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भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बोले, सारस की आड़ में आरिफ के नाम पर राजनीति कर रहे अखिलेश

लखनऊ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पशु-पक्षियों को लेकर भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा. वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने अखिलेश के वार पर पलटवार किया है.

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प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी
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Published : Mar 26, 2023, 9:18 PM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों पशु-पक्षी केंद्र बिंदु में हैं. मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव लगातार ट्वीट के जरिए आवारा पशुओं को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर हमलावर रहते हैं. वहीं, इन दिनों उन्होंने सारस को लेकर सरकार पर प्रहार करना शुरू किया है. अखिलेश यादव ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पशु-पक्षियों के मुद्दे पर योगी सरकार को घेरा तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने अखिलेश के वार पर पलटवार किया.

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने अखिलेश यादव के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पशु-पक्षियों से प्रेम प्रदेश की जनता से छिपा नहीं है. गाय और सारस का अंतर सपा प्रमुख को समझना होगा. चिड़ियाघर में सारस को कैद नहीं किया गया, बल्कि संरक्षित किया गया है. सपा प्रमुख सारस की आड़ में आरिफ के नाम पर राजनीति कर रहे हैं.

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने समाजवादी पार्टी के नेताओं पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी के जनप्रतिनिधियों ने जनता पर जो जुल्म किए वह किसी से छिपे नहीं हैं. योगी आदित्यनाथ की सरकार में आम और खास का फर्क मिटा दिया गया तो सपा प्रमुख को परेशानी हो रही है. योगी आदित्यनाथ सभी 75 जिलों का दौरा कर विकास करते हैं तो सपा मुखिया को नजर नहीं आता, लेकिन बतौर सीएम खुद नोएडा नहीं जाते थे, तो भेदभाव कौन करता है यह जनता को नजर आ रहा है.

उन्होंने कहा कि सपा ने कांग्रेस को पहले भी साइकिल पर बिठाया था, जिसे जनता ने पंक्चर कर दिया. कांग्रेस-सपा, सपा-बसपा मिलकर भी भाजपा के खिलाफ चुनाव में साथ खड़े हुए, लेकिन जनता ने उन्हें नकार दिया. जनता उन्हें पहले भी हरा चुकी है, आगे भी हराएगी. यह लोग गठबंधन भी सिर्फ लाभ देखकर ही करते हैं, जबकि भाजपा सरकार में किया गया विकास ही 25 करोड़ यूपी वालों का विश्वास है. भाजपा ने 'सबका साथ सबका विकास' किया. अखिलेश के मन में विकास नहीं, सत्ता का लालच है.

प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि 'जाकी रही भावना जैसी' सपा प्रमुख को छह साल में खुशहाल यूपी नहीं दिखता. उन्हें पक्षी नहीं, पक्षी की आड़ में राजनीति की फिक्र है. समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अपने मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल की बदहाली पर चर्चा नहीं करते. अपने कार्यकाल में पैदा हुए माफिया की बात नहीं करते. उन्हें अपने राज में हुए उपद्रव से चिढ़ नहीं है, लेकिन भाजपा राज में दीपोत्सव, रंगोत्सव व देव दीवाली के प्रति आस्था और जुड़ता जनमानस उनसे देखते नहीं बन रहा है. उन्हें काशी विश्वनाथ, दिव्य कुंभ और देश के महापुरुषों का सम्मान नहीं दिखता.

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि 'योगी सरकार ने 2017 से अब तक दो लाख दो हजार करोड़ रुपये से अधिक का गन्ना भुगतान किया, जबकि अखिलेश सरकार के पांच साल के कार्यकाल (2012-17) में महज 95 हजार 215 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था. उन्होंने जो विरासत हमें दी है, उसमें यह सुधार उन्हें नहीं दिख रहा. यह सुधार योगी सरकार में बढ़ता ही जाएगा. हमने वीआईपी जिले का कल्चर समाप्त कर समान बिजली दी, समान रूप से युवाओं को रोजगार-नौकरी दी'.

