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लखनऊ: बीजेपी ने अपने पुराने वादों को इस संकल्प पत्र में क्यों शामिल किया, जानिए - bjp manifesto 2019

भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है. बीजेपी ने इस बार भी अपने संकल्प पत्र में स्वच्छ गंगा, भव्य राम मंदिर निर्माण, जम्मू कश्मीर में लागू धारा 370 और 35-A हटाने जैसे मुद्दों को शामिल किया है. यही मुद्दे बीजेपी ने अपने 2014 लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र में भी शामिल किए थे.

बीजेपी ने पुराने वादे को इस संकल्प पत्र में क्यों लिया
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Published : Apr 8, 2019, 8:22 PM IST

लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है. पार्टी ने इसे 'संकल्प पत्र' नाम दिया है. इसमें देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर फोकस करते हुए 75 संकल्पों को रखा गया है. वहीं बीजेपी ने 2014 के घोषणा पत्र में जो वादे किए थे और वो पूरे नहीं कर सकी, उन अधूरे वादों को बीजेपी ने इस बार भी अपने चुनावी संकल्प पत्र में शामिल किया है.


भारतीय जनता पार्टी की स्थापना 6 अप्रैल 1980 को हुई थी. अपने शुरूआती दिनों से ही भारतीय जनता पार्टी हिंदुत्व के एजेंडे को साथ लेकर चली. उसने अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण को लेकर अटल, आडवाणी से लेकर तमाम शीर्ष नेताओं ने खुलकर बात की और अपने चुनावी एजेंडे में शामिल करके रखा. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का जो संकल्प पत्र आया था उसमें संवैधानिक व्यवस्था के तहत राम मंदिर निर्माण की बात कही गई थी.

भाजपा नेताओं में सुब्रह्मण्यम स्वामी हों या फिर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह जैसे नेताओं ने बार-बार राम मंदिर निर्माण की बात की. उन्होंने कई मंच से दावे किए कि 2019 लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर निर्माण शुरु हो जाएगा. स्वामी ने तो यहां तक दावा किया कि वर्ष 2018 के दिसंबर से राम मंदिर का निर्माण अवश्य शुरू हो जाएगा. अब एक बार फिर बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र के माध्यम से देश की जनता से वादा किया है कि राम मंदिर निर्माण के लिए वह हर संभव कोशिश करेगी देखना होगा यह कोशिश करने का वादा बीजेपी के लिए कितना फायदेमंद होगा.

समान नागरिक संहिता कानून लाने की बात बीजेपी ने पिछले लोकसभा चुनाव में कई बार कही थी. 2014 के संकल्प पत्र में बीजेपी ने कश्मीर के मुद्दे को ठीक से स्थान दिया था. जम्मू कश्मीर में लागू धारा 370 और 35- A हटाने का वादा पीएम मोदी चुनावी सभाओं से करते रहे. इस वादे को भी मोदी सरकार में पूरा नहीं किया जा सका है. यह सारे मुद्दे राष्ट्रवाद के मुद्दे को पोषित करने वाले हैं. बीजेपी भले ही इन वादों को पूरा नहीं कर सकी हो लेकिन राष्ट्रवाद के मुद्दे को जीवंत रखने का उसका पूरा प्रयास दिख रहा है. पीएम मोदी ने बीजेपी के संकल्प पत्र जारी करने के अवसर पर कहा कि उनका यह संकल्प पत्र राष्ट्रवाद की प्रेरणा से ओत-प्रोत है.

बीजेपी के संकल्प पत्र की जानकारी देते संवाददाता

विकास और हिंदुत्व का एक मिश्रित एजेंडा गंगा स्वछता अभियान भी है. भाजपा ने 2014 के संकल्प पत्र में देश की पवित्र गंगा नदी को अविरल और निर्मल बनाने का संकल्प किया था. लेकिन मोदी सरकार अपने इस वादे को पूरा नहीं कर सकी. गंगा के लिए अलग से मंत्रालय का भी गठन किया गया जिसकी जिम्मेदारी उमा भारती को सौपी गई. उमा भारती ने तमाम बार राजनीतिक मंच गंगा को अविरल और निर्मल बनाने के वादे करती रही. उन्होंने कई बार तो यहां तक कहा कि अगर 2019 से पहले गंगा स्वच्छ नहीं हुई तो वह गंगा में कूदकर अपनी जान दे देंगी. उमा भारती का यह दावा केवल दावा ही रहा. इसे वह हकीकत में नहीं बदल सकी. शायद यही वजह रही कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे यह विभाग छीन लिया और केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को इसकी जिम्मेदारी नये सिरे से दी गई.


