लखनऊः संसद का बजट सत्र शुरू होने से पहले ही राजनीतिक पार्टियां अपना एजेंडा तय कर ली हैं. आज से शुरू हो रहे बजट सत्र में करीब 19 पार्टियां राष्ट्रपति के अभिभाषण के बहिष्कार का एलान कर दिया है. कुछ दिनों से केंद्र सरकार को लेकर नरम रुख अख्तियार करने वाली बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी बजट सत्र के अंतिम क्षणों में तेवर बदल दिया है. तीनों कृषि कानूनों के वापस न होने से नाराज मायावती ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने का फैसला किया है.
बहुजन समाज पार्टी ने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को दोहराई है. किसानों के साथ चल रहे घटनाक्रम को लेकर मायावती काफी नाराज हैं और उन्होंने संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण का एलान भी कर दिया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को हर हाल में तीनों कृषि कानून वापस करने चाहिए.
जनहित के मामले पर ढुलमुल रवैया अपना रही सरकार
बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट करके कहा है कि बीएसपी ने देश के आंदोलित किसानों के तीन विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग नहीं मानने व जनहित आदि के मामलों में भी लगातार काफी ढुलमुल रवैया अपनाने के विरोध में, आज राष्ट्रपति के संसद में होने वाले अभिभाषण का बहिष्कार करने का फैसला लिया है.
किसानों को बलि का बकरा न बनाए केंद्र सरकार
बसपा सुप्रीमो पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आगे लिखा है कि कृषि कानूनों को वापस लेकर दिल्ली आदि में स्थिति को सामान्य करने का केन्द्र से पुनः अनुरोध तथा गणतंत्र दिवस के दिन हुए दंगे की आड़ में निर्दोष किसान नेताओं को बलि का बकरा न बनाए. इस मामले में यूपी के बीकेयू व अन्य नेताओं की आपत्ति में भी काफी सच्चाई. सरकार इस पर ध्यान दे.