लखनऊ : जिला पंचायत की तरह ब्लाॅक प्रमुख के चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी ने झंडा गाड़ दिया. नामांकन के दिन ही 290 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों का ब्लाॅक प्रमुख के पद पर निर्विरोध चुना जाना तय हो गया है. हालांकि प्रदेशभर में कई जगहों से उपद्रव, मारपीट जैसी घटनाएं भी सामने आई हैं. इसे लेकर विपक्ष ने सत्ताधारी दल भाजपा पर जोर जबरदस्ती और गुंडागर्दी करने का आरोप लगाया है.
उत्तर प्रदेश में 826 विकास खंडों में क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष (ब्लॉक प्रमुख) के पदों पर हो रहे चुनाव में भाजपा ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज करना चाह रही है. पिछले चुनाव में तत्कालीन सत्ताधारी दल समाजवादी पार्टी ने 623 ब्लाॅक प्रमुख के पदों पर जीत दर्ज करने का दावा किया था. भारतीय जनता पार्टी ने उससे अधिक सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा है. पार्टी की रणनीति पहले दिन ही दिखाई पड़ने लगी है. करीब 30 फ़ीसदी सीटों पर भाजपा की निर्विरोध जीत मानी जा रही है. यह अपने आप में भाजपा के लिए रिकार्ड है.
जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भी भाजपा की हुई थी बड़ी जीत
गौरतलब है जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने प्रचंड जीत हासिल की है. 75 में से 67 सीटों पर जीत दर्ज करने वाली भाजपा का उत्साह बढ़ा हुआ है. वहीं, समाजवादी पार्टी के लोग यह मानकर चल रहे हैं कि सस्ताधारी दल भाजपा जोर जबरदस्ती कर शासन-प्रशासन के सहयोग से ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज कर लेगी.
बावजूद इसके उन्हें संघर्ष करते हुए दिखना चाहिए. इससे 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा को लाभ मिल सकता है. यही वजह है कि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के बाद अब ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में भी सपा और भाजपा के बीच संघर्ष दिखाई दे रहा है.
भाजपा ने सपा के आरोपों का दिया जवाब
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि समाजवादी पार्टी के लोग आपस में लड़ रहे हैं. एक दूसरे के बीच सिर फुटव्वल की नौबत है. सच तो यह है कि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में समाजवादी पार्टी को करारी हार मिली है. जिला पंचायत में हार से हताश होकर समाजवादी पार्टी के लोग आपस में लड़ रहे हैं. सपा में भितरघात है.
इसके चलते ही अखिलेश यादव को पार्टी के 11 जिला अध्यक्षों को बर्खास्त करना पड़ा था. अब ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में भी सपाई आपस में लड़ रहे हैं. सपाई भाजपा पर गलत आरोप लगा रहे हैं. कहा कि सपा के विधायकों के भी ऐसे बयान आ रहे हैं जिससे यह साफ होता है कि गुंडागर्दी भाजपा नहीं, सपाई कर रहे हैं. राकेश त्रिपाठी ने कहा कि जिस प्रकार से 2014 के लोकसभा चुनाव, 2017 के विधानसभा चुनाव, 2019 के लोकसभा चुनाव और तमाम उपचुनाव के साथ ही जिला पंचायत में जन समर्थन मिला है, उसी तरह ब्लाॅक प्रमुख के चुनाव में भी समर्थन मिल रहा है.
कुशीनगर में दिखा भाजपा का दबदबा
ब्लाॅक प्रमुख पद के लिए कुशीनगर जिले में बृहस्पतिवार को शुरू हुए नामांकन प्रक्रिया में भाजपा का दबदबा दिखा. जिले के कुल 14 ब्लाॅकों में भाजपा के सात पदों पर निर्विरोध जीत हासिल किया जिसमें दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री अतुल सिंह के बेटे विशाल सिंह का पद निर्विरोध हैं.
