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आंबेडकर, कांशीराम के बाद मुलायम सिंह के जरिये भाजपा का विपक्ष के वोटों पर दांव

डॉ भीमराव आंबेडकर, कांशीराम के बाद में अब भारतीय जनता पार्टी की नजर मुलायम सिंह यादव पर भी है. भाजपा इन दिवंगत नेताओं के जरिये समय समय पर इनके लाखों समर्थकों के बीच पैठ बनाने के प्रयास में भारतीय जनता पार्टी लगातार लगी हुई है.

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Published : Nov 22, 2022, 5:47 PM IST

लखनऊ : डॉ भीमराव आंबेडकर, कांशीराम के बाद में अब भारतीय जनता पार्टी की नजर मुलायम सिंह यादव पर भी है. भाजपा इन दिवंगत नेताओं के जरिये समय समय पर इनके लाखों समर्थकों के बीच पैठ बनाने के प्रयास में भारतीय जनता पार्टी लगातार लगी हुई है. मुलायम सिंह यादव की मृत्यु से लेकर उनकी पुण्यतिथि तक भाजपा के बड़े नेता उनको श्रद्धांजलि देने से नहीं चूक रहे. इससे पहले मैनपुरी में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रघुराज सिंह शाक्य ने भी अपने नामांकन से पहले मुलायम सिंह यादव की समाधि पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित की थी. जिससे यह स्पष्ट है कि मुलायम सिंह यादव के समर्थकों को भाजपा अपने पाले में लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. यह बात अलग है कि औपचारिक तौर पर भाजपा इस बात को मानने से इंकार कर रही है. पार्टी इसको लगातार राजनैतिक मर्यादा का पालन ही मान रही है.

वर्ष 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चुनावी अभियान शुरू हुआ था उसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने विपक्ष के बड़े दिवंगत नेताओं को याद करने की राजनीति शुरू कर दी थी. सबसे पहले यादव डॉक्टर भीमराव आंबेडकर पर आजमाया गया. उत्तर प्रदेश में उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी के पारंपरिक मतदाता को अपनी ओर खींचने के लिए भाजपा ने यह दांव खेला था. इसके बाद में बसपा पर और डेंट लगाने के लिए कांशीराम को लेकर की भी भाजपा ने यही सहानुभूति कार्ड खेला था.

जानकारी देते भाजापा के प्रदेश प्रवक्ता समीर सिंह.


अब समाजवादी पार्टी के यादव वोट बैंक पर प्रभाव डालने के लिए भाजपा मुलायम सिंह यादव कार्ड खेल रही है. मुलायम सिंह यादव की मृत्यु होने पर भाजपा के बड़े नेताओं में तत्काल शोक सभाओं का आयोजन किया था. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने वीडियो में विशेष वार्ता करके सहानुभूति व्यक्त की थी. सरकार की ओर से 3 दिन का राजकीय शोक घोषित किया था. रक्षा मंत्री औऱ मुख्यमंत्री सहित भाजपा के बड़े नेता अंत्येष्टि में शामिल होने के लिए सैफई गए थे. मुलायम सिंह यादव की आज जयंती है.

सुबह से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) और उप मुख्यमंत्रियों ने अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त कर दी है. जिससे यह स्पष्ट हो रहा है कि भाजपा मुलायम सिंह यादव को लेकर उपजी सहानुभूति पर अपना ऐसा भी चाह रही है. इस बारे में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता समीर सिंह (Bharatiya Janata Party State Spokesperson Sameer Singh) ने बताया कि या राजनीतिक मर्यादा है. किसी भी दिवंगत बड़े नेता के लिए इस तरह के प्रोटोकॉल का पालन हमेशा से भाजपा करती रही है. यह बात अलग है कि समाजवादी पार्टी पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह जैसे बड़े नेता के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुई थी.

यह भी पढ़ें : यूपी में शुरू होंगे 35 एमसीएच विंग, 1750 डॉक्टर-कर्मचारियों की होगी भर्ती

लखनऊ : डॉ भीमराव आंबेडकर, कांशीराम के बाद में अब भारतीय जनता पार्टी की नजर मुलायम सिंह यादव पर भी है. भाजपा इन दिवंगत नेताओं के जरिये समय समय पर इनके लाखों समर्थकों के बीच पैठ बनाने के प्रयास में भारतीय जनता पार्टी लगातार लगी हुई है. मुलायम सिंह यादव की मृत्यु से लेकर उनकी पुण्यतिथि तक भाजपा के बड़े नेता उनको श्रद्धांजलि देने से नहीं चूक रहे. इससे पहले मैनपुरी में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रघुराज सिंह शाक्य ने भी अपने नामांकन से पहले मुलायम सिंह यादव की समाधि पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित की थी. जिससे यह स्पष्ट है कि मुलायम सिंह यादव के समर्थकों को भाजपा अपने पाले में लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. यह बात अलग है कि औपचारिक तौर पर भाजपा इस बात को मानने से इंकार कर रही है. पार्टी इसको लगातार राजनैतिक मर्यादा का पालन ही मान रही है.

वर्ष 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चुनावी अभियान शुरू हुआ था उसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने विपक्ष के बड़े दिवंगत नेताओं को याद करने की राजनीति शुरू कर दी थी. सबसे पहले यादव डॉक्टर भीमराव आंबेडकर पर आजमाया गया. उत्तर प्रदेश में उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी के पारंपरिक मतदाता को अपनी ओर खींचने के लिए भाजपा ने यह दांव खेला था. इसके बाद में बसपा पर और डेंट लगाने के लिए कांशीराम को लेकर की भी भाजपा ने यही सहानुभूति कार्ड खेला था.

जानकारी देते भाजापा के प्रदेश प्रवक्ता समीर सिंह.


अब समाजवादी पार्टी के यादव वोट बैंक पर प्रभाव डालने के लिए भाजपा मुलायम सिंह यादव कार्ड खेल रही है. मुलायम सिंह यादव की मृत्यु होने पर भाजपा के बड़े नेताओं में तत्काल शोक सभाओं का आयोजन किया था. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने वीडियो में विशेष वार्ता करके सहानुभूति व्यक्त की थी. सरकार की ओर से 3 दिन का राजकीय शोक घोषित किया था. रक्षा मंत्री औऱ मुख्यमंत्री सहित भाजपा के बड़े नेता अंत्येष्टि में शामिल होने के लिए सैफई गए थे. मुलायम सिंह यादव की आज जयंती है.

सुबह से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) और उप मुख्यमंत्रियों ने अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त कर दी है. जिससे यह स्पष्ट हो रहा है कि भाजपा मुलायम सिंह यादव को लेकर उपजी सहानुभूति पर अपना ऐसा भी चाह रही है. इस बारे में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता समीर सिंह (Bharatiya Janata Party State Spokesperson Sameer Singh) ने बताया कि या राजनीतिक मर्यादा है. किसी भी दिवंगत बड़े नेता के लिए इस तरह के प्रोटोकॉल का पालन हमेशा से भाजपा करती रही है. यह बात अलग है कि समाजवादी पार्टी पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह जैसे बड़े नेता के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुई थी.

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