ETV Bharat / state

BJP और BSP ने आज तक नहीं दिया लखनऊ लोकसभा सीट से किसी महिला प्रत्याशी को टिकट

देश को सांसद और प्रधानमंत्री देने वाली लखनऊ लोकसभा सीट पर आज तक बीजेपी या बीएसपी ने कोई महिला प्रत्याशी नहीं उतारा. विभिन्न राजनीतिक दलों ने यहां की महिला वोट को तो अपनी झोली में कर लिया, लेकिन महिलाओं को टिकट देने की जहमत नहीं उठायी.

लोकसभा लखनऊ
author img

By

Published : Mar 26, 2019, 9:57 PM IST

लखनऊ: महिलाओं को आरक्षण देने की बात कहने वाली भारतीय जनता पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने महिला होते हुए भी आज तक यूपी की राजधानी लखनऊ लोकसभा सीट पर किसी भी महिला प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया. इन दोनों ही पार्टियों ने आधी आबादी को हक़ से वंचित रखा.

बीजेपी और बीएसपी ने आज तक नहीं दिया लखनऊ से किसी भी महिला को टिकट

वहीं कांग्रेस की बात की जाए तो उत्तर प्रदेश के लखनऊ लोकसभा सीट पर 1951 में शिवराज वती नेहरू, विजय लक्ष्मी पंडित से लेकर शीला कौल और रीता बहुगुणा जोशी को अपना उम्मीदवार बनाया जबकि समाजवादी पार्टी भी कुछ हद तक महिलाओं को उसका हक देती नजर आई. समाजवादी पार्टी ने डॉ. मधु गुप्ता को लखनऊ से लड़ाया, वहीं सिने स्टार नफीसा अली को भी टिकट दिया.

कहते हैं कि संसद का रास्ता लखनऊ से होकर जाता है. 1951 के पहले आम चुनाव से लेकर 2014 तक हुए चुनावों में यहां से तमाम सांसद बने. कई प्रधानमंत्री भी यहीं से बने. पुरुषों को तो यहां से उनके हक मिले भी, लेकिन महिलाएं पूरी तरह से अपने अधिकार से वंचित रहीं. विभिन्न राजनीतिक दलों ने महिलाओं के वोट तो हासिल किए, लेकिन जब महिलाओं के प्रतिनिधित्व की बारी आई तो उन्हें किनारे कर दिया.

महिला प्रत्याशियों की बात की जाए तो इसमें भारतीय जनता पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने महिलाओं का हक मारने में जरा भी कोताही नहीं की. भारतीय जनता पार्टी ने आज तक लखनऊ सीट से एक भी महिला को उम्मीदवार नहीं बनाया, वहीं बसपा सुप्रीमो हैं तो महिला, लेकिन कभी भी उन्होंने इस तरफ ध्यान भी नहीं दिया कि उन्हें आधी आबादी को पूरा हक देना चाहिए. कम से कम लखनऊ सीट से महिला प्रत्याशी को एक बार तो उतारना चाहिए. इस मामले में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने जरूर महिलाओं को कुछ हद तक प्रतिनिधित्व दिया.