पढे़ंः सारस और मोर में उलझे अखिलेश यादव बोले- हाथी पालने वाले पर सरकार ने क्यों नहीं की कार्रवाई

लखनऊः उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों पशु-पक्षी केंद्र बिंदु में हैं. मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव लगातार ट्वीट के जरिए आवारा पशुओं को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर हमलावर रहते हैं. वहीं, इन दिनों उन्होंने सारस को लेकर सरकार पर प्रहार करना शुरू किया है. अखिलेश यादव ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पशु-पक्षियों के मुद्दे पर योगी सरकार को घेरा तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने अखिलेश के वार पर पलटवार किया.

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने अखिलेश यादव के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पशु-पक्षियों से प्रेम प्रदेश की जनता से छिपा नहीं है. गाय और सारस का अंतर सपा प्रमुख को समझना होगा. चिड़ियाघर में सारस को कैद नहीं किया गया, बल्कि संरक्षित किया गया है. सपा प्रमुख सारस की आड़ में आरिफ के नाम पर राजनीति कर रहे हैं.

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने समाजवादी पार्टी के नेताओं पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी के जनप्रतिनिधियों ने जनता पर जो जुल्म किए वह किसी से छिपे नहीं हैं. योगी आदित्यनाथ की सरकार में आम और खास का फर्क मिटा दिया गया तो सपा प्रमुख को परेशानी हो रही है. योगी आदित्यनाथ सभी 75 जिलों का दौरा कर विकास करते हैं तो सपा मुखिया को नजर नहीं आता, लेकिन बतौर सीएम खुद नोएडा नहीं जाते थे, तो भेदभाव कौन करता है यह जनता को नजर आ रहा है.

उन्होंने कहा कि सपा ने कांग्रेस को पहले भी साइकिल पर बिठाया था, जिसे जनता ने पंक्चर कर दिया. कांग्रेस-सपा, सपा-बसपा मिलकर भी भाजपा के खिलाफ चुनाव में साथ खड़े हुए, लेकिन जनता ने उन्हें नकार दिया. जनता उन्हें पहले भी हरा चुकी है, आगे भी हराएगी. यह लोग गठबंधन भी सिर्फ लाभ देखकर ही करते हैं, जबकि भाजपा सरकार में किया गया विकास ही 25 करोड़ यूपी वालों का विश्वास है. भाजपा ने 'सबका साथ सबका विकास' किया. अखिलेश के मन में विकास नहीं, सत्ता का लालच है.

प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि 'जाकी रही भावना जैसी' सपा प्रमुख को छह साल में खुशहाल यूपी नहीं दिखता. उन्हें पक्षी नहीं, पक्षी की आड़ में राजनीति की फिक्र है. समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अपने मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल की बदहाली पर चर्चा नहीं करते. अपने कार्यकाल में पैदा हुए माफिया की बात नहीं करते. उन्हें अपने राज में हुए उपद्रव से चिढ़ नहीं है, लेकिन भाजपा राज में दीपोत्सव, रंगोत्सव व देव दीवाली के प्रति आस्था और जुड़ता जनमानस उनसे देखते नहीं बन रहा है. उन्हें काशी विश्वनाथ, दिव्य कुंभ और देश के महापुरुषों का सम्मान नहीं दिखता.

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि 'योगी सरकार ने 2017 से अब तक दो लाख दो हजार करोड़ रुपये से अधिक का गन्ना भुगतान किया, जबकि अखिलेश सरकार के पांच साल के कार्यकाल (2012-17) में महज 95 हजार 215 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था. उन्होंने जो विरासत हमें दी है, उसमें यह सुधार उन्हें नहीं दिख रहा. यह सुधार योगी सरकार में बढ़ता ही जाएगा. हमने वीआईपी जिले का कल्चर समाप्त कर समान बिजली दी, समान रूप से युवाओं को रोजगार-नौकरी दी'.

पढे़ंः सारस और मोर में उलझे अखिलेश यादव बोले- हाथी पालने वाले पर सरकार ने क्यों नहीं की कार्रवाई

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