लखनऊ: रक्तदान जीवनदान माना जाता है. आपके द्वारा किए गए रक्तदान से किसी मरीज की जान बचाई जा सकती है. कोरोना काल में लोग अस्पताल जाने से बचते रहे हैं, इसी वजह से शहर में भी कहीं रक्तदान शिविर कार्यक्रम का आयोजन भी नहीं हुआ. अब राजधानी के अस्पतालों के ब्लड बैंकों में ब्लड की कमी होने लगी है. पहले लोग अस्पताल जाकर ब्लड डोनेट करते थे, लेकिन कोरोना की वजह से अब लोग रक्तदान करने से बच रहे हैं.
आमतौर पर पीजीआई, लोहिया, केजीएमयू, सिविल और बलरामपुर अस्पताल में लोग अधिक से अधिक ब्लड डोनेट करने जाते थे. 10 लोग नॉर्मल दिनों रोजाना अस्पताल जाकर ब्लड डोनेट करते थे, लेकिन वर्तमान में कोई रक्तदान करने नहीं पहुंच रहा है.
पीजीआई में एक तिहाई बचा ब्लड
पीजीआई ब्लड बैंक में निगेटिव ग्रुप के ब्लड का संकट गहरा गया है. यहां के ब्लड बैंक में एक तिहाई खून का ही स्टॉक शेष है. ब्लड बैंक प्रभारी प्रो. अनुपम वर्मा के मुताबिक, स्टॉक कम होने के साथ-साथ निगेटिव ग्रुप नहीं है. उन्होंने कहा कि सर्जरी शुरू होने पर कुछ दिक्कत बढ़ सकती है. फिलहाल डोनेशन कैंप लगवाने का काम शुरू कराया जाएगा. उन्होंने लोगों से भी अपील की कि ज्यादा से ज्यादा लोग आगे आकर ब्लड डोनेट करें.
सिर्फ 700 यूनिट बचा खून
केजीएमयू ब्लड बैंक में आमतौर पर 3000 यूनिट खून हर वक्त रहता था. कोरोना में डोनेशन न होने से अब महज 700 यूनिट खून ही बचा है. ब्लड बैंक से रोज करीब 100 यूनिट खून मरीजों को दिया जाता है. इसमें 10 प्रतिशत लोग डोनेशन नहीं कर पाते हैं. ऐसे में खून का संकट गहराता जा रहा है. निगेटिव के चारों ग्रुप खत्म हो चुके हैं. ऐसे में निगेटिव ग्रुप के मरीजों के तीमारदार निजी ब्लड बैंक में दौड़ाने को मजबूर हैं. ब्लड बैंक की प्रभारी डॉ. तूलिका चंद्रा ने बताया कि कोविड मरीजों को बिना डोनेशन खून दिया जा रहा है. अभी अमूमन सभी ग्रुप का स्टॉक है, पर डोनेशन न होने से संकट बढ़ जाएगा.
लोहिया में 225 यूनिट बचा खून
लोहिया संस्थान के ब्लड बैंक में इन दिनों महज 225 यूनिट खून ही बचा है. कोविड से पहले यहां स्टॉक करीब हजार यूनिट तक रहता था. संस्थान में कई नेगेटिव ग्रुप भी नहीं मिल पा रहे हैं. ऐसे में तीमारदार निजी ब्लड बैंक के चक्कर लगा रहे हैं. ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. वीके शर्मा के मुताबिक, अभी स्टॉक थोड़ा कम है. सर्जरी शुरू होने के बाद खून की मांग और बढ़ने से डोनेशन न होने से आगे संकट खड़ा हो सकता है.
बलरामपुर में 45 यूनिट
बलरामपुर अस्पताल में महज 45 यूनिट खून ही बचा है. ऐसे में मरीजों को निराश होकर दूसरे संस्थान जाना पड़ रहा है. ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. अरविंद शर्मा के मुताबिक ए और एबी निगेटिव ग्रुप खत्म हो चुका है. उधर, सिविल अस्पताल के ब्लड बैंक में अकाल पड़ा है. वहां पर महज 15 यूनिट खून बचा हुआ है. निगेटिव के सभी ग्रुप खत्म हो चुके हैं. अस्पताल प्रशासन जल्द ही अब कैंप लगाने के विचार में हैं, क्योंकि अगर ब्लड डोनेशन नहीं होगा तो ऐसे ही ब्लड की कमी ब्लड बैंक में होने लगेगी.
UP में ब्लड संग्रह की व्यवस्था
सरकारी ब्लड बैंक- 109
प्राइवेट ब्लड बैंक- 174
चैरिटेबल ब्लड बैंक- 81
स्टैंड एलॉन ब्लड बैंक- 12
सरकारी ब्लड सेपरेटर यूनिट- 48
प्राइवेट ब्लड सेपरेटर यूनिट- 180
ब्लड डोनेशन बस- 02
ब्लड डोनेशन वैन- 23