लखनऊ : आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने रविवार को बसपा पर जमकर निशाना साधा. अयोध्या से शुरू हुए बसपा के ब्राह्मण सम्मेलन को उन्होंने नौटंकी बताया. कहा कि चुनाव के समय ही बसपा को ब्राह्मण क्यों याद आए. बसपा तब कहां थी जब लखनऊ में नृपेंद्र मिश्र की हत्या कर दी गई. तब उसे ब्राह्मणों की चिंता नहीं हुई.
सभाजीत ने कहा कि प्रबुद्ध ब्राह्मण समाज बसपा सुप्रीमो मायावती और महासचिव सतीश चंद्र मिश्र के चक्कर में नहीं फंसने वाला है. निर्दोष खुशी दुबे एक साल से जेल में है लेकिन बसपा ने कभी आवाज नहीं उठाई. वहीं, आम आदमी पार्टी हमेशा से खुशी दुबे की रिहाई की मांग तथ्यों के साथ करती रही है. सभाजीत ने कहा कि बसपा की कथनी और करनी के इसी अंतर के चलते उसके सम्मेलनों में न तो ब्राह्मण जुट रहे हैं और न ही बसपा के कार्यकर्ता.
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सभाजीत सिंंह ने कहा कि नृपेंद्र मिश्र की हत्या के समय कहां थी बीएसपी. खुशी दुबे एक साल से जेल में बंद है. बसपा को उसकी सुध लेने की फुरसत आज तक नहीं मिली. कहा कि बसपा भाजपा की B-Team है. अंदरखाने वह भाजपा को फायदा पहुंचाना चाहती है. कहा कि आने वाले चुनाव में बसपा का चुनाव निशान हाथी के सूंड में कमल का फूल होने जा रहा है.
ब्राह्मण सम्मेलन को दिखावा बताते हुए सभाजीत सिंह ने जमीन पर बसपा की तरफ से इस समाज की भलाई के लिए कुछ नहीं किया गया. वे मानते हैं कि अगर बसपा सही मायनों में ब्राह्मणों की सोचती तो निर्दोष खुशी दुबे को बचाने के लिए पहले ही आवाज उठा दी होती.
आप अध्यक्ष ने कहा कि बसपा का ब्राह्मण समुदाय से कोई लेना देना नहीं. वह केवल चुनाव में राजनीतिक लाभ लेने के लिए ब्राह्मणों का इस्तेमाल करने की कोशिश में है. यूपी के मतदाता बसपा प्रमुख की मंशा पूरी तरह समझ चुके हैं. इस बार उनकी दाल नहीं गलने वाली.