वहीं इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार पीएन द्विवेदी का कहना है कि बीजेपी गंगा सफाई में फेल रही लेकिन उसने कई सारे अन्य वादे किए थे. उन सभी वादों को टच जरूर किया है. कृषि क्षेत्र, विदेश नीति, पड़ोसी मुल्कों से भारत के रिस्ते पर पिछले पांच साल उसका फोकस रहा. राम मंदिर मुद्दे को बीजेपी ने इस बार भी शामिल किया है.

वहीं इस मामले पर यूपी बीजेपी की राजनीतिक पत्रिका कमल ज्योति के प्रबंध संपादक राजकुमार का कहना है कि बीजेपी का अन्य राजनीतिक दलों की तरह घोषणा पत्र नहीं जारी करती. बीजेपी संकल्प पत्र लाती है तो उसे पूरा करती है.गंगा सफाई का काम शत प्रतिशत नहीं हुआ लेकिन बहुत सारे और काम भी हुए है उन्होंने कहा पीएम मोदी ने संकल्प पत्र के माध्यम से अपना संकल्प जनता के समक्ष रखा है. जनता इसे स्वीकार करेगी और एक बार फिर मोदी सरकार बनेगी.

लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है. पार्टी ने इसे 'संकल्प पत्र' नाम दिया है. इसमें देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर फोकस करते हुए 75 संकल्पों को रखा गया है. वहीं बीजेपी ने 2014 के घोषणा पत्र में जो वादे किए थे और वो पूरे नहीं कर सकी, उन अधूरे वादों को बीजेपी ने इस बार भी अपने चुनावी संकल्प पत्र में शामिल किया है.


भारतीय जनता पार्टी की स्थापना 6 अप्रैल 1980 को हुई थी. अपने शुरूआती दिनों से ही भारतीय जनता पार्टी हिंदुत्व के एजेंडे को साथ लेकर चली. उसने अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण को लेकर अटल, आडवाणी से लेकर तमाम शीर्ष नेताओं ने खुलकर बात की और अपने चुनावी एजेंडे में शामिल करके रखा. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का जो संकल्प पत्र आया था उसमें संवैधानिक व्यवस्था के तहत राम मंदिर निर्माण की बात कही गई थी.

भाजपा नेताओं में सुब्रह्मण्यम स्वामी हों या फिर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह जैसे नेताओं ने बार-बार राम मंदिर निर्माण की बात की. उन्होंने कई मंच से दावे किए कि 2019 लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर निर्माण शुरु हो जाएगा. स्वामी ने तो यहां तक दावा किया कि वर्ष 2018 के दिसंबर से राम मंदिर का निर्माण अवश्य शुरू हो जाएगा. अब एक बार फिर बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र के माध्यम से देश की जनता से वादा किया है कि राम मंदिर निर्माण के लिए वह हर संभव कोशिश करेगी देखना होगा यह कोशिश करने का वादा बीजेपी के लिए कितना फायदेमंद होगा.

समान नागरिक संहिता कानून लाने की बात बीजेपी ने पिछले लोकसभा चुनाव में कई बार कही थी. 2014 के संकल्प पत्र में बीजेपी ने कश्मीर के मुद्दे को ठीक से स्थान दिया था. जम्मू कश्मीर में लागू धारा 370 और 35- A हटाने का वादा पीएम मोदी चुनावी सभाओं से करते रहे. इस वादे को भी मोदी सरकार में पूरा नहीं किया जा सका है. यह सारे मुद्दे राष्ट्रवाद के मुद्दे को पोषित करने वाले हैं. बीजेपी भले ही इन वादों को पूरा नहीं कर सकी हो लेकिन राष्ट्रवाद के मुद्दे को जीवंत रखने का उसका पूरा प्रयास दिख रहा है. पीएम मोदी ने बीजेपी के संकल्प पत्र जारी करने के अवसर पर कहा कि उनका यह संकल्प पत्र राष्ट्रवाद की प्रेरणा से ओत-प्रोत है.

