लखनऊ: यूपी भाजपा के मीडिया पैनलिस्ट और लखनऊ के पार्षद दिलीप श्रीवास्तव ने नगर निगम में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं. पार्षद ने आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की है. उन्होंने सीएम योगी को भेजे पत्र में लखनऊ नगर निगम के अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर सवाल खड़ा किया है.
लखनऊ के मैथिलीशरण गुप्त वार्ड से बीजेपी के पार्षद दिलीप श्रीवास्तव एडवोकेट हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे अपने पत्र में उन्होंने लिखा है कि भ्रष्टाचार पर लगातार कार्रवाई हो रही है. पूरे प्रदेश में जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम हो रहा है. दुर्भाग्य से नगर निगम लखनऊ में भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस लागू नहीं है. शासन स्तर के अधिकारियों के संरक्षण में यहां भ्रष्टाचार चल रहा है.
बीजेपी पार्षद ने उठाए मुद्दे
बीजेपी पार्षद ने मुख्यमंत्री को भेजे अपने पत्र में लिखा है कि पूरे लखनऊ का कूड़ा उठाने प्रबंधन का जिम्मा एक ही कंपनी इकोग्रीन को दिया गया, जो कि फेल हो गई. फिर भी उसका भुगतान किया गया. इसका जिम्मेदार कौन है? स्वच्छ भारत मिशन फेल हुआ? स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान में लखनऊ का स्थान पिछड़ गया इसका जिम्मेदार कौन है?
कंपनी के पास नहीं है व्यवस्था
बिना लखनऊ की भौगोलिक स्थिति को जानने एक ही निजी कंपनी को लखनऊ के पेयजल, सीवरेज व्यवस्था की जिम्मेदारी शासनादेश के नाम पर दिया गया. नई कंपनी के पास कोई व्यवस्था नहीं है. न ही मशीनें हैं, न ही सफाईकर्मी.
नगर निगम अधिकारियों पर लगाए आरोप
लखनऊ में तमाम सारी समस्याएं हैं और अधिकारी इन समस्याओं को दूर करने के बजाय लापरवाही कर रहे हैं. नगर निगम सदन के द्वारा पारित जनहितकारी फैसलों व सुझावों का उपहास नगर निगम प्रशासन के अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है.
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मुख्यमंत्री को भेजे शिकायती पत्र में तमाम बिंदुओं का जिक्र किया है. अधिकारियों की लापरवाही के चलते लखनऊ में स्थिति ठीक नहीं है. कूड़ा प्रबंधन का काम देखने वाली कंपनी का काम ठीक न होने के बावजूद उसे लगातार भुगतान किया जा रहा है
-दिलीप श्रीवास्तव, भाजपा पार्षद