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बीएलओ की लापरवाही से बीडीसी प्रत्याशी के टूटे सपने

लखनऊ के मलिहाबाद विकास खंड की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत गढ़ी जिन्दौर गांव का एक बीडीसी प्रत्याशी उस वक्त निराश हो गया, जब उसका नामांकन पर्चा दाखिल नहीं हो सका. पीड़ित ने वोटर लिस्ट से नाम काटने का आरोप बीएलओ पर लगाया है.

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Published : Apr 9, 2021, 10:43 AM IST

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पीड़ित प्रत्याशी बाबूलाल

लखनऊ: यूपी में जैसे-जैसे पंचायत चुनाव की तारीखें करीब आ रही हैं, वैसे-वैसे कई दिलचस्प मामले भी सामने आ रहे हैं. ताजा मामला लखनऊ के मलिहाबाद विकास खंड की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत गढ़ी जिन्दौर गांव का है. यहां एक बीडीसी प्रत्याशी उस वक्त निराश हो गया, जब उसका नामांकन पर्चा दखिल नहीं हो सका. पीड़ित प्रत्याशी ने वोटर लिस्ट से नाम काटने का आरोप बीएलओ पर लगाया है.

चुनाव आयोग और सीएम को लिखी चिट्ठी

निराश प्रत्याशी ने मामले की शिकायत चुनाव आयोग, मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी से की है. गढ़ी जिन्दौर गांव निवासी बाबूलाल मौर्य पुत्र इंदल मौर्य बीडीसी की तैयारी में लंबे समय से लगा था. पंचायत चुनाव में उसके वार्ड की सीट बैकवर्ड हुई, तो उसने जनसंपर्क करना शुरू कर दिया. यही नहीं, उसने 12 होर्डिंग बनवाकर उसके वार्ड में आने वाले गांवों के हर नुक्कड़ पर लगवा दिए. साथ ही एक हजार पर्चे और स्टीकर भी छपवा लिए.

इसे भी पढ़ें: बोले डीएम- प्रत्याशी पिलाएं शराब तो हमें भेजिए फोटो, वीडियो


पूरे परिवार का नाम वोटर लिस्ट से गायब
बाबू लाल ने बताया कि वह लोगों की मांग पर ही बीडीसी के चुनाव में उतरा था. उसे पूरी उम्मीद थी कि वह इस चुनाव में जीत हासिल करेगा, लेकिन उसकी मेहनत पर पानी फिर गया. बाबू लाल ने आरोप लगाया कि बीएलओ ने उसका और उसके पूरे परिवार का नाम मिलीभगत कर के वोटर लिस्ट से कटवा दिया गया है. इस घटना के बाद उसका परिवार सदमे में है.

सभी प्रक्रियाएं कर चुका था पूरी
बाबू लाल मौर्य ने बताया कि उसने बीडीसी में नामांकन पर्चे में लगने वाले चार नोड्यूज, एक हजार रुपये ट्रेजरी फीस, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, पेन कार्ड, एक प्रस्तावक, एफीडेविट आदि सभी कागज तैयार कर लिए थे. उसे जब पता चला कि उसका नाम वोटर लिस्ट में ही नही है तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई. बीते तीन अप्रैल से पीड़ित प्रत्याशी संबंधित अधिकारियों के चक्कर काट रहा है, लेकिन उसे कोई सफलता नही मिली है.

लखनऊ: यूपी में जैसे-जैसे पंचायत चुनाव की तारीखें करीब आ रही हैं, वैसे-वैसे कई दिलचस्प मामले भी सामने आ रहे हैं. ताजा मामला लखनऊ के मलिहाबाद विकास खंड की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत गढ़ी जिन्दौर गांव का है. यहां एक बीडीसी प्रत्याशी उस वक्त निराश हो गया, जब उसका नामांकन पर्चा दखिल नहीं हो सका. पीड़ित प्रत्याशी ने वोटर लिस्ट से नाम काटने का आरोप बीएलओ पर लगाया है.

चुनाव आयोग और सीएम को लिखी चिट्ठी

निराश प्रत्याशी ने मामले की शिकायत चुनाव आयोग, मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी से की है. गढ़ी जिन्दौर गांव निवासी बाबूलाल मौर्य पुत्र इंदल मौर्य बीडीसी की तैयारी में लंबे समय से लगा था. पंचायत चुनाव में उसके वार्ड की सीट बैकवर्ड हुई, तो उसने जनसंपर्क करना शुरू कर दिया. यही नहीं, उसने 12 होर्डिंग बनवाकर उसके वार्ड में आने वाले गांवों के हर नुक्कड़ पर लगवा दिए. साथ ही एक हजार पर्चे और स्टीकर भी छपवा लिए.

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पूरे परिवार का नाम वोटर लिस्ट से गायब
बाबू लाल ने बताया कि वह लोगों की मांग पर ही बीडीसी के चुनाव में उतरा था. उसे पूरी उम्मीद थी कि वह इस चुनाव में जीत हासिल करेगा, लेकिन उसकी मेहनत पर पानी फिर गया. बाबू लाल ने आरोप लगाया कि बीएलओ ने उसका और उसके पूरे परिवार का नाम मिलीभगत कर के वोटर लिस्ट से कटवा दिया गया है. इस घटना के बाद उसका परिवार सदमे में है.

सभी प्रक्रियाएं कर चुका था पूरी
बाबू लाल मौर्य ने बताया कि उसने बीडीसी में नामांकन पर्चे में लगने वाले चार नोड्यूज, एक हजार रुपये ट्रेजरी फीस, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, पेन कार्ड, एक प्रस्तावक, एफीडेविट आदि सभी कागज तैयार कर लिए थे. उसे जब पता चला कि उसका नाम वोटर लिस्ट में ही नही है तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई. बीते तीन अप्रैल से पीड़ित प्रत्याशी संबंधित अधिकारियों के चक्कर काट रहा है, लेकिन उसे कोई सफलता नही मिली है.

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