लखनऊ : भाजपा जिलाध्यक्ष अब तक नहीं चुने गए हैं. लोकसभा चुनाव में केवल छह महीने का समय बचा हुआ है. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी कार्यालय का फैसला नहीं हो पा रहा है. यह बात दीगर है कि उत्तर प्रदेश भाजपा कार्यालय में जिला अध्यक्षों की दौड़ हो रही है. दूसरी ओर जिलाध्यक्ष को लेकर जिलों में जो पर्यवेक्षक भेजे गए हैं. उनकी रिपोर्ट बहुत ही खराब है. कुल 98 में से 70 प्रतिशत जिलाध्यक्ष को हटाने की सिफारिश की गई है.
पर्यवेक्षकों ने दी जिलाध्यक्षों की निगेटिव रिपोर्ट जिलाध्यक्ष बदलाव के संबंध में रिपोर्ट को लेकर जिले-जिले में पर्यवेक्षक भारतीय जनता पार्टी ने भेजे थे. कुल 98 संगठनात्मक जिलों में अधिकांश के जिला अध्यक्षों की रिपोर्ट या तो नेगेटिव है या फिर भी अपना समय पूरा कर चुके हैं. ऐसे में बदलाव आवश्यक है. माना जा रहा है कि पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर बीजेपी में नए चेहरे 70 फीसदी दिखेंगे. जिला अध्यक्षों में बदलाव, पर्यवेक्षकों ने रिपोर्ट तैयार की है. रिपोर्ट देने का आज अंतिम दिन 98 संगठनात्मक जिलों में नए अध्यक्षों की कवायद शुरू हो गई है.
दिल्ली में तय होंगे नए अध्यक्ष : 98 संगठनात्मक जिलों में पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट भले ही नेगेटिव हो, मगर प्रदेश संगठन किसी बड़े बदलाव का इच्छुक नहीं है. लोकसभा चुनाव सिर पर हैं. ऐसे में जिलाध्यक्ष के बदलाव से क्षेत्र में नुकसान होने का खतरा है. जिसको देखते हुए बड़ा बदलाव नहीं किया जाएगा. प्रदेश में संगठन की यही इच्छा है. ऐसे में बदलाव टल रहा है.
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