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लखनऊ: बायोमीट्रिक टिकटिंग मशीन से दिए जा रहे यात्रियों को टिकट

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चारबाग जंक्शन पर यात्रियों की सुविधा के लिए बायोमीट्रिक टिकटिंग मशीन लगाई है. जिससे यात्रियों को अब आसानी से टिकट मिल सकेगा.

बायोमीट्रिक टिकटिंग मशीन से दिए जा रहे टोकन
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Published : Jul 30, 2019, 10:34 AM IST

लखनऊ: रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स यानी (आरपीएफ) पर लखनऊ से मुंबई जाने वाली पुष्पक एक्सप्रेस के जनरल कोच में यात्रियों को सीट दिलाने के नाम पर पैसे लेने का आरोप लगता रहा है. अब एक मशीन ने आरपीएफ पर लगे इन भ्रष्टाचार के आरोपों को खत्म कर दिया है.

बायोमीट्रिक टिकटिंग मशीन से दिए जा रहे टोकन

जानें कैसे काम करती है बायोमीट्रिक टिकटिंग मशीन

  • चारबाग के लखनऊ जंक्शन पर दो बायोमीट्रिक टिकटिंग मशीन लगाई गई हैं.
  • हर रोज इन टिकटिंग मशीनों से तकरीबन 600 टोकन जारी किए जाते हैं.
  • एक मशीन से साढ़े चार सौ तो दूसरी मशीन से डेढ़ सौ टोकन यात्रियों को दिए जाते हैं.
  • पुष्पक एक्सप्रेस के लिए रोजाना ही लंबी लंबी कतारें रेलवे स्टेशन पर लगती हैं.
  • टिकट लेने के बाद टोकन के लिए यात्री लाइन लगाते हैं.
  • आरपीएफ की तरफ से उन्हें बायोमीट्रिक टिकटिंग मशीन में अंगूठा लगाने के बाद एक टोकन जारी किया जाता है.
  • जब पुष्पक एक्सप्रेस लखनऊ से मुंबई जाने के लिए रवाना होने वाली होती है तो टिकट के सीरियल के मुताबिक ही टोकन देकर रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के अधिकारी यात्रियों को ट्रेन में बिठाते हैं.
  • बायोमीट्रिक टिकटिंग मशीन में ही सर्वर लगा है.
  • यात्रियों के अंगूठा लगाते ही इसी सर्वर में सारा रिकॉर्ड दर्ज हो जाता है.

लखनऊ: रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स यानी (आरपीएफ) पर लखनऊ से मुंबई जाने वाली पुष्पक एक्सप्रेस के जनरल कोच में यात्रियों को सीट दिलाने के नाम पर पैसे लेने का आरोप लगता रहा है. अब एक मशीन ने आरपीएफ पर लगे इन भ्रष्टाचार के आरोपों को खत्म कर दिया है.

बायोमीट्रिक टिकटिंग मशीन से दिए जा रहे टोकन

जानें कैसे काम करती है बायोमीट्रिक टिकटिंग मशीन

  • चारबाग के लखनऊ जंक्शन पर दो बायोमीट्रिक टिकटिंग मशीन लगाई गई हैं.
  • हर रोज इन टिकटिंग मशीनों से तकरीबन 600 टोकन जारी किए जाते हैं.
  • एक मशीन से साढ़े चार सौ तो दूसरी मशीन से डेढ़ सौ टोकन यात्रियों को दिए जाते हैं.
  • पुष्पक एक्सप्रेस के लिए रोजाना ही लंबी लंबी कतारें रेलवे स्टेशन पर लगती हैं.
  • टिकट लेने के बाद टोकन के लिए यात्री लाइन लगाते हैं.
  • आरपीएफ की तरफ से उन्हें बायोमीट्रिक टिकटिंग मशीन में अंगूठा लगाने के बाद एक टोकन जारी किया जाता है.
  • जब पुष्पक एक्सप्रेस लखनऊ से मुंबई जाने के लिए रवाना होने वाली होती है तो टिकट के सीरियल के मुताबिक ही टोकन देकर रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के अधिकारी यात्रियों को ट्रेन में बिठाते हैं.
  • बायोमीट्रिक टिकटिंग मशीन में ही सर्वर लगा है.
  • यात्रियों के अंगूठा लगाते ही इसी सर्वर में सारा रिकॉर्ड दर्ज हो जाता है.
Intro:अब नहीं लगते आरपीएफ पर भ्रष्टाचार के आरोप, बीटीएम से यात्रियों को दिए जा रहे टोकन

लखनऊ। रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स यानी (आरपीएफ) पर लखनऊ से मुंबई जाने वाली पुष्पक एक्सप्रेस के जनरल कोच में यात्रियों को सीट दिलाने के नाम पर पैसे लेने का आरोप लगता रहा है, लेकिन एक मशीन ने आरपीएफ पर लगे इन भ्रष्टाचार के आरोपों को खत्म कर दिया है। अब जनरल यात्रियों को टिकट दिखाने के बाद इस मशीन से एक टोकन जारी किया जाता है। इसी टोकन पर सीरियल वाइज यात्रियों को पुष्पक के जनरल कोच में सीट दी जाती है।


Body:चारबाग के लखनऊ जंक्शन पर दो बायोमीट्रिक टिकटिंग मशीन लगाई गई हैं। हर रोज इन टिकटिंग मशीनों से तकरीबन 600 टोकन जारी किए जाते हैं। एक मशीन से साढ़े चार सौ तो दूसरी मशीन से डेढ़ सौ टोकन यात्रियों को दिए जाते हैं। पुष्पक एक्सप्रेस के लिए रोजाना ही लंबी लंबी कतारें रेलवे स्टेशन पर लगती हैं। टिकट लेने के बाद टोकन के लिए यात्री लाइन लगाते हैं और आरपीएफ की तरफ से उन्हें बायोमीट्रिक टिकटिंग मशीन में अंगूठा लगाने के बाद एक टोकन जारी किया जाता है। जब पुष्पक एक्सप्रेस लखनऊ से मुंबई जाने के लिए रवाना होने वाली होती है तो टिकट के सीरियल के मुताबिक ही टोकन देकर रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के अधिकारी यात्रियों को ट्रेन में बिठाते हैं। इससे जहां सीट पाने के लिए यात्रियों में झगड़ा नहीं होता है वहीं दूसरी तरफ आरपीएफ पर भी पैसे लेकर सीट देने का आरोप नहीं लगता है।


Conclusion:बायोमीट्रिक टिकटिंग मशीन में ही सर्वर लगा है। यात्रियों के अंगूठा लगाते ही इसी सर्वर में सारा रिकॉर्ड दर्ज हो जाता है। हालांकि, कभी-कभी बायोमीट्रिक टिकटिंग मशीन चलने में बिजली बाधक जरूर बन रही है। बिजली जाने के बाद एक घंटे तक यूपीएस काम करता है लेकिन उसके बाद बंद हो जाता है, ऐसे में रेलवे अब बिजली व्यवस्था बहाल रहे इसका भी इंतजाम कर रहा है। वहीं एक समस्या यह भी सामने आ रही है कि बार-बार अंगूठा लगाने से मशीन में पसीना लग जाता है जिससे वह अंगूठे का निशान ही स्वीकार नहीं करती है। इससे कई बार टोकन जारी होने में दिक्कत आती है।
अखिल पांडेय, लखनऊ 9336864096
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