लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा में बजट पर बसपा नेता विधानमंडल लालजी वर्मा ने सरकार के बजट पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि वर्ष 2019-20 का बजट करीब चार लाख 79 हजार करोड़ का था. लेकिन यह पहली सरकार है, जिसमें इतना बड़ा बजट नहीं खर्च हुआ है. यह सरकार अनुमानित बजट भी नहीं खर्च कर पाई.
लालजी वर्मा ने कहा कि, विकास के काम अवरुद्ध हो गए हैं. कानून व्यवस्था की हालत प्रदेश में बद से बदतर हो गई है. यह हम नहीं कह रहे हैं. एनसीआरबी का आंकड़ा कह रहा है कि, उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था बहुत खराब है.
बजट पर उठाए सवाल
उन्होंने कहा कि, वर्ष 2019-20 का बजट करीब चार लाख 79 हजार करोड़ का था. अनुपूरक को मिलाकर यह बजट चार लाख 97 हजार करोड़ का हो गया. जबकि, अभी तक दो लाख 94 हजार करोड़ के आसपास व्यय हुआ है. आमतौर पर यह आंकड़ा करीब 50 से 60 हजार करोड़ रुपये ही हुआ करता था, लेकिन यह पहली सरकार है, जब इतना बड़ा बजट नहीं खर्च हुआ है. यह सरकार अनुमानित बजट भी नहीं खर्च कर पाई.
'प्रदेश में जंगलराज'
लालजी वर्मा ने कहा कि, प्रदेश में जंगलराज है. कानून व्यवस्था ध्वस्त है, जिसके कारण कोई उद्यमी उत्तर प्रदेश में नहीं आ रहा है. गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान नहीं हो रहा है. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिस मठ के महंत हैं, उस मठ का भी गन्ना मूल्य बकाया है. जब उस मठ का बकाया है, तो अन्य किसानों का क्या हाल होगा. अनुसूचित जाति और पिछड़े लोगों की बजट में 14 प्रतिशत तक कमी की गई है. यह सरकार पिछड़ों अल्पसंख्यकों और अनुसूचित जाति विरोधी है. फिर से यह चाहते हैं कि राजा रजवाड़ों की तरह सरकार चले. इस परिपाटी पर सरकार कदम बढ़ा रही हैं.
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