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बिहार और यूपी के लगभग 120 प्रवासी मजदूर चंडीगढ़ में फंसे, प्रशासन से लगा रहे मदद की गुहार

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Published : May 2, 2020, 8:38 PM IST

चंडीगढ़ के सेक्टर-17 में इस वक्त ऐसे 100 से 120 प्रवासी मजदूर हैं, जो लॉकडाउन के बाद से यहां फंसे हैं. ये प्रवासी मजदूर ज्यादातर बिहार और यूपी के रहने वाले हैं. करीब 50 प्रवासी मजदूर बिहार के भागलपुर, खगड़िया, मुंगेर, मधेपुरा, बांका जिले के रहने वाले हैं. वहीं 60 के करीब प्रवासी मजदूर यूपी के बलरामपुर, बस्ती जिले के रहने वाले हैं.

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लॉकडाउन में दौरान यूपी और बिहार के प्रवासी मजदूर चंडीगढ़ में फंसे, फाइल फोटो

चंडीगढ़: लॉकडाउन की वजह से दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूर लगातार घर जाने की मांग कर रहे थे, जिसके बाद अब गृह मंत्रालय की गाइडलाइंस के बाद प्रदेश सरकारों ने अपने राज्य के प्रवासी मजदूरों को वापस लाना शुरू कर दिया है. चंडीगढ़ प्रशासन ने प्रवासी मजदूरों को लेकर पोर्टल https://t.co/atQpEx79tc पर अब ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं, जिसके बाद चंडीगढ़ में फंसे सैंकड़ों प्रवासी मजदूरों के मन में घर वापस जाने की उम्मीद दोबारा जग गई है.

बिहार और यूपी के प्रवासी मजदूर चंडीगढ़ में फंसे, प्रशासन से लगा रहे मदद की गुहार

चंडीगढ़ के सेक्टर-17 पर इस वक्त ऐसे 100 से 120 प्रवासी मजदूर हैं, जो लॉकडाउन के बाद से यहां फंसे हैं. ये प्रवासी मजदूर ज्यादातर बिहार और यूपी के रहने वाले हैं. करीब 50 प्रवासी मजदूर बिहार के भागलपुर खगड़िया, मुंगेर, मधेपुरा बांका जिले के रहने वाले हैं. वहीं 60 के करीब प्रवासी मजदूर यूपी के बलरामपुर, बस्ती जिले के रहने वाले हैं.

ईटीवी भारत की टीम प्रवासी मजदूरों की बीच पहुंची और जाना कि आखिर वो सेक्टर-17 में कैसे रह रहे हैं. ज्यादातर प्रवासी मजदूर रिक्शा चलाने वाले, शोरूम में काम करने वाले थे. जो लॉकडाउन के बाद काम ठप होने के बाद यहीं फंस गए. एक प्रवासी मजदूर ने रोते हुए बताया कि वो यूपी का रहने वाला है. यहां वो भूखा मर रहा है और घर पर उसके बच्चे. वो भावुक होकर सिर्फ इतना ही कह सका कि वो घर जाना चाहता है. वो अपने घर में नमक रोटी खाकर भी रह लेगा.

ये भी पढ़िए: चंडीगढ़ को रेड जोन घोषित किए जाने से पवन बंसल नाखुश, बोले-सब डिवीजन के हिसाब से मिले रिलीफ

वहीं दूसरे बिहार के रहने वाले प्रवासी मजदूर ने बताया कि उसने पहले ही अपने प्रदेश के साथियों के नाम और पते लिख लिए हैं. वो कई बार अधिकारियों के चक्कर काट चुका है, लेकिन अभी अधिकारियों का कहना है कि वो नोटिफिकेशन आने का इंतजार कर रहे हैं.

जानिए चंडीगढ़ में फंसे प्रवासी मजदूरों को कैसे मिलेगी मदद?

गौरतलब है कि अब राज्यों की तरफ से भी प्रवासी मजदूरों को घर भेजने की कवायद शुरू हो गई है. चंडीगढ़ प्रशासन ने प्रवासी मजदूरों को लेकर पोर्टल पर अब ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं. इस पोर्टल पर ऐसे लोग जो वापस घर जाना चाहते हैं ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इसी के साथ चंडीगढ़ प्रशासन ने 1800 180 2067 हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है. इस हेल्पलाइन नंबर पर सुबह 8 बजे से लेकर शाम 8 बजे तक कॉल की जा सकती है.

