लखनऊ: यूपी में अबकी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) के दौरान सूबे की भाजपा सरकार के मंत्रियों को हाड़ तोड़ मेहनत करनी होगी. क्योंकि प्रत्येक कैबिनेट मंत्री को 10 (Responsibility of 10 assemblies to cabinet minister) व राज्य मंत्री को छह विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी मिलेगी. साथ ही जिन मंत्रियों को जिम्मेदारी दी जाएगी, उन्हें इन सीटों पर जीत की भी जिम्मेदारी लेनी होगी. यानी कि अब केवल मंत्री बनने से काम नहीं चलेगा. अपनी सीट तो बचानी ही होगी, साथ में ओवर ऑल जीत में भी योगदान सुनिश्चित करनी होगी.
भाजपा के पास 30 सदस्यीय मंत्रिमंडल है, जिनमें से सात मंत्री हाल ही में बनाए गए हैं. विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, ऐसे में पार्टी अब इन मंत्रियों पर विशेष जिम्मेदारी सौंपने जा रही है. बता दें कि सात अक्टूबर टीम मंत्री जनसंपर्क अभियान भी करेंगे, लोगों तक पहुंचेंगे. जिससे इस पूरे अभियान का श्री गणेश होगा. इसके बाद जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आएंगे, वैसे-वैसे इन मंत्रियों की जिम्मेदारी भी बढ़ती जाएगी.
अभी भी मंत्रियों के पास है जिलों का प्रभार
इससे पहले पिछले तीन साल से मंत्रियों के पास जिलों की जिम्मेदारी है, जिसमें समय-समय पर मंत्रियों को जिले में जाना पड़ता है. वहां अफसरों और संगठन की बैठकों में हिस्सा लेना पड़ता है. इसके अलावे मंत्रियों की जिम्मेदारी चुनाव के दौरान और बढ़ेगी. उनको अलग-अलग विधानसभा में जनसभाएं करनी होंगी. बूथ प्रबंधन से भी जुड़ना होगा, ताकि अधिक से अधिक सीटें पार्टी जीत सके.
मंत्री भी भाजपा का ही कार्यकर्ता: समीर सिंह
वहीं, भाजपा के प्रवक्ता समीर सिंह ने उक्त विषय पर बातचीत करते हुए कहा कि पार्टी की जीत हमारी पहली प्राथमिकता है और इसके लिए सभी को एकजुट होकर जनसंपर्क में लगना होगा. साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी के लिए हर कार्यकर्ता अहम है और मंत्री भी हमारे कार्यकर्ता ही हैं. चुनाव में सबको जुटना पड़ेगा. मंत्री भी उनमें शामिल हैं.