकार द्वारा बहुप्रतीक्षित विकास, जनहित व जनकल्याण आदि पर समुचित ध्यान देने के बजाय गरीब विरोधी कार्य और कोरी बयानबाजी पर ही इनका ज्यादातर समय व सरकारी संसाधन बर्बाद होता हुआ नजर आता है.
इस सम्मेलन की एक खास बात यह भी है की हाल ही में समाजवादी पार्टी छोड़कर बहुजन समाज पार्टी ज्वाइन करने वाले इमरान मसूद आगे की पंक्ति में बैठे हुए थे. वहीं पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्र कहीं नजर ही नहीं आ रहे थे. पदाधिकारियों के बीच यह चर्चा का विषय भी बना था. पहली बार बहुजन समाज पार्टी अपने सिंबल पर निकाय चुनाव लड़ रही है. लिहाजा, मायावती पदाधिकारियों को इस चुनाव में जुट जाने के लिए दिशा निर्देश दे रही हैं.
पिछले तकरीबन एक से दो माह से बसपा सुप्रीमो मायावती फिर से पूरी तरह सक्रिय नजर आने लगी हैं. विभिन्न दल छोड़कर बसपा ज्वाइन करने वाले नेताओं को पार्टी ज्वाइन कराना हो या फिर बड़े नेताओं के साथ बैठक कर उत्तर प्रदेश में पार्टी को मजबूत करने की रणनीति बनानी हो, पिछले कुछ दिनों से मायावती ने सक्रियता बढ़ा दी है. इस सम्मेलन में पार्टी के संयोजक, मंडल कोऑर्डिनेटर, प्रभारी और जिला अध्यक्ष शामिल होने पहुंचे हैं. पार्टी के सूत्रों की मानें तो मायावती पदाधिकारियों से सबसे पहले बहुजन समाज पार्टी के सदस्यता अभियान के बारे में जानकारी हासिल करेंगी. इसके बाद आगामी निकाय चुनाव को लेकर रणनीति बनाएंगी. पदाधिकारियों को दिशा निर्देश जारी करेंगी.
मायावती ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकारें अपनी गरीब विरोधी, धन्नासेठ समर्थक गलत नीतियों के कारण जनसंख्या को निधि के रूप में उसका सदुपयोग करने में विफल साबित हो रही हैं. इस पर ध्यान भटकाने के लिए ही इसे बोझ बताकर इस मुद्दे को भी सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास लगातार किया जा रहा है जनता का ध्यान बंटाने के लिए आरएसएस द्वारा अब खासकर नई जनसंख्या नियंत्रण नीति व धर्मांतरण का बेसुरा राग अलापा जा रहा है. जो अनुचित है.
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