इसके साथ ही चंडीगढ़ प्रशासन ने दो इंचार्ज लगाए हैं, जो श्रमिक ट्रेन के सुचारू काम काज को लेकर नियुक्त किए गए हैं, जिसमें शक्ति प्रकाश देवशाली 9779173536 , 7009955796 और गुरप्रीत सिंह 9888932443 , 8085801664 के नंबर भी जारी किए गए हैं.

चंडीगढ़: लॉकडाउन की वजह से दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूर लगातार घर जाने की मांग कर रहे थे, जिसके बाद अब गृह मंत्रालय की गाइडलाइंस के बाद प्रदेश सरकारों ने अपने राज्य के प्रवासी मजदूरों को वापस लाना शुरू कर दिया है. चंडीगढ़ प्रशासन ने प्रवासी मजदूरों को लेकर पोर्टल https://t.co/atQpEx79tc पर अब ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं, जिसके बाद चंडीगढ़ में फंसे सैंकड़ों प्रवासी मजदूरों के मन में घर वापस जाने की उम्मीद दोबारा जग गई है.

बिहार और यूपी के प्रवासी मजदूर चंडीगढ़ में फंसे, प्रशासन से लगा रहे मदद की गुहार

चंडीगढ़ के सेक्टर-17 पर इस वक्त ऐसे 100 से 120 प्रवासी मजदूर हैं, जो लॉकडाउन के बाद से यहां फंसे हैं. ये प्रवासी मजदूर ज्यादातर बिहार और यूपी के रहने वाले हैं. करीब 50 प्रवासी मजदूर बिहार के भागलपुर खगड़िया, मुंगेर, मधेपुरा बांका जिले के रहने वाले हैं. वहीं 60 के करीब प्रवासी मजदूर यूपी के बलरामपुर, बस्ती जिले के रहने वाले हैं.

ईटीवी भारत की टीम प्रवासी मजदूरों की बीच पहुंची और जाना कि आखिर वो सेक्टर-17 में कैसे रह रहे हैं. ज्यादातर प्रवासी मजदूर रिक्शा चलाने वाले, शोरूम में काम करने वाले थे. जो लॉकडाउन के बाद काम ठप होने के बाद यहीं फंस गए. एक प्रवासी मजदूर ने रोते हुए बताया कि वो यूपी का रहने वाला है. यहां वो भूखा मर रहा है और घर पर उसके बच्चे. वो भावुक होकर सिर्फ इतना ही कह सका कि वो घर जाना चाहता है. वो अपने घर में नमक रोटी खाकर भी रह लेगा.

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वहीं दूसरे बिहार के रहने वाले प्रवासी मजदूर ने बताया कि उसने पहले ही अपने प्रदेश के साथियों के नाम और पते लिख लिए हैं. वो कई बार अधिकारियों के चक्कर काट चुका है, लेकिन अभी अधिकारियों का कहना है कि वो नोटिफिकेशन आने का इंतजार कर रहे हैं.

जानिए चंडीगढ़ में फंसे प्रवासी मजदूरों को कैसे मिलेगी मदद?

गौरतलब है कि अब राज्यों की तरफ से भी प्रवासी मजदूरों को घर भेजने की कवायद शुरू हो गई है. चंडीगढ़ प्रशासन ने प्रवासी मजदूरों को लेकर पोर्टल पर अब ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं. इस पोर्टल पर ऐसे लोग जो वापस घर जाना चाहते हैं ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इसी के साथ चंडीगढ़ प्रशासन ने 1800 180 2067 हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है. इस हेल्पलाइन नंबर पर सुबह 8 बजे से लेकर शाम 8 बजे तक कॉल की जा सकती है.

इसके साथ ही चंडीगढ़ प्रशासन ने दो इंचार्ज लगाए हैं, जो श्रमिक ट्रेन के सुचारू काम काज को लेकर नियुक्त किए गए हैं, जिसमें शक्ति प्रकाश देवशाली 9779173536 , 7009955796 और गुरप्रीत सिंह 9888932443 , 8085801664 के नंबर भी जारी किए गए हैं.

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