बीजेपी के संकल्प पत्र की जानकारी देते संवाददाता

विकास और हिंदुत्व का एक मिश्रित एजेंडा गंगा स्वछता अभियान भी है. भाजपा ने 2014 के संकल्प पत्र में देश की पवित्र गंगा नदी को अविरल और निर्मल बनाने का संकल्प किया था. लेकिन मोदी सरकार अपने इस वादे को पूरा नहीं कर सकी. गंगा के लिए अलग से मंत्रालय का भी गठन किया गया जिसकी जिम्मेदारी उमा भारती को सौपी गई. उमा भारती ने तमाम बार राजनीतिक मंच गंगा को अविरल और निर्मल बनाने के वादे करती रही. उन्होंने कई बार तो यहां तक कहा कि अगर 2019 से पहले गंगा स्वच्छ नहीं हुई तो वह गंगा में कूदकर अपनी जान दे देंगी. उमा भारती का यह दावा केवल दावा ही रहा. इसे वह हकीकत में नहीं बदल सकी. शायद यही वजह रही कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे यह विभाग छीन लिया और केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को इसकी जिम्मेदारी नये सिरे से दी गई.


वहीं इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार पीएन द्विवेदी का कहना है कि बीजेपी गंगा सफाई में फेल रही लेकिन उसने कई सारे अन्य वादे किए थे. उन सभी वादों को टच जरूर किया है. कृषि क्षेत्र, विदेश नीति, पड़ोसी मुल्कों से भारत के रिस्ते पर पिछले पांच साल उसका फोकस रहा. राम मंदिर मुद्दे को बीजेपी ने इस बार भी शामिल किया है.

वहीं इस मामले पर यूपी बीजेपी की राजनीतिक पत्रिका कमल ज्योति के प्रबंध संपादक राजकुमार का कहना है कि बीजेपी का अन्य राजनीतिक दलों की तरह घोषणा पत्र नहीं जारी करती. बीजेपी संकल्प पत्र लाती है तो उसे पूरा करती है.गंगा सफाई का काम शत प्रतिशत नहीं हुआ लेकिन बहुत सारे और काम भी हुए है उन्होंने कहा पीएम मोदी ने संकल्प पत्र के माध्यम से अपना संकल्प जनता के समक्ष रखा है. जनता इसे स्वीकार करेगी और एक बार फिर मोदी सरकार बनेगी.

Intro:लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी का लोकसभा चुनाव के अवसर पर संकल्प पत्र आ गया है। इसमें 75 संकल्प हैं। हम आपको बताएंगे कि बीजेपी के 2014 के संकल्प पत्र में ऐसे कौन से बड़े वादे किए थे जो पांच सालों के दौरान पूरे न कर सकी। उन अधूरे वादों को बीजेपी ने इस बार भी अपने चुनावी संकल्प पत्र में शामिल किया है। गंगा सफाई अभियान से लेकर कश्मीर मुद्दे पर बीजेपी सफल होती नहीं दिख रही है।


Body:भारतीय जनता पार्टी स्थापना छह अप्रैल 1980 को हुई थी। अपने शुरूआती दिनों से ही भारतीय जनता पार्टी हिंदुत्व के एजेंडे को साथ लेकर चली। उसने अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण को लेकर अटल, आडवाणी से लेकर तमांग शीर्ष नेताओं ने खुलकर बात की। अपने चुनावी एजेंडे में शामिल करके रखा। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का जो संकल्प पत्र आया था उसमें संवैधानिक व्यवस्था के तहत राम मंदिर निर्माण की बात कही गई थी।

