हैदराबाद: यूपी में विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) को अभी कुछ माह शेष बचे हैं. लेकिन अभी से ही सियासी पार्टियां मैदान में प्रचार को उतर चुकी हैं. आलम यह है कि सियासी आरोप-प्रत्यारोप के बीच अब नेता निजी हमले से भी बाज नहीं आ रहे हैं. वहीं, इस बीच एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (Association for Democratic Reforms) की ओर से जारी एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि उत्तर प्रदेश में 2017 में चुनाव जीत विधानसभा पहुंचे विधायकों में करीब 35 फीसद के खिलाफ अपराधिक मामले दर्ज हैं. जिनमें भाजपा के सर्वाधिक 106 विधायक शामिल हैं. दरअसल, उक्त बातें मौजूदा विधायकों के दाखिल शपथ पत्रों के विश्लेषण के बाद सामने आई हैं.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की ओर से प्रदेश के 403 विधायकों में से 396 विधायकों के शपथ पत्रों को विधिवत खंगालने के बाद उक्त जानकारियां सामने आई हैं. इसके अलावा जारी रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वर्तमान में यूपी के 79 फीसद विधायक करोड़पति हैं. वहीं, 35 फीसद विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज होने की बात कही गई है, जिसमें 106 विधायकों पर हत्या, लूट, डकैती और दंगे जैसे गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं.
इधर, चुनाव को नजदीक आता देख अब सर्वे संस्थानों के साथ ही इलेक्शन वाच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स सरीखी संस्थान भी अब नेताओं की कुंडली खंगाल नित्य नए खुलासे कर रहे हैं. जिसमें उनकी संपत्ति, उनपर दर्ज मुकदमे और उनकी शिक्षा का ब्यौरा अहम हैं.
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बता दें कि लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव व्यवस्था और नेताओं पर नजर रखने वाली एडीआर ने उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले मौजूदा विधानसभा के विधायकों की पूरी कुंडली सामने रखी है. हालांकि, 2017 में विधानसभा चुनाव व उपचुनाव में जीत विधानसभा पहुंचे विधायकों के शपथ पत्रों के विश्लेषण के बाद एडीआर (ADR) ने रिपोर्ट जारी की है.
इस रिपोर्ट के मुताबिक यूपी विधानसभा में 35 फीसद विधायकों पर अपराधिक मामले दर्ज रहे, जिनमें भाजपा के सर्वाधिक 106 विधायक शामिल हैं. इतना ही नहीं अपराधिक छवि के विधायकों के साथ ही करोड़पति विधायक भी सबसे अधिक भाजपा में ही हैं.
रिपोर्ट में बताया गया कि यूपी में 140 यानी 35 फीसद विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इन 140 विधायकों में 106 विधायक ऐसे हैं जिनपर हत्या, लूट, डकैती और दंगे जैसे गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. पार्टीवार दागी विधायकों की बात करें, तो भाजपा के 304 विधायकों में से 106 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं तो वहीं, सपा के 49 में से 18, बसपा के 18 में से दो पर और कांग्रेस के एक विधायक पर आपराधिक मामले दर्ज हैं.
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वहीं, विधायकों की हैसियत यानी संपत्ति की बात करें तो कुल 396 विधायकों में 313 यानी 79 फीसद विधायक करोड़पति हैं. इनमें भी सबसे अधिक करोड़पति विधायक भाजपा में हैं. रिपोर्ट से पता चलता है कि भाजपा के 235, सपा के 42, बसपा के 15 और कांग्रेस के 5 विधायक करोड़पति हैं.
पार्टीवार विधायकों की औसत संपत्ति के हिसाब से भाजपा के विधायकों की औसत संपत्ति 5.04 करोड़ होने की बात कही गई है. वहीं, समाजवादी पार्टी के 49 विधायकों की औसत संपत्ति 6.07 करोड़ तो बसपा के 16 विधायकों की औसत संपत्ति 19.27 करोड़ और कांग्रेस के 7 विधायकों की औसत संपत्ति 10.06 करोड़ है.
बात अगर प्रदेश के सबसे अमीर विधायक की करें तो सबसे अधिक संपत्ति बसपा के मुबारकपुर से विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली के पास 118 करोड़ से अधिक की संपत्ति है. दूसरे नंबर पर भी बसपा के चुल्लू पार से विधायक विनय शंकर तिवारी के पास 67 करोड़ से अधिक की संपत्ति है, और तीसरे नंबर पर बाह विधानसभा से विधायक रानी पक्षालिका सिंह के पास 58 करोड़ से अधिक की संपत्ति है.
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संपत्ति के साथ ही रिपोर्ट में विधायकों की देनदारियों का भी जिक्र किया गया है. रिपोर्ट में पाया गया कि 49 विधायकों पर एक करोड़ से अधिक की देनदारी थी, जिसमें योगी सरकार में मंत्री नंद गोपाल नंदी पर 26 करोड़, नेचतुर विधानसभा से विधायक ओम कुमार पर 11 करोड़, इलाहाबाद पश्चिमी विधानसभा से विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह पर 9 करोड़ की घोषित देनदारी रही.
रिपोर्ट में विधायकों की शिक्षा का भी विश्लेषण किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक 396 विधायकों में से 95 विधायक आठवीं से 12वीं पास है. 290 विधायक ग्रेजुएट हैं और 4 विधायक साक्षर भर है. साथ ही पांच विधायक डिप्लोमा धारी बताए गए हैं.
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