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सजायाफ्ता विधायक संजीव राजा की पत्नी को भाजपा ने दिया टिकट

अलीगढ़ शहर विधानसभा सीट से विधायक संजीव राजा 2 साल की सजा पाने के बाद भाजपा ने उनका टिकट काट दिया है. हालांकि भाजपा भारतीय जनता पार्टी ने संजीव राजा की पत्नी को प्रत्याशी बनाया है.

विधायक संजीव राजा.
विधायक संजीव राजा.
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Published : Jan 19, 2022, 10:32 PM IST

लखनऊ: अलीगढ़ शहर की सीट से विधायक संजीव राजा पुलिस से मारपीट के पुराने मामले में 2 साल की सजा पाने के बाद इस बार चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. भारतीय जनता पार्टी ने अलीगढ़ शहर की सीट से संजीव राजा की पत्नी मुक्ता राजा को प्रत्याशी बनाया है. भाजपा ने केवल अलीगढ़ सीट के लिए टिकट बुधवार की देर रात घोषित किया है. वैसे संजीव राजा ने अपनी सजा पर रोक लगाने के लिए अदालत में केस दायर किया है. लेकिन भाजपा ने किसी तरह की कानूनी जटिलताओं से बचने के लिए उनकी पत्नी को टिकट दे दिया है.


अलीगढ़ शहर विधानसभा क्षेत्र राजनीतिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है. जिले के सात में से छह विधान सभा क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशियों के नामों की घोषणा हो चुकी है. पूरे ब्रज क्षेत्र में एक मात्र शहर विधान सभा क्षेत्र के प्रत्याशी की घोषणा बाकी है. 22 साल पहले थाना बन्नादेवी क्षेत्र में पुलिसकर्मी के साथ मारपीट के मामले में अदालत ने संजीव राजा को दो साल की सजा सुनाई थी.

इसे भी पढ़ें-UP Assembly Election 2022: आखिर किस दल के लिए इस बार किंगमेकर साबित होगा दलित वोट बैंक...

विधायक संजीव राजा ने हाईकोर्ट में स्टे के लिए अपील दायर की है. 17 से 19 जनवरी 2022 के बीच इस मामले में सुनवाई होने की संभावना थी. माना जा रहा है कि इसकी वजह से प्रत्याशी की घोषणा नहीं हुई थी. संजीव राजा को जब इस मामले में स्टे नहीं मिला तो भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने आखिरकार उनकी पत्नी को टिकट देने का फैसला कर लिया है. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार का यह पहला मामला है. जब किसी विधायक के सजायाफ्ता हो जाने की वजह से उसका टिकट कट गया है.

लखनऊ: अलीगढ़ शहर की सीट से विधायक संजीव राजा पुलिस से मारपीट के पुराने मामले में 2 साल की सजा पाने के बाद इस बार चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. भारतीय जनता पार्टी ने अलीगढ़ शहर की सीट से संजीव राजा की पत्नी मुक्ता राजा को प्रत्याशी बनाया है. भाजपा ने केवल अलीगढ़ सीट के लिए टिकट बुधवार की देर रात घोषित किया है. वैसे संजीव राजा ने अपनी सजा पर रोक लगाने के लिए अदालत में केस दायर किया है. लेकिन भाजपा ने किसी तरह की कानूनी जटिलताओं से बचने के लिए उनकी पत्नी को टिकट दे दिया है.


अलीगढ़ शहर विधानसभा क्षेत्र राजनीतिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है. जिले के सात में से छह विधान सभा क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशियों के नामों की घोषणा हो चुकी है. पूरे ब्रज क्षेत्र में एक मात्र शहर विधान सभा क्षेत्र के प्रत्याशी की घोषणा बाकी है. 22 साल पहले थाना बन्नादेवी क्षेत्र में पुलिसकर्मी के साथ मारपीट के मामले में अदालत ने संजीव राजा को दो साल की सजा सुनाई थी.

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विधायक संजीव राजा ने हाईकोर्ट में स्टे के लिए अपील दायर की है. 17 से 19 जनवरी 2022 के बीच इस मामले में सुनवाई होने की संभावना थी. माना जा रहा है कि इसकी वजह से प्रत्याशी की घोषणा नहीं हुई थी. संजीव राजा को जब इस मामले में स्टे नहीं मिला तो भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने आखिरकार उनकी पत्नी को टिकट देने का फैसला कर लिया है. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार का यह पहला मामला है. जब किसी विधायक के सजायाफ्ता हो जाने की वजह से उसका टिकट कट गया है.

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