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Body Elections In UP : अप्रैल के अंत तक हो सकती है निकाय चुनाव की घोषणा, मार्च के आखिर में पिछड़ा वर्ग आयोग देगा अपनी रिपोर्ट - उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव

उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव (Body Elections In UP) को लेकर मुख्यमंत्री ने पिछड़ों के आरक्षण में ट्रिपल टेस्ट फार्मूला लागू करने की घोषणा की थी. यह घोषणा हाईकोर्ट के निर्णय के बाद की गई थी. जिसके बाद नगर विकास विभाग की ओर से आयोग का गठन किया गया था.

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Published : Feb 4, 2023, 11:14 PM IST

Updated : Feb 4, 2023, 11:44 PM IST

लखनऊ : निकाय चुनाव के लिए ट्रिपल टेस्ट के आधार पर आरक्षण तय करने के लिए बनाया ओबीसी आयोग मार्च के अंतिम सप्ताह तक अंतरिम रिपोर्ट देगा. निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के लिए आयोग मार्च के अंतिम सप्ताह तक अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा. पांच सदस्यीय आयोग की दो टीमों ने अब तक 30 जिलों का दौरा किया है. सूत्रों की मानें तो सरकार की इच्छा है कि अप्रैल अंत तक चुनाव की घोषणा कर दी जाए.

उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर पिछड़ों के आरक्षण में ट्रिपल टेस्ट फार्मूला लागू करने की घोषणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाईकोर्ट के निर्णय के बाद की थी. मुख्यमंत्री के आदेश के करीब 24 घंटे बाद ही नगर विकास विभाग की ओर से आयोग के गठन का शासनादेश जारी कर दिया गया था. इस आयोग में अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) राम अवतार सिंह व उनके साथ चार अन्य सदस्य बनाए गए हैं. आयोग का कार्यकाल 6 माह का तय किया गया है.


पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति सेवानिवृत्त राम अवतार सिंह ने आयोग की पहली बैठक की. इसके बाद हुई प्रेसवार्ता में स्पष्ट किया था कि ट्रिपल टेस्ट के आधार पर आरक्षण का सर्वे करने और रिपोर्ट बनाने में कम से कम तीन महीने का समय लगेगा और उसके बाद इसके फॉलोअप में भी अच्छा खासा समय लग सकता है. ऐसे में आयोग के गठन का जो 6 माह का वक्त है, वह पूरा इसमें लग जाएगा. इस आधार पर कहा जा रहा था कि निकाय चुनाव फिलहाल जून से पहले होने की संभावना कम ही नजर आ रही है. 30 जिलों का दौरा हो चुका है और अभी 45 जिलों में दौरा बाकी है. इन जिलों में जाकर आयोग के सदस्य रेवेन्यू अफसर से बात करेंगे. चुनौती बड़ी है. किस-किस बिंदु पर सर्वे होगा इसको लेकर बातचीत जारी है. सभी पार्टियों के जन प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित करेंगे. हर जिले में सूचना होगी. गाइडलाइन तैयार करेंगे.

उन्होंने कहा कि 'ट्रांसजेंडर के लिए आरक्षण देने का जो प्रस्ताव हुआ है उस पर भी आयोग प्रयास करेगा. हाईकोर्ट ने सरकार की इस आरक्षण व्यवस्था को खारिज करते हुए बिना आरक्षण के ही निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया था. इस आदेश के बाद राज्य सरकार ने बिना आरक्षण के चुनाव कराने से इनकार कर दिया था. सरकार ने ट्रिपल टेस्ट के आधार पर पिछड़ा वर्ग का आरक्षण तय करने के लिए आयोग का गठन किया था. इसके साथ ही सरकार विशेष अनुमति याचिका लेकर सुप्रीम कोर्ट चली गई है, जहां चुनाव बढ़ाने की गुजारिश की जाएगी. सरकार की याचिका पर सुनवाई दो जनवरी के बाद किए जाने का अनुमान लगाया जा रहा है. जिससे पहले यह बैठक आयोजित की गई है.' अब शासकीय सूत्रों ने बताया कि 'सरकार अप्रैल के अंत तक चुनाव की घोषणा कर सकती है. ऐसे में आयोग की अनंतिम रिपोर्ट को ही अंतिम माना जाएगा.'