कब, किसे मिला टिकट

  • कांग्रेस ने 1951 में शिवराज वती नेहरू को लखनऊ से टिकट दिया और वह सांसद बनीं.
  • 1953 से 57 के बीच विजयलक्ष्मी पंडित कांग्रेस पार्टी की सांसद रहीं.
  • 1971 से 77 शीला कौल के नाम रहा.
  • 1977 में भी कांग्रेस ने उन्हें लखनऊ से टिकट दिया, लेकिन हेमवती नंदन बहुगुणा से वे हार गईं.
  • 1980- 84 में एक बार फिर कांग्रेस ने शीला कौल को टिकट दिया और वे जीतीं.
  • 1984-89 भी शीला कौल के ही नाम रहा.
  • 2009 में कांग्रेस ने रीता बहुगुणा जोशी को लखनऊ से टिकट दिया, लेकिन लाल जी टंडन से हार गईं. उन्हें 27.93℅ मत मिले जबकि लालजी टंडन को 34.93℅.
  • 2014 में फिर लखनऊ सीट पर कांग्रेस ने रीता बहुगुणा जोशी को ही आजमाया, लेकिन राजनाथ सिंह ने उन्हें हरा दिया. रीता बहुगुणा जोशी को 27.87 तो राजनाथ को दोगुना के करीब 54.23℅ मत हासिल हुए.
  • समाजवादी पार्टी ने 2004 लोकसभा चुनाव में लखनऊ सीट पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी अटल बिहारी वाजपेई के सामने डॉ. मधु गुप्ता को उतारा, लेकिन उनकी बुरी हार हुई. अटल को 56.12℅ मत मिले तो मधु गुप्ता को सिर्फ 18.38%.
  • सपा ने 2009 लोक सभा चुनाव में लखनऊ सीट पर सिने तारिका नफीसा अली सोढ़ी को उतारा, लेकिन उन्हें महज 10.52% मत ही मिले.

क्या है मतदाताओं का आंकड़ा

  • लखनऊ लोकसभा सीट में मतदाताओं की कुल संख्या - 35,73,944
  • पुरुषों की संख्या-1909769
  • महिलाओं की संख्या-1635800

ऐसी बात नहीं है कि भारतीय जनता पार्टी महिलाओं को टिकट नहीं देती है. सीट के लिए आवेदन आते हैं और पार्टी को लगता है कि यह जिताऊ कैंडिडेट है तो वहां पर महिला को टिकट दिया जाता है.

लखनऊ: महिलाओं को आरक्षण देने की बात कहने वाली भारतीय जनता पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने महिला होते हुए भी आज तक यूपी की राजधानी लखनऊ लोकसभा सीट पर किसी भी महिला प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया. इन दोनों ही पार्टियों ने आधी आबादी को हक़ से वंचित रखा.

बीजेपी और बीएसपी ने आज तक नहीं दिया लखनऊ से किसी भी महिला को टिकट

वहीं कांग्रेस की बात की जाए तो उत्तर प्रदेश के लखनऊ लोकसभा सीट पर 1951 में शिवराज वती नेहरू, विजय लक्ष्मी पंडित से लेकर शीला कौल और रीता बहुगुणा जोशी को अपना उम्मीदवार बनाया जबकि समाजवादी पार्टी भी कुछ हद तक महिलाओं को उसका हक देती नजर आई. समाजवादी पार्टी ने डॉ. मधु गुप्ता को लखनऊ से लड़ाया, वहीं सिने स्टार नफीसा अली को भी टिकट दिया.

कहते हैं कि संसद का रास्ता लखनऊ से होकर जाता है. 1951 के पहले आम चुनाव से लेकर 2014 तक हुए चुनावों में यहां से तमाम सांसद बने. कई प्रधानमंत्री भी यहीं से बने. पुरुषों को तो यहां से उनके हक मिले भी, लेकिन महिलाएं पूरी तरह से अपने अधिकार से वंचित रहीं. विभिन्न राजनीतिक दलों ने महिलाओं के वोट तो हासिल किए, लेकिन जब महिलाओं के प्रतिनिधित्व की बारी आई तो उन्हें किनारे कर दिया.

महिला प्रत्याशियों की बात की जाए तो इसमें भारतीय जनता पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने महिलाओं का हक मारने में जरा भी कोताही नहीं की. भारतीय जनता पार्टी ने आज तक लखनऊ सीट से एक भी महिला को उम्मीदवार नहीं बनाया, वहीं बसपा सुप्रीमो हैं तो महिला, लेकिन कभी भी उन्होंने इस तरफ ध्यान भी नहीं दिया कि उन्हें आधी आबादी को पूरा हक देना चाहिए. कम से कम लखनऊ सीट से महिला प्रत्याशी को एक बार तो उतारना चाहिए. इस मामले में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने जरूर महिलाओं को कुछ हद तक प्रतिनिधित्व दिया.

