लखनऊः राजधानी में पंचायत चुनाव में शानदार प्रदर्शन न कर पाने को लेकर योगी सरकार और भाजपा संगठन के कामकाज को लेकर भी तमाम तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. 4 साल की सरकार चलाने, तमाम उपलब्धियों के बखान और बूथ स्तर तक संगठन मजबूत होने के दावे के बावजूद भारतीय जनता पार्टी की स्थिति काफी कमजोर होने के साथ-साथ दयनीय स्थिति में जा पहुंची है. विधानसभा चुनाव से पहले जिला पंचायत चुनाव को सेमीफाइनल के रूप में माना जा रहा था. अगर विधानसभा चुनाव के दौरान भी यही स्थिति रही तो भारतीय जनता पार्टी को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं में उजागर हुई, बदहाल स्थिति और लोगों को इलाज ऑक्सीजन आदि न मिल पाने के चलते भी भाजपा को नुकसान हुआ है.
पूर्व सांसद रीना चौधरी को भी नहीं जिता पाई भाजपा
लखनऊ में जिला पंचायत अध्यक्ष की प्रबल दावेदार पूर्व सांसद रीना चौधरी को भी भाजपा चुनाव नहीं जीता पायी. रीना चौधरी राजधानी लखनऊ की सरोजिनी नगर जिला पंचायत वार्ड से भाजपा की समर्थित उम्मीदवार थी, लेकिन वह चुनाव हार गईं. ऐसे में एक बड़ा सवाल यह है कि भाजपा जिसे जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने जा रही थी. वह प्रबल दावेदार थी, लेकिन भाजपा उन्हें जिला पंचायत सदस्य का भी चुनाव नहीं जीता पायी. सरोजनी नगर सीट पर समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी पलक रावत चुनाव जीती हैं.
निर्वतमान जिला पंचायत अध्यक्ष विजय बहादुर चुनाव जीते
लखनऊ के निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष विजय बहादुर यादव एक बार फिर जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीतने में सफल हो गए हैं. वह गोसाईगंज वार्ड से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतरे थे और अपनी जीत दर्ज की है. खास बात यह है कि विजय बहादुर यादव पिछले साल भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे, लेकिन इस बार उन्हें भाजपा से टिकट नहीं मिला था. ऐसे में अब एक बड़ा सवाल यह भी है कि भारतीय जनता पार्टी के जिला पंचायत अध्यक्ष की संभावित दावेदार रीना चौधरी के चुनाव हार जाने के बाद भाजपा की तरफ से कौन जिला पंचायत अध्यक्ष का दावेदार होगा.
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हालांकि भाजपा के जब सिर्फ तीन प्रत्याशी ही चुनाव जीते हैं और समाजवादी पार्टी के 9 उम्मीदवार चुनाव जीते हैं तो आने वाले दिनों में चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है. एक खास बात यह भी है कि विजय बहादुर यादव पिछली बार जब चुनाव हुए थे तो वह समाजवादी पार्टी के जिला पंचायत अध्यक्ष के उम्मीदवार थे और चुनाव जीतने में सफल रहे. 5 सालों तक वह जिला पंचायत अध्यक्ष रहे, लेकिन बाद में कुछ विवाद और विकास कार्यों में अनियमितता के चलते अखिलेश यादव उनसे नाराज हो गए थे और उनके खिलाफ जांच भी कराई गई थी. जिसमें वह दोषी पाए गए थे और समाजवादी पार्टी ने उनसे अपना नाता तोड़ लिया था. बाद में विजय बहादुर यादव भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे. अब देखने वाली बात यह होगी कि विजय बहादुर यादव भाजपा में ही रहते हैं या फिर सपा के जीते 9 उम्मीदवारों के साथ जाकर जिला पंचायत अध्यक्ष बनने की कोशिश करते हैं.
ये है लखनऊ जिला पंचायत सदस्य पद में जीत की स्थिति
राजधानी में जिला पंचायत सदस्य के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं. लखनऊ की कुल 25 सीटों में सपा को नौ, बसपा को पांच, भाजपा को तीन सीटें मिली हैं, जबकि निर्दलीय के खाते में आठ सीटें गई हैं. इससे सत्तारूढ़ भाजपा की सियासी ताकत को कमजोर होने की बात सामने आ रही है.
वार्डवार जीते जिला पंचायत सदस्य के उम्मीदवार
- वार्ड-1 चिनहट-1 शशिपाल, बसपा
- वार्ड-2 बीकेटी -1 से अनीता भाजपा
- वार्ड-3 बीकेटी -2 से अरुण----सपा
- वार्ड-4, बीकेटी-3 से महेश प्रसाद, सपा
- वार्ड-5 बीकेटी-4 से आशा वर्मा, निर्दलीय
- वार्ड -6 माल-1 बीकेटी/माल से रेनू -----निर्दलीय
- वार्ड -7 माल-2 रामप्यारी, निर्दलीय
- वार्ड -8 माल-3 संतोष कुमारी, बसपा
- वार्ड -9 माल-4, माल/मलिहाबाद निहाल अहमद, सपा
- वार्ड -10 मलिहाबाद-1 नीता रावत, निर्दलीय
- वार्ड -11 मलिहाबाद-2 यूसुफ खान- बसपा
- वार्ड -12 मलिहाबाद-3 पार्वती, निर्दलीय
- वार्ड -13 काकोरी-1 पन्नालाल, सपा
- वार्ड -14 काकोरी-2 अजय जितेंद्र, सपा
- वार्ड-15 सरोजनीनगर-1 से पलक रावत, सपा
- वार्ड-16 सरोजनीनगर-2 से कैप्टन यादव, सपा
- वार्ड-17 सरोजनीनगर-3 से किरन सिंह, निर्दलीय
- वार्ड-18, मोहनलालगंज-1 से विजय लक्ष्मी, सपा
- वार्ड -19, मोहनलालगंज-2 से अमरेंद्र कुमार-----बसपा
- वार्ड-20 मोहनलालगंज-3 से जितेंद्र कुमार,---- भाजपा
- वार्ड-21 मोहनलालगंज-4 से अरुण कुमार, सपा
- वार्ड -22 गोसाईगंज - 1 सर्वेश कुमारी, बसपा
- वार्ड -23 गोसाईगंज -2 नीतू रावत, भाजपा
- वार्ड -24 गोसाईगंज - 3 विजय बहादुर यादव, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष, निर्दलीय
- वार्ड -25 गोसाईगंज - 4 आरती रावत, निर्दलीय