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UP MLC Election Result: भाजपा की शानदार जीत, 36 में 33 सीटों पर पर कब्जा, देखें विजेताओं की लिस्ट - mlc election result

यूपी एमएलसी चुनाव 2022 में भारतीय जनता पार्टी को 33 सीटों पर जीत मिली है. जिन तीन सीटों पर भाजपा हारी है, उसे भी अपने ही खाते में जोड़ रही है.

यूपी एमएलसी चुनाव.
यूपी एमएलसी चुनाव.
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Published : Apr 12, 2022, 5:31 PM IST

Updated : Apr 13, 2022, 8:41 AM IST

लखनऊः विधान परिषद के स्थानीय प्राधिकारी एमएलसी के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की शानदार जीत हुई है. चुनाव प्रक्रिया के दौरान भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार निर्विरोध चुनाव जीत गए थे तो मंगलवार को हुई मतगणना में 27 में 24 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने शानदार जीत दर्ज की है. निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में 2 प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है.वहीं राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक का एक उम्मीदवार एमएलसी बनने में सफल रहा.


प्रदेश में 36 सीट में से भाजपा 33 सीट जीतने में सफल रही है. उत्तर प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी का पूरी तरह से इस एमएलसी चुनाव में सूपड़ा साफ हो गया है. एक भी सीट पर समाजवादी पार्टी का प्रत्याशी जीत दर्ज करने में सफल नहीं हो पाया. चुनाव आयोग की तरफ से औपचारिक रूप से अभी तक प्रदेश स्तर पर चुनाव परिणामों की घोषणा नहीं की गई. जिला स्तर पर जिला मुख्यालयों में जिला निर्वाचन अधिकारी की तरफ से उम्मीदवारों को जीत का सर्टिफिकेट दे दिया गया है.

जश्न मनाते भाजपा कार्यकर्ता.


इसे भी पढ़ें-UP MLC Election Result: भाजपा प्रत्याशियों ने फहराया परचम, जानिए कौन-कहां से जीता?

भाजपा सभी 36 सीटों को अपना मान रही: भाजपा की एमएलसी चुनाव में 36 में से जो तीन सीटें नहीं जीती हैं, वह भी कमोबेश भाजपा के ही खाते में गई हैं. आजमगढ़ में भाजपा से निलंबित हुए एमएलसी यशवंत सिंह के बेटे ने जीत हासिल की है. निकट भविष्य में पुत्र सहित दोबारा भाजपा में शामिल हो सकते हैं. इसके साथ ही जनसत्ता दल के अक्षय प्रताप सिंह और वाराणसी में माफिया ब्रजेश सिंह की पत्नी ने जीत हासिल की है. ये दोनों भी अप्रत्यक्ष तौर पर भाजपा के साथ ही खड़े होंगे. इस तरह से विधानपरिषद चुनाव में स्थानीय निकाय क्षेत्र की सभी सीटें भाजपा के खाते में चली गई है. लेकिन खराब रिकार्ड आजमगढ़ में बना है, जहां सांसद, विधायक के बाद भाजपा का एमएलसी प्रत्याशी भी चुनाव हार गया है. भारतीय जनता पार्टी के सूत्रों ने बताया कि जिन 3 सीटों पर भाजपा हारी है, वहां यह पहले से तय था. आजमगढ़ में यशवंत सिंह को भाजपा से 6 साल के लिए निष्कासित करने के पीछे भी एक रणनीति थी. जिसके तहत भाजपा विरोधी मतदाता को यह संदेश पहुंचाना था कि वह भाजपा में नहीं हैं. उनके बेटे को वोट देने में कोई भी गुरेज नहीं होना चाहिए. इसका परिणाम रहा कि आजमगढ़ में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा. माना जा रहा है कि अगले 6 माह के भीतर यशवंत सिंह फिर से भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो जाएंगे.

