लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने 1995 के गेस्ट हाउस कांड में सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव व अन्य के खिलाफ चल रहा केस सुप्रीम कोर्ट से वापस ले लिया है. इसको लेकर विपक्षी दल चुटकी लेने में जुटे हैं. भाजपा का कहना है कि मायावती और मुलायम सिंह यादव बताएं कि उन कार्यकर्ताओं का क्या होगा, जिन्होंने इनके लिए लड़ाई लड़ी और उनके खिलाफ भी मुकदमे दर्ज हुए.
ये भी पढ़ें: नोटबंदी के खिलाफ NSUI का प्रदर्शन, कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने भांजी लाठियां
मायावती जी और मुलायम जी से मेरा सवाल है कि आप लोगों की वजह से जिन कार्यकर्ताओं पर मुकदमे दर्ज हुए थे, उनका क्या होगा. आपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए उस समय मुकदमे कराए और अब मुकदमे वापस ले रहे हैं. ऐसे में कार्यकर्ताओं का क्या हाल होगा.
-मनीष शुक्ला, बीजेपी प्रवक्ता1995 की यह घटना है, आज हम 2019 में बैठे हैं. मायावती जी ने अगर यह निर्णय लिया है तो उनका व्यक्तिगत निर्णय है, लेकिन कांग्रेस पार्टी का मानना है कि राजनीतिक व्यक्तियों के बीच ऐसी दुश्मनी नहीं होनी चाहिए. समझौता करने में इतना लंबा समय नहीं लगना चाहिए. मेरा मानना है किसी भी राजनीतिक व्यक्ति को इस तरह से आपस में नहीं लड़ना चाहिए.
-सिद्धार्थ प्रिय श्रीवास्तव, प्रशासन प्रभारी, कांग्रेस