लखनऊ: यूपी सरकार खराब दवा सप्लाई करने वाली कंपनियों पर सख्त हो गई है. सरकारी अस्पतालों में एसिडिटी की घटिया दवा भेजने वाली कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया है. यह दवा रेनिटिडिन टैबलेट थी, जिसकी अस्पतालों में काफी खपत थी. यूपी मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन के जरिए सरकारी अस्पतालों में दवा की सप्लाई होती है. इसमें एसिडिटी और अल्सर में उपयोग की जाने वाली दवा रेनिटिडिन एक बार फिर नमूना जांच में फेल हो गया है. लगातार तीन बार दवा के नमूने फेल हो जाने से सरकार सख्त हो गई. लिहाजा यूपी ड्रग सप्लाई कारपोरेशन ने कंपनी को इस दवा के लिए ब्लैक लिस्ट कर दिया है. अब कंपनी इस दवा की आपूर्ति नहीं कर सकेगी. वहीं, सभी अस्पतालों से दवा वापस मंगा ली गई है.
अब तक ब्लैक लिस्ट हुए 7 कंपनी के उत्पाद: यूपी मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन की एमडी कंचन वर्मा के मुताबिक कारपोरेशन के गठन के चार साल हुए हैं. वहीं, इस समयावधि में अब तक कुल 7 कंपनियों के उत्पाद को ब्लैक लिस्ट किया गया है. इससे पूरे देश में सरकारी क्षेत्र में इस दवा खरीद नहीं हो सकेगी. सात कंपनियों में दो कंपनी पूरी तरह से ब्लैक लिस्ट की गई है.
800 करोड़ की दवा होती है खरीद: कारपोरेशन के जरिए साल भर में 800 करोड़ की दवा खरीदी जाती हैं. यह दवाएं सरकारी जिला अस्पताल, महिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भेजी जाती हैं. करीब 294 किस्म के दवाएं विभिन्न अस्पतालों में भेजी जाती हैं. साथ ही इनके गुणवत्ता की जिम्मेदारी कारपोरेशन की है.
ऐसे में ड्रग कारपोरेशन दवा की खरीद के समय उसकी गुणवत्ता के लिए कंपनी से एनएबीएल सर्टिफिकेट लेता है. इसके बाद दवाओं की कोडिंग करके उसके सैंपल जांच के लिए लैब भेजते हैं. लैब से रिपोर्ट आने के बाद ही वेयरहाउस से दवाएं अस्पतालों में मरीजों के वितरण के लिए जाती हैं.
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