लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी के युवा कलाकार, कला लेखक भूपेंद्र कुमार अस्थाना की कला कृति एक बार फिर साउथ कोरिया में अंतरराष्ट्रीय कला प्रदर्शनी में प्रदर्शित की गई है. वर्तमान में यह प्रदर्शनी (नेचर आर्ट क्यूब प्रदर्शनी) उलजिन में स्थित येओन्हो संस्कृति केंद्र साउथ कोरिया में 'मूविंग नेचर आर्ट' के रूप में चल रही है. भूपेन्द्र ने यह कृति अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी ज्यूमगंग क्यूब नेचर आर्ट बिनाले 2022 में भेजकर प्रतिभाग किया था.
पेपर मेसी पर बनी इस कलाकृति को बेहद पसंद किया जा रहा है. इस कारण से अब तक इस कलाकृति की तीसरी बार चयनित कर प्रदर्शित किया गया है. इस बार इस कलाकृति वास्तुकला संरचना - 2022) को 43 देशों के 224 अंतरराष्ट्रीय कलाकारों की 231 कलाकृतियां के साथ अन्य कलाकारों के बीच प्रदर्शित किया गया है. इसी कलाकृति को पिछले ज्यूमगंग क्यूब नेचर आर्ट बिनाले और अब 2023 Prebiennale कलाकृतियों के बीच चुना गया है. यह प्रदर्शनी 31 अगस्त से 27 सितंबर 2023 तक आयोजित है.
भूपेंद्र कुमार अस्थाना ने बताया कि इस प्रदर्शनी में प्रदर्शित कृति कागज़ की लुग्दी से बनी पेपर मैसी वर्क है जो आर्किटेक्चरल स्ट्रक्चर के रूप में है इस कृति का शीर्षक भी आर्किटेक्चरल स्ट्रक्चर है जो 11x11x11 सेंटीमीटर के डायमेंशन में है. इस वर्क के पीछे जो विचार है उसे साझा करते हुए अस्थाना ने बताया कि प्रकृति में सबसे बुद्धिमान और सबसे महत्वपूर्ण इंसान है और इंसान ने अपने जीवन यापन के लिए अनेकों सुविधाओं को लेकर बहुत संवेदनशील रहता है. इसमें सबसे महत्वपूर्ण सुविधा आवास का होती है जिसे लेकर अनेकों तरीकों को अपनाता है और एक सुंदर वास्तु की रचना करता है, लेकिन दुर्भाग्य है कि स्वयं इंसान और इंसान के द्वारा जिस भी चीज का निर्माण करता है वह स्थायी नहीं है एक दिन यह सुंदर वास्तु रचना खंडहर में तब्दील हो जाता है. इस रचना का खंडहर भी एक कलात्मक रूप धारण किए हुए है अपने समयानुसार. इस कलाकृति में माध्यम पेपर मैसी का प्रयोग एक कलात्मक रूप के साथ प्रकृति को किसी भी प्रकार का नुकसान न हो इसका विशेष ध्यान रखा गया है.
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