कहां से कौन जीता

सीटविजयी उम्मीदवारपार्टी
मुरादाबाद-बिजनौर सतपाल सैनी बीजेपी
रामपुर-बरेली महाराज सिंह बीजेपी
पीलीभीत-शाहजहांपुर सुधीर गुप्ता बीजेपी
सीतापुर पवन सिंह चौहानबीजेपी
लखनऊ-उन्नाव रामचंद्र प्रधान बीजेपी
रायबरेलीदिनेश प्रताप सिंहबीजेपी
प्रतापगढ़ अक्षय प्रताप सिंह जनसत्ता दल लोकतांत्रिक
सुल्तानपुर शैलेन्द्र प्रताप सिंह बीजेपी
बाराबंकी अंगद कुमार सिंह बीजेपी
बहराइच-श्रावस्ती प्रज्ञा त्रिपाठीबीजेपी
आजमगढ़-मऊ विक्रांत सिंह रिशु निर्दलीय
गाजीपुर विशाल सिंह चंचल बीजेपी
जौनपुर बृजेश सिंह प्रिंशू बीजेपी
वाराणसी अन्नपूर्णा सिंह निर्दलीय
इलाहाबाद (प्रयागराज) डॉ. केपी श्रीवास्तव बीजेपी
झांसी-जालौन-ललितपुर रमा निरंजन बीजेपी
कानपुर-फतेहपुर अविनाश सिंह चौहान बीजेपी
इटावा-फर्रुखाबाद प्रांशु दत्त बीजेपी
आगरा-फिरोजाबाद विजय शिवहरे बीजेपी
मेरठ-गाजियाबाद धर्मेंद्र भारद्वाज बीजेपी
मुजफ्फरनगर-सहारनपुर वंदना वर्माबीजेपी
गोंडा अवधेश कुमार सिंहबीजेपी
फैजाबाद-अम्बेडकरनगरहरिओम पांडेबीजेपी
बस्ती-सिद्घार्थनगर सुभाष यदुवंश बीजेपी
गोरखपुर-महाराजगंज सीपी चंदबीजेपी
देवरिया-कुशीनगरडॉक्टर रतनपाल सिंहबीजेपी
बलियारविशंकर सिंह पप्पूबीजेपी

इन 9 सीटों पर निर्विरोध जीत हुई थी: चुनाव प्रक्रिया के दौरान जिन 9 सीटों पर निर्विरोध निर्वाचन हुआ है था. उनमें बदायूं में बागीश पाठक, हरदोई सीट पर अशोक अग्रवाल, लखीमपुर खीरी में अनूप गुप्ता, बांदा हमीरपुर में जितेंद्र सिंह, अलीगढ़ में ऋषि सिंह, मिर्जापुर सोनभद्र में श्याम नारायण सिंह उर्फ विनीत सिंह, बुलंदशहर में नरेंद्र भाटी, मथुरा एटा मैनपुरी सीट पर ओमप्रकाश सिंह, मथुरा एटा मैनपुरी की दूसरी सीट पर आशीष यादव निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं.

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लखनऊः विधान परिषद के स्थानीय प्राधिकारी एमएलसी के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की शानदार जीत हुई है. चुनाव प्रक्रिया के दौरान भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार निर्विरोध चुनाव जीत गए थे तो मंगलवार को हुई मतगणना में 27 में 24 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने शानदार जीत दर्ज की है. निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में 2 प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है.वहीं राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक का एक उम्मीदवार एमएलसी बनने में सफल रहा.


प्रदेश में 36 सीट में से भाजपा 33 सीट जीतने में सफल रही है. उत्तर प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी का पूरी तरह से इस एमएलसी चुनाव में सूपड़ा साफ हो गया है. एक भी सीट पर समाजवादी पार्टी का प्रत्याशी जीत दर्ज करने में सफल नहीं हो पाया. चुनाव आयोग की तरफ से औपचारिक रूप से अभी तक प्रदेश स्तर पर चुनाव परिणामों की घोषणा नहीं की गई. जिला स्तर पर जिला मुख्यालयों में जिला निर्वाचन अधिकारी की तरफ से उम्मीदवारों को जीत का सर्टिफिकेट दे दिया गया है.

जश्न मनाते भाजपा कार्यकर्ता.


इसे भी पढ़ें-UP MLC Election Result: भाजपा प्रत्याशियों ने फहराया परचम, जानिए कौन-कहां से जीता?

