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रोडवेज के ईटीएम से नहीं निकल रहा वे बिल, सवारियां ट्रांसफर नहीं होने से कंडक्टरों की बढ़ी दिक्कत - problem solving

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीन (electronic ticketing machine) का वर्जन बदलकर कोड लॉक कर दिया जिससे अब ड्राइवर कंडक्टरों के सामने बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है. बस बीच रास्ते खराब होने पर पहले जहां कंडक्टर वे बिल निकालकर दूसरी बस के कंडक्टर को सवारियां ट्रांसफर कर देते थे, लेकिन अब कोड लॉक होने से वे बिल निकल ही नहीं पा रहा है जिससे बस खराब होने पर सवारियां ट्रांसफर करना असंभव हो गया है.

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Published : Nov 26, 2022, 5:19 PM IST

लखनऊ. उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (Uttar Pradesh State Road Transport Corporation) ने इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीन (electronic ticketing machine) का वर्जन बदलकर कोड लॉक कर दिया है. जिससे अब ड्राइवर कंडक्टरों के सामने बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है. बस बीच रास्ते खराब होने पर पहले जहां कंडक्टर वे बिल निकालकर दूसरी बस के कंडक्टर को सवारियां ट्रांसफर कर देते थे, लेकिन अब कोड लॉक होने से वे बिल निकल ही नहीं पा रहे हैं. इससे बस खराब होने की दशा में सवारियां ट्रांसफर करना असंभव हो गया है.


अभी तक अगर यात्रा के दौरान बीच रास्ते में बसें खराब होने पर कंडक्टर टिकट मशीन से वे बिल निकालकर अपनी बस की सवारियां दूसरी बस में ट्रांसफर कर देते थे, लेकिन सॉफ्टवेयर का वर्जन बदलने से अब ईटीएम से वेबिल नहीं निकल पा रहा है. जिससे सवारिया ट्रांसफर होने में परेशानी हो रही है. कंडक्टर बताते हैं कि इससे सबसे बड़ी परेशानी यह हो रही है कि यात्री तत्काल अपना पैसा मांगते हैं और तब दिक्कत ये आती है कि ऑनलाइन टिकट बुकिंग (online ticket booking) का पैसा सीधे उसके हाथ में आता नहीं है. लिहाजा वह यात्रियों के पैसे वापस करें भी तो कैसे? कोई यात्री कम किराए के एवज में बड़ा नोट दे देता है तो फुटकर पैसे भी नहीं होते हैं तो भी समस्या हो जाती है. लखनऊ रीजन के हैदरगढ़ डिपो में यह समस्या ज्यादा आ रही है. इस डिपो के परिचालकों ने सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक (assistant regional manager) से समस्या के समाधान के लिए गुजारिश की है. इसके बाद इस समस्या से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है.

उपनगरीय डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक काशी प्रसाद (Kashi Prasad, Assistant Regional Manager, Suburban Depot) का कहना है कि इस तरह की शिकायत परिचालकों ने की थी. जिसके बाद समस्या का समाधान (problem solving) कराने का प्रयास किया गया. अब पहले ही की तरह अगर बस खराब होती है तो ईटीएम से वे बिल निकालकर दूसरी बस में यात्रियों को ट्रांसफर किया जा सकता है. इसमें अब किसी तरह की दिक्कत नहीं रह गई है. कभी-कभी तकनीकी समस्या के चलते इस तरह की शिकायतें हो जाती है, लेकिन उन्हें दूर कराया जाता है.

लखनऊ. उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (Uttar Pradesh State Road Transport Corporation) ने इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीन (electronic ticketing machine) का वर्जन बदलकर कोड लॉक कर दिया है. जिससे अब ड्राइवर कंडक्टरों के सामने बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है. बस बीच रास्ते खराब होने पर पहले जहां कंडक्टर वे बिल निकालकर दूसरी बस के कंडक्टर को सवारियां ट्रांसफर कर देते थे, लेकिन अब कोड लॉक होने से वे बिल निकल ही नहीं पा रहे हैं. इससे बस खराब होने की दशा में सवारियां ट्रांसफर करना असंभव हो गया है.


अभी तक अगर यात्रा के दौरान बीच रास्ते में बसें खराब होने पर कंडक्टर टिकट मशीन से वे बिल निकालकर अपनी बस की सवारियां दूसरी बस में ट्रांसफर कर देते थे, लेकिन सॉफ्टवेयर का वर्जन बदलने से अब ईटीएम से वेबिल नहीं निकल पा रहा है. जिससे सवारिया ट्रांसफर होने में परेशानी हो रही है. कंडक्टर बताते हैं कि इससे सबसे बड़ी परेशानी यह हो रही है कि यात्री तत्काल अपना पैसा मांगते हैं और तब दिक्कत ये आती है कि ऑनलाइन टिकट बुकिंग (online ticket booking) का पैसा सीधे उसके हाथ में आता नहीं है. लिहाजा वह यात्रियों के पैसे वापस करें भी तो कैसे? कोई यात्री कम किराए के एवज में बड़ा नोट दे देता है तो फुटकर पैसे भी नहीं होते हैं तो भी समस्या हो जाती है. लखनऊ रीजन के हैदरगढ़ डिपो में यह समस्या ज्यादा आ रही है. इस डिपो के परिचालकों ने सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक (assistant regional manager) से समस्या के समाधान के लिए गुजारिश की है. इसके बाद इस समस्या से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है.

उपनगरीय डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक काशी प्रसाद (Kashi Prasad, Assistant Regional Manager, Suburban Depot) का कहना है कि इस तरह की शिकायत परिचालकों ने की थी. जिसके बाद समस्या का समाधान (problem solving) कराने का प्रयास किया गया. अब पहले ही की तरह अगर बस खराब होती है तो ईटीएम से वे बिल निकालकर दूसरी बस में यात्रियों को ट्रांसफर किया जा सकता है. इसमें अब किसी तरह की दिक्कत नहीं रह गई है. कभी-कभी तकनीकी समस्या के चलते इस तरह की शिकायतें हो जाती है, लेकिन उन्हें दूर कराया जाता है.

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