फिरोजाबाद में सपा की अंतरकलह उजागर
फिरोजाबाद को कभी समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता था. लेकिन इस बार के ब्लाॅक प्रमुख चुनाव में सपा ने चुनाव लड़ने की जहमत नहीं उठाई. जिले के नौ में केवल दो ब्लाकों में ही सपा ने अपने प्रत्याशियों को उतारा है. कई विकास खंड तो ऐसे रहे जहां हमेशा ही सपा का उम्मीदवार ब्लाॅक प्रमुख का चुनाव जीतता रहा है. वहां भी सपा ने प्रत्याशी नहीं उतारे हैं. प्रत्याशी न उतारने पर सपा से निष्कासित सिरसागंज के विधायक हरिओम यादव ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि प्रोफेसर राम गोपाल वर्मा और उनके बेटे अक्षय पार्टी की इस दुर्दशा के लिए जिम्मेदार हैं.
हरदोई में दिखा भाजपा का दबदबा
हरदोई में गुरुवार को ब्लाॅक प्रमुख के चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया के दौरान सत्ता पक्ष का दबदबा दिखा. सपा के पूर्व एमएलसी ने योगी सरकार पर पुलिस के दम पर अपने प्रत्याशियों को जबरन जिताने और लोकतंत्र की जगह लूटतंत्र का रवैया अपनाकर चुनाव जिताने का आरोप लगाया है.
कहा कि उत्तर प्रदेश में ब्लाॅक प्रमुख के चुनाव में भाजपा को सीधी टक्कर देने वाली सपा पार्टी के प्रत्याशियों का पुलिस उत्पीड़न किया जा रहा है. उनके खिलाफ मुकदमे लिखकर उनके समर्थकों को धमकाकर उनको नामांकन करने से भी रोका जा रहा है. पूर्व एमएलसी सपा राजपाल कश्यप ने योगी सरकार पर लोकतंत्र की हत्या व लूटतंत्र का रवैया अपनाने के साथ ही पुलिस के बल पर अपराधियों का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया.
वाराणसी में सपा नेताओं ने दिया धरना
वाराणसी में नोटरी हलफनामे की वजह के पर्चा खारिज होने का जिन्न एक बार फिर सामने आया है. समाजवादी पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं ने गुरुवार शाम मुख्यालय के पाॅलीटेक्निक परिसर स्थित डीएम आवास के बाहर धरना दिया. सपा विधायक प्रभुनारायण यादव का आरोप है कि अधिकारी सत्ता पक्ष के नेताओं के दबाव में सदर ब्लाक प्रमुख प्रत्याशी का पर्चा खारिज करने की योजना बना रहे हैं. डीएम नहीं मिले तो नाराज होकर आवास के बाहर ही धरने पर बैठ गए.
चंदौली में पति-पत्नी ठोक रहे एक दूसरे के सामने ताल
कहते है कि चुनाव में न कोई स्थायी दोस्त होता है और न कोई स्थायी दुश्मन. लेकिन सकलडीहा ब्लॉक प्रमुख चुनाव में तो पति-पत्नी ही एक दूसरे के आगे ताल ठोकते नजर आ रहे है. राजनीति में यह कोई नई बात नहीं है लेकिन भाजपा प्रत्याशी अवधेश सिंह की पत्नी का नामांकन करना चर्चा का विषय बना हुआ है.
दरअसल, सकलडीहा ब्लाॅक प्रमुख पद चुनाव में भाजपा प्रत्याशी अवधेश सिंह ने अपना नामांकन दाखिल किया. इसके थोड़ी ही देर बाद उनकी पत्नी जयंती सिंह ने भी दो सेट में पर्चा भर दिया. इसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया.
सपा उम्मीदवार संतोष यादव ने नामांकन कर तीसरे प्रत्यासी के तौर पर अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर दी. बताया यह भी जा रहा है कि भाजपा प्रत्याशी अवधेश सिंह का पत्नी द्वारा ब्लाॅक प्रमुख पद का पर्चा भरवाना एहतियाती कदम है. सब कुछ ठीक होने की स्थिति में जयंती सिंह बाद में अपना पर्चा उठा सकती हैं. ऐसे में सकलडीहा में भाजपा प्रत्याशी अवधेश सिंह और सपा उम्मीदवार संतोष यादव के बीच आमने-सामने की टक्कर मानी जा रही है.