भाजपा सभी 36 सीटों को अपना मान रही: भाजपा की एमएलसी चुनाव में 36 में से जो तीन सीटें नहीं जीती हैं, वह भी कमोबेश भाजपा के ही खाते में गई हैं. आजमगढ़ में भाजपा से निलंबित हुए एमएलसी यशवंत सिंह के बेटे ने जीत हासिल की है. निकट भविष्य में पुत्र सहित दोबारा भाजपा में शामिल हो सकते हैं. इसके साथ ही जनसत्ता दल के अक्षय प्रताप सिंह और वाराणसी में माफिया ब्रजेश सिंह की पत्नी ने जीत हासिल की है. ये दोनों भी अप्रत्यक्ष तौर पर भाजपा के साथ ही खड़े होंगे. इस तरह से विधानपरिषद चुनाव में स्थानीय निकाय क्षेत्र की सभी सीटें भाजपा के खाते में चली गई है. लेकिन खराब रिकार्ड आजमगढ़ में बना है, जहां सांसद, विधायक के बाद भाजपा का एमएलसी प्रत्याशी भी चुनाव हार गया है. भारतीय जनता पार्टी के सूत्रों ने बताया कि जिन 3 सीटों पर भाजपा हारी है, वहां यह पहले से तय था. आजमगढ़ में यशवंत सिंह को भाजपा से 6 साल के लिए निष्कासित करने के पीछे भी एक रणनीति थी. जिसके तहत भाजपा विरोधी मतदाता को यह संदेश पहुंचाना था कि वह भाजपा में नहीं हैं. उनके बेटे को वोट देने में कोई भी गुरेज नहीं होना चाहिए. इसका परिणाम रहा कि आजमगढ़ में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा. माना जा रहा है कि अगले 6 माह के भीतर यशवंत सिंह फिर से भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो जाएंगे.

कहां से कौन जीता

सीटविजयी उम्मीदवारपार्टी
मुरादाबाद-बिजनौर सतपाल सैनी बीजेपी
रामपुर-बरेली महाराज सिंह बीजेपी
पीलीभीत-शाहजहांपुर सुधीर गुप्ता बीजेपी
सीतापुर पवन सिंह चौहानबीजेपी
लखनऊ-उन्नाव रामचंद्र प्रधान बीजेपी
रायबरेलीदिनेश प्रताप सिंहबीजेपी
प्रतापगढ़ अक्षय प्रताप सिंह जनसत्ता दल लोकतांत्रिक
सुल्तानपुर शैलेन्द्र प्रताप सिंह बीजेपी
बाराबंकी अंगद कुमार सिंह बीजेपी
बहराइच-श्रावस्ती प्रज्ञा त्रिपाठीबीजेपी
आजमगढ़-मऊ विक्रांत सिंह रिशु निर्दलीय
गाजीपुर विशाल सिंह चंचल बीजेपी
जौनपुर बृजेश सिंह प्रिंशू बीजेपी
वाराणसी अन्नपूर्णा सिंह निर्दलीय
इलाहाबाद (प्रयागराज) डॉ. केपी श्रीवास्तव बीजेपी
झांसी-जालौन-ललितपुर रमा निरंजन बीजेपी
कानपुर-फतेहपुर अविनाश सिंह चौहान बीजेपी
इटावा-फर्रुखाबाद प्रांशु दत्त बीजेपी
आगरा-फिरोजाबाद विजय शिवहरे बीजेपी
मेरठ-गाजियाबाद धर्मेंद्र भारद्वाज बीजेपी
मुजफ्फरनगर-सहारनपुर वंदना वर्माबीजेपी
गोंडा अवधेश कुमार सिंहबीजेपी
फैजाबाद-अम्बेडकरनगरहरिओम पांडेबीजेपी
बस्ती-सिद्घार्थनगर सुभाष यदुवंश बीजेपी
गोरखपुर-महाराजगंज सीपी चंदबीजेपी
देवरिया-कुशीनगरडॉक्टर रतनपाल सिंहबीजेपी
बलियारविशंकर सिंह पप्पूबीजेपी

इन 9 सीटों पर निर्विरोध जीत हुई थी: चुनाव प्रक्रिया के दौरान जिन 9 सीटों पर निर्विरोध निर्वाचन हुआ है था. उनमें बदायूं में बागीश पाठक, हरदोई सीट पर अशोक अग्रवाल, लखीमपुर खीरी में अनूप गुप्ता, बांदा हमीरपुर में जितेंद्र सिंह, अलीगढ़ में ऋषि सिंह, मिर्जापुर सोनभद्र में श्याम नारायण सिंह उर्फ विनीत सिंह, बुलंदशहर में नरेंद्र भाटी, मथुरा एटा मैनपुरी सीट पर ओमप्रकाश सिंह, मथुरा एटा मैनपुरी की दूसरी सीट पर आशीष यादव निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं.

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Last Updated : Apr 13, 2022, 8:41 AM IST
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