यह भी पढ़ें : Human Chain बनाकर प्रदेश में इस जिले की डीएम ने पाया पहला स्थान, जानें कौन हैं ये जिलाधिकारी

लखनऊ : निकाय चुनाव के लिए ट्रिपल टेस्ट के आधार पर आरक्षण तय करने के लिए बनाया ओबीसी आयोग मार्च के अंतिम सप्ताह तक अंतरिम रिपोर्ट देगा. निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के लिए आयोग मार्च के अंतिम सप्ताह तक अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा. पांच सदस्यीय आयोग की दो टीमों ने अब तक 30 जिलों का दौरा किया है. सूत्रों की मानें तो सरकार की इच्छा है कि अप्रैल अंत तक चुनाव की घोषणा कर दी जाए.

उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर पिछड़ों के आरक्षण में ट्रिपल टेस्ट फार्मूला लागू करने की घोषणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाईकोर्ट के निर्णय के बाद की थी. मुख्यमंत्री के आदेश के करीब 24 घंटे बाद ही नगर विकास विभाग की ओर से आयोग के गठन का शासनादेश जारी कर दिया गया था. इस आयोग में अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) राम अवतार सिंह व उनके साथ चार अन्य सदस्य बनाए गए हैं. आयोग का कार्यकाल 6 माह का तय किया गया है.


पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति सेवानिवृत्त राम अवतार सिंह ने आयोग की पहली बैठक की. इसके बाद हुई प्रेसवार्ता में स्पष्ट किया था कि ट्रिपल टेस्ट के आधार पर आरक्षण का सर्वे करने और रिपोर्ट बनाने में कम से कम तीन महीने का समय लगेगा और उसके बाद इसके फॉलोअप में भी अच्छा खासा समय लग सकता है. ऐसे में आयोग के गठन का जो 6 माह का वक्त है, वह पूरा इसमें लग जाएगा. इस आधार पर कहा जा रहा था कि निकाय चुनाव फिलहाल जून से पहले होने की संभावना कम ही नजर आ रही है. 30 जिलों का दौरा हो चुका है और अभी 45 जिलों में दौरा बाकी है. इन जिलों में जाकर आयोग के सदस्य रेवेन्यू अफसर से बात करेंगे. चुनौती बड़ी है. किस-किस बिंदु पर सर्वे होगा इसको लेकर बातचीत जारी है. सभी पार्टियों के जन प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित करेंगे. हर जिले में सूचना होगी. गाइडलाइन तैयार करेंगे.

उन्होंने कहा कि 'ट्रांसजेंडर के लिए आरक्षण देने का जो प्रस्ताव हुआ है उस पर भी आयोग प्रयास करेगा. हाईकोर्ट ने सरकार की इस आरक्षण व्यवस्था को खारिज करते हुए बिना आरक्षण के ही निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया था. इस आदेश के बाद राज्य सरकार ने बिना आरक्षण के चुनाव कराने से इनकार कर दिया था. सरकार ने ट्रिपल टेस्ट के आधार पर पिछड़ा वर्ग का आरक्षण तय करने के लिए आयोग का गठन किया था. इसके साथ ही सरकार विशेष अनुमति याचिका लेकर सुप्रीम कोर्ट चली गई है, जहां चुनाव बढ़ाने की गुजारिश की जाएगी. सरकार की याचिका पर सुनवाई दो जनवरी के बाद किए जाने का अनुमान लगाया जा रहा है. जिससे पहले यह बैठक आयोजित की गई है.' अब शासकीय सूत्रों ने बताया कि 'सरकार अप्रैल के अंत तक चुनाव की घोषणा कर सकती है. ऐसे में आयोग की अनंतिम रिपोर्ट को ही अंतिम माना जाएगा.'

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Last Updated : Feb 4, 2023, 11:44 PM IST
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