कब, किसे मिला टिकट

  • कांग्रेस ने 1951 में शिवराज वती नेहरू को लखनऊ से टिकट दिया और वह सांसद बनीं.
  • 1953 से 57 के बीच विजयलक्ष्मी पंडित कांग्रेस पार्टी की सांसद रहीं.
  • 1971 से 77 शीला कौल के नाम रहा.
  • 1977 में भी कांग्रेस ने उन्हें लखनऊ से टिकट दिया, लेकिन हेमवती नंदन बहुगुणा से वे हार गईं.
  • 1980- 84 में एक बार फिर कांग्रेस ने शीला कौल को टिकट दिया और वे जीतीं.
  • 1984-89 भी शीला कौल के ही नाम रहा.
  • 2009 में कांग्रेस ने रीता बहुगुणा जोशी को लखनऊ से टिकट दिया, लेकिन लाल जी टंडन से हार गईं. उन्हें 27.93℅ मत मिले जबकि लालजी टंडन को 34.93℅.
  • 2014 में फिर लखनऊ सीट पर कांग्रेस ने रीता बहुगुणा जोशी को ही आजमाया, लेकिन राजनाथ सिंह ने उन्हें हरा दिया. रीता बहुगुणा जोशी को 27.87 तो राजनाथ को दोगुना के करीब 54.23℅ मत हासिल हुए.
  • समाजवादी पार्टी ने 2004 लोकसभा चुनाव में लखनऊ सीट पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी अटल बिहारी वाजपेई के सामने डॉ. मधु गुप्ता को उतारा, लेकिन उनकी बुरी हार हुई. अटल को 56.12℅ मत मिले तो मधु गुप्ता को सिर्फ 18.38%.
  • सपा ने 2009 लोक सभा चुनाव में लखनऊ सीट पर सिने तारिका नफीसा अली सोढ़ी को उतारा, लेकिन उन्हें महज 10.52% मत ही मिले.

क्या है मतदाताओं का आंकड़ा

  • लखनऊ लोकसभा सीट में मतदाताओं की कुल संख्या - 35,73,944
  • पुरुषों की संख्या-1909769
  • महिलाओं की संख्या-1635800

ऐसी बात नहीं है कि भारतीय जनता पार्टी महिलाओं को टिकट नहीं देती है. सीट के लिए आवेदन आते हैं और पार्टी को लगता है कि यह जिताऊ कैंडिडेट है तो वहां पर महिला को टिकट दिया जाता है.

Intro:भाजपा, बसपा नहीं देती आधी आबादी को पूरा हक, आज तक नहीं दिया लखनऊ से किसी भी महिला को टिकट

लखनऊ। महिलाओं को आरक्षण देने की बात कहने वाली भारतीय जनता पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने महिला होते हुए भी आज तक उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ लोकसभा सीट पर किसी भी महिला प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया। इन दोनों ही पार्टियों ने आधी आबादी को पूरे हक से वंचित रखा। वहीं कांग्रेस की बात की जाए तो उत्तर प्रदेश के लखनऊ लोकसभा सीट पर 1951 में शिवराज वती नेहरू, विजय लक्ष्मी पंडित से लेकर शीला कौल और रीता बहुगुणा जोशी को अपना उम्मीदवार बनाया, जबकि समाजवादी पार्टी भी कुछ हद तक महिलाओं को उसका हक देती नजर आई। समाजवादी पार्टी ने डॉ मधु गुप्ता को लखनऊ से लड़ाया, वहीं सिने तारिका नफीसा अली को भी टिकट दिया।