भाजपा नेताओं में सुब्रह्मण्यम स्वामी हों या फिर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह जैसे नेताओं ने बार-बार राम मंदिर निर्माण की बात की। उन्होंने कई मंच से दावे किए कि 2019 लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर निर्माण शुरु हो जाएगा। स्वामी ने तो यहां तक दावा किया कि वर्ष 2018 के दिसंबर से राम मंदिर का निर्माण अवश्य शुरू हो जाएगा। वहीं बीजेपी नेतृत्व ने एक बीच का रास्ता अख्तियार किया। जिसमें उसने कहा कि राम मंदिर का निर्माण संवैधानिक व्यवस्था के तहत निर्माण किया जाएगा। अब एक बार फिर बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र के माध्यम से देश की जनता से वादा किया है कि राम मंदिर निर्माण के लिए वह हर संभव कोशिश करेगी। देखना होगा यह कोशिश करने का वादा बीजेपी के लिए कितना लाभप्रद होगा।

समान नागरिक संहिता कानून लाने की बात बीजेपी पिछले लोकसभा चुनवा में कहती रही है। 2014 के संकल्प पत्र में बीजेपी ने कश्मीर के मुद्दे को ठीक से स्थान दिया था। जम्मू कश्मीर में लागू धारा 370 और 35- A हटाने का वादा पीएम मोदी चुनावी सभाओं से करते रहे। इस वादे को बीजेपी की मोदी सरकार में पूरा नहीं किया जा सका है। यह सारे मुद्दे राष्ट्रवाद के मुद्दे को पोषित करने वाले हैं। बीजेपी भले ही इन वादों को पूरा नहीं कर सकी हो लेकिन राष्ट्रवाद के मुद्दे को जीवंत रखने का उसका पूरा प्रयास दिख रहा है। पीएम मोदी ने बीजेपी के संकल्प पत्र जारी करने के अवसर पर कहा कि उनका यह संकल्प पत्र राष्ट्रवाद की प्रेरणा से ओतप्रोत है।

विकास और हिंदुत्व का एक मिश्रित एजेंडा गंगा स्वछता अभियान है। भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में देश की पवित्र गंगा नदी को अविरल और निर्मल बनाने का संकल्प किया था। लेकिन मोदी सरकार अपने इस वादे को पूरा नहीं कर सकी। गंगा के लिए अलग से मंत्रालय का भी गठन किया गया जिसकी जिम्मेदारी उमा भारती को सौपी गई। उमा भारती ने तमाम बार राजनीतिक मंच गंगा को अविरल और निर्मल बनाने के वादे करती रही। उन्होंने कई बार तो यहां तक कहा कि अगर 2019 से पहले गंगा स्वच्छ नहीं हुई तो वह गंगा में कूदकर अपनी जान दे देंगी। उमा भारती का यह दावा केवल दावा ही रहा। इसे वाह हकीकत में नहीं बदल सकी। शायद यही वजह रही कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे यह विभाग छीन लिया। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को इसकी जिम्मेदारी नये सिरे से दी गई। इसके बाद गंगा स्वच्छता अभियान में थोड़ी तेजी देखने को मिली। लेकिन उनकी यह तेजी जनता को कितना सहमत कर पाती है यह तो आने वाला वक्त बताएगा।

बाईट- वरिष्ठ पत्रकार पीएन द्विवेदी का कहना है कि बीजेपी गंगा सफाई में फेल रही लेकिन उसने कई सारे अन्य वादे किए थे। उन सभी वादों को टच जरूर किया है। कृषि क्षेत्र, विदेश नीति, पड़ोसी मुल्कों से भारत के रिस्ते पर पिछले पांच साल उसका फोकस रहा। राम मंदिर मुद्दे को बीजेपी ने इस बार भी शामिल किया है।

बाईट-यूपी बीजेपी की राजनीतिक पत्रिका कमल ज्योति के प्रबंध संपादक राजकुमार का कहना है कि बीजेपी का अन्य राजनीतिक दलों की तरह घोषणा पत्र नहीं जारी करती। बीजेपी संकल्प पत्र लाती है। उसे पूरा करती है। गंगा सफाई का काम शतप्रतिशत नहीं हुआ लेकिन बहुत कुछ हुआ भी है। पीएम मोदी ने संकल्प पत्र के माध्यम से अपना संकल्प जनता के समक्ष रखा है। जनता इसे स्वीकार करेगी और एक बार फिर मोदी सरकार बनेगी।


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