लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव से पहले अपने संगठन को पूरी तरह से चुस्त दुरुस्त करने के अभियान में लग गई है. बीजेपी ने जिला और क्षेत्र के प्रभारी बदलकर अपनी रणनीति को बूथ स्तर पर और मजबूती के साथ आगे बढ़ाने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है. बूथ स्तर पर भारतीय जनता पार्टी अपने सभी संगठनात्मक अभियान और सरकार के कामकाज को निचले स्तर तक ले जाने के लिए नए सिरे से जिलों में अपना संगठन खड़ा करेगी और मोर्चा प्रकोष्ठों के कामकाज में सभी पदाधिकारी को लगाकर चुनावी तैयारी को मजबूत करेगी. बूथ स्तर तक कामकाज को आगे बढ़ाया जाएगा.
बूथ समितियों को मजबूत कर रही भाजपा : भाजपा ने अपने संगठन में सबसे निचली इकाई बूथ को केंद्रित करते हुए संगठन और सरकार के कामकाज को पहुंचाने का काम कराया जाएगा. इसके लिए भाजपा नेतृत्व ने 14 सदस्यों वाली बूथ समिति को और अधिक मजबूत करते हुए नए सिरे से इन कमेटी में कार्यकर्ताओं को समायोजित करने के दिशा निर्देश दिए हैं. पार्टी ने अपने प्रदेश के जिलों और क्षेत्र के प्रभारी को बदलकर संगठन की ताकत को और बढ़ाने का काम करने की कोशिश की है. पार्टी नेतृत्व की कोशिश है कि लोकसभा चुनाव से पहले प्रत्येक बूथ समितियों को पूरी मजबूती के साथ गठित किया जाए. सभी जाति वर्ग समाज के लोगों को इन समितियां में शामिल किया जाए. जिससे एक बूथ की समिति के माध्यम से स्थानीय स्तर पर पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को जोड़ते हुए स्थानीय स्तर पर जो मतदाता है उनके बीच एक-एक मतदाता तक जाना है और चुनावी गतिविधियों को आगे बढ़ाना है. बीजेपी ने एक बूथ एक व्यक्ति जोड़ने का नया मंत्र भी दिया है. इस मंत्र के माध्यम से पार्टी अपने बूथ समितियों को मजबूत करेगी. एक बूथ के 14 सदस्यों वाली कमेटी स्थानीय स्तर पर लोगों को जोड़ने सरकार की योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचा है या नहीं, कब तक पहुंचेगा, जैसे तमाम विषयों पर लोगों से संवाद करेंगी और योजनाओं की जानकारी भी उन तक पहुंचाने का काम किया जाएगा.
जाति समीकरण और क्षेत्रीय संतुलन पर फोकस : बीजेपी ने अपने जिला और क्षेत्र के प्रभारी को बदलकर बहुत समिति 14 सदस्यों वाली बनाते हुए संगठन और सरकार के कामकाज को निचले स्तर तक ले जाने की दिशा निर्देश दिए हैं. साथ ही जाति समीकरण और क्षेत्रीय संतुलन को भी समायोजित हुए लोकसभा चुनाव की तैयारी को धरातल तक मजबूत करना है. पार्टी ने सभी नव घोषित जिला प्रभारी और क्षेत्र के प्रभारी से लोकसभा चुनाव तैयारी के दृष्टिगत मौजूदा सांसदों की रिपोर्ट भी तलब की है. जिससे इनके माध्यम से वास्तविक जानकारी इन सांसदों के बारे में आए और चुनाव लड़ने जैसे विषयों पर आगे चलकर विचार किया जाएगा. इसके अलावा भाजपा ने सांसदों की रिपोर्ट सर्वे एजेंसी के माध्यम से भी मांगी है जिससे लोकसभा चुनाव में कमजोर उम्मीदवारों को बदलकर जिताऊ प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतर जा सके और इससे पार्टी को फायदा मिल सकेगा.
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