Body:कहते हैं कि संसद का रास्ता लखनऊ से होकर जाता है। 1951 के पहले आम चुनाव से लेकर 2014 तक हुए चुनावों में यहां से तमाम सांसद बने। कई प्रधानमंत्री भी यहीं से बने। पुरुषों को तो यहां से उनके हक मिले भी, लेकिन महिलाएं पूरी तरह से अपने अधिकार से वंचित रहीं। विभिन्न राजनीतिक दलों ने महिलाओं के वोट तो हासिल किए, लेकिन जब महिलाओं के प्रतिनिधित्व की बारी आई तो उन्हें किनारे कर दिया। महिला प्रत्याशियों की बात की जाए तो इसमें भारतीय जनता पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने महिलाओं का हक़ मारने में जरा भी कोताही नहीं की। भारतीय जनता पार्टी ने आज तक लखनऊ सीट से एक भी महिला को उम्मीदवार नहीं बनाया, वहीं बसपा सुप्रीमो हैं तो महिला, लेकिन कभी भी उन्होंने इस तरफ ध्यान भी नहीं दिया कि उन्हें आधी आबादी को पूरा हक देना चाहिए। कम से कम लखनऊ सीट से महिला प्रत्याशी को एक बार तो उतारना चाहिए। इस मामले में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने जरूर महिलाओं को कुछ हद तक प्रतिनिधित्व दिया।

gfx in

- कांग्रेस ने 1951 में शिवराज वती नेहरू को लखनऊ से टिकट दिया और वह सांसद बनीं
- 1953 से 57 के बीच विजयलक्ष्मी पण्डित कांग्रेस पार्टी की सांसद रहीं
- 1971 से 77 शीला कौल के नाम रहा
- 1977 में भी कांग्रेस ने उन्हें लखनऊ से टिकट दिया, लेकिन हेमवती नंदन बहुगुणा से वे हार गईं
-1980- 84 में एक बार फिर कांग्रेस ने शीला कौल को टिकट दिया और वे जीतीं।
1984-89 भी शीला कौल के ही नाम रहा।
-2009 में कांग्रेस ने रीता बहुगुणा जोशी को लखनऊ से टिकट दिया, लेकिन लाल जी टंडन से हार गईं। उन्हें 27.93℅मत मिले जबकि लालजी टंडन को 34.93℅
-2014 में फिर लखनऊ सीट पर कांग्रेस ने रीता बहुगुणा जोशी को ही आजमाया, लेकिन राजनाथ सिंह ने उन्हें हरा दिया। रीता बहुगुणा जोशी को 27.87 तो राजनाथ को दोगुना के करीब 54.23℅मत हासिल हुए
- समाजवादी पार्टी ने 2004 लोकसभा चुनाव में लखनऊ सीट पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी अटल बिहारी वाजपेई के सामने डॉ मधु गुप्ता को उतारा, लेकिन उनकी बुरी हार हुई। अटल को 56.12℅ मत मिले तो मधु गुप्ता को सिर्फ 18.38%
-सपा ने 2009 लोक सभा चुनाव में लखनऊ सीट पर सिने तारिका नफीसा अली सोढ़ी को उतारा, लेकिन उन्हें महज 10.52% मत ही मिले

gfx out

gfx in

- लखनऊ लोकसभा सीट में मतदाताओं की कुल संख्या-35,73,944

-पुरुषों की संख्या-1909769
-महिलाओं की संख्या-1635800

gfx out


Conclusion:बाइट

ऐसी बात नहीं है कि भारतीय जनता पार्टी महिलाओं को टिकट नहीं देती है। सीट के लिए आवेदन आते हैं और पार्टी को लगता है कि यह जिताऊ कैंडिडेट है तो वहां पर महिला को टिकट दिया जाता है।

हरिश्चंद्र श्रीवास्तव प्रवक्ता, बीजेपी

बाइट

जब महिलाएं घर चला सकती हैं तो भला वह देश भी चला सकती हैं। भारतीय जनता पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को इस ओर जरूर ध्यान देना चाहिए। कांग्रेस और सपा ने तो महिलाओं को टिकट दिए, लेकिन इन दोनों पार्टियों ने अब तक सोचा भी नहीं है। यह ठीक नहीं है। सिर्फ आधी आबादी के हक की बात करना और उन्हें प्रतिनिधित्व ना देना पूरी तरह गलत है। बीजेपी और बीएसपी को लखनऊ से भी महिला उम्मीदवार उतारनी चाहिए।

चंद्रा गर्ग, समाजसेवी
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.