कानपुर: कानपुर फर्टिलाइजर एंड केमिकल्स लिमिटेड (केएफसीएल) में अघोषित तालाबंदी के चलते 500 संविदा कर्मियों ने आना छोड़ दिया है. वे अब कहीं और काम की तलाश में जुट गए हैं. बता दें कि कानपुर की सबसे बड़ी फर्टिलाइजर में उत्पादन बीते कई दिनों से ठप है. वहीं, इस मामले को लेकर अब श्रमिक संगठन एटक के पदाधिकारियों ने पीएम को अपनी ओर से ज्ञापन भेज दिया है. ज्ञापन के जरिए पीएम को इस पूरे मामले की जानकारी दी गई है.
प्रबंधन ने श्रम विभाग को क्या बतायाः प्रबंधन ने जो बात उद्योग और श्रम विभाग के अफसरों को बताई है, उसके मुताबिक पनकी स्थित प्लांट में गेल से गैस आपूर्ति ठप होने और सब्सिडी रुकने से 18 दिसंबर से उत्पादन बंद है. कंपनी पर कुल 650 करोड़ रुपये का बकाया था जिसमें अभी तक 345 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है. प्रतिदिन केएफसीएल में भारत छाप यूरिया का 2100 मीट्रिक टन उत्पादन होता रहा है. हालांकि, अब उत्पादन ठप हो जाने से देश के हजारों किसानों के सामने फर्टिलाइजर का संकट खड़ा हो जाएगा. किसानों का कहना है, अगर उन्हें यूरिया नहीं मिलेगी तो उनका बहुत अधिक नुकसान हो जाएगा.
अपर श्रमायुक्त क्या बोलेः इस पूरे मामले को लेकर अपर श्रमायुक्त पीके सिंह ने कहा कि केएफसीएल में जो गतिविधियां संचालित हैं उनमें श्रम कानूनों का उल्लंघन न हो यह विभाग की जिम्मेदारी है. इसके लिए लगातार श्रम प्रवर्तन अधिकारी मौके पर जाकर प्लांट का निरीक्षण कर रहे हैं. प्रबंधन के लोगों से वार्ता भी की जा रही है. उम्मीद है, जल्द प्लांट में उत्पादन शुरू होगा.
उद्योग उपायुक्त ने क्या कहाः उपायुक्त उद्योग सुधीर श्रीवास्तव का कहना है कि केएफसीएल के प्रबंधन से कुछ सदस्य आकर मिले थे. पूरे मामले की जानकारी भी दी थी. उनकी ओर से गेल के अफसरों से वार्ता भी कराई गई है. इस समस्या का बहुत जल्द समाधान होगा.
श्रमिक नेता क्या बोलेः आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के सेक्रेटरी असित कुमार सिंह का कहना है कि केएफसीएल में उत्पादन ठप होने से रोजाना जो करीब 500 की संख्या में संविदा कर्मी आते थे, उन्होंने आना अब बंद कर दिया है. ठेकेदार के माध्यम से इन कर्मियों को काम मिल जाता था. मगर, अब ये कर्मी नहीं आ रहे हैं. इस संबंध में ज्ञापन पीएम को भेजा जा चुका है.