लखनऊः राजधानी के अस्पतालों में ब्लैक फंगस के भर्ती मरीजों को समय पर दवा नहीं मिल पा रही है. शहर में कोई 4 दिन से भटक रहा है कोई पांच दिन से भटक रहा है. इन्हें ब्लैक फंगस के इलाज की लाइपोसोमल एम्फोटेरीसीन-बी इंजेक्शन नहीं मिल रही है. मरीज अस्पताल में तड़प रहे हैं. बेबस परिजन अफसरों के ऑफिस में धक्के खा रहे हैं. तीमारदारों को वाजिब जवाब तक देने वाला कोई नहीं है.
ब्लैक फंगस की नहीं मिल रही दवा
बस्ती के रहने वाली 50 साल की कमला देवी ब्लैक फंगस की चपेट में हैं. 19 मई को उन्हें इंदिरानगर स्थित सीएनएस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. डॉक्टर ने सिर और आंख तक फंगस पहुंचने की जानकारी दी और फौरन ऑपरेशन की सलाह दी. ऑपरेशन के साथ लाइपोसोमल एम्फोटेरीसीन-बी इंजेक्शन का इंतजाम करने को कहा. डॉक्टर ने पूरा फार्म भरकर मरीज के भाई फलकधर को दिया. लेकिन इंजेक्शन नहीं मिला, तो डॉक्टरों ने मरीज का इमरजेंसी में ऑपरेशन किया. डॉक्टर अशोक निराला ने बताया कि अस्पताल में दो मरीज भर्ती हैं. मरीज के परिजन पूरी कागजी कार्रवाई के साथ रेडक्रास सोसाइटी भेजे जा रहे हैं. मरीज के भाई फलकधर का आरोप है कि बहन की हालत गंभीर है. सोसाइटी में पांच दिन से लगातार सुबह आ रहा हूं, शाम को मायूस होकर लौट रहा हूं, इंजेक्शन नहीं मिल रहा है.
वहीं देवरिया की जैमिन जायसवाल कोरोना संक्रमण के बाद ब्लैक फंगस की चपेट में आ गईं. 19 मई को उन्हें सिप्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. डॉक्टर ने नाक के भीतरी हिस्से में फंगस होने की बात कही. 20 मई को ऑपरेशन किया. ऑपरेशन के बाद लाइपोसोमल एम्फोटेरीसीन-बी इंजेक्शन पांच दिन चलाने की सलाह दी. लेकिन सिर्फ एक डोज ही मिल पाई. पांच दिन से लगातार रेडक्रास सोसाइटी में भटक रहे हैं. अभी तक दवा नहीं मिल पा रही है. डॉक्टरों का कहना है कि इंजेक्शन लगने से मरीज की सेहत में तेजी से सुधार की संभावना है. परिजन रोहन जायसवाल के मुताबिक रेडक्रास सोसाइटी में सुबह से शाम तक इंजेक्शन के इंतजार में हैं. लेकिन यहां कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
इसे भी पढ़ें- सीबीआई के नए चीफ बने सुबोध जायसवाल
नहीं बंटी दवा
ब्लैक फंगस की रेडक्रास सोसाइटी में लगातार तीसरे दिन भी दवा नहीं बंटी. इसकी वजह से परिजनों को काफी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं. सीएमओ डॉक्टर संजय भटनागर के मुताबिक जैसे दवा मिल रही है, उसका वितरण कराया जा रहा है.