लखनऊ: भीम आर्मी के संस्थापक और प्रमुख चंद्रशेखर ने ऐलान किया है कि दिल्ली में संत रविदास का जो मंदिर तोड़ा गया है, अगर उसे केंद्र सरकार ने दोबारा नहीं बनवाया तो हम सरकार को चैन से बैठने नहीं देंगे. उन्होंने बताया कि 21 अगस्त को दिल्ली के जंतर मंतर पर 10 लाख से ज्यादा तादाद में भीम आर्मी समर्थक प्रदर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं.
लखनऊ में भीम आर्मी स्टूडेंट फेडरेशन का गठन
भीम आर्मी ने लखनऊ में भीम आर्मी स्टूडेंट फेडरेशन का गठन किया है. फेडरेशन के उद्घाटन सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे चंद्रशेखर आजाद ने ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत में कहा कि वह बाबा साहब भीमराव आंबेडकर और काशीराम के बताए रास्ते पर चलकर समाज को एकजुट करने में लगे हैं, इसका असर भी दिख रहा है कि अन्याय के खिलाफ संघर्ष करने वालों की आवाज दबाने के लिए सरकार अब दमन नीति का सहारा ले रही है. उन्होंने कहा कि सरकार जान लें कि इससे दबे कुचले शोषित पीड़ित समाज की आवाज को दबाया नहीं जा सकेगा. उन्होंने कहा कि एक तरफ देश में सरकार और राजनीतिक दलों के लोग अयोध्या में मंदिर बनाने के लिए संविधान भी बदलने के लिए तैयार हैं, दूसरी ओर दिल्ली में संत रविदास का मंदिर सरकार की मदद से ही ढहा दिया गया.
भीम आर्मी चीफ ने पीएम मोदी पर साधा निशाना
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी जाते हैं तो संत रविदास के मंदिर में जाकर अरदास करते हैं, लेकिन जब दिल्ली में मंदिर ढाया गया तो उन्होंने और उनकी पार्टी के नेताओं ने कोई विरोध नहीं किया. सरकार के इस पक्षपाती रवैया के विरोध में समाज में खासा आक्रोश है. भीम आर्मी चाहती है कि संत रविदास का मंदिर दोबारा बनाया जाए. इसके लिए 21 अगस्त को जंतर मंतर नई दिल्ली पर प्रदर्शन का फैसला किया गया है. लगभग 10 लाख से ज्यादा लोग इस मौके पर वहां इकट्ठा होंगे और सरकार को याद दिलाएंगे कि वह अपनी जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए कोताही न बरतें. अगर सरकार प्रदर्शन से हमारी बात नहीं सुनती है तो हम जेल भरने और भारत बंद करने से भी नहीं हिचकेंगे. उन्होंने कहा कि अगर हम लोग हिंदू हैं तो सरकार को हमारे साथ भी वैसा ही व्यवहार करना चाहिए, जैसा अयोध्या में मंदिर को लेकर किया जा रहा है.
समाज के दबे-कुचले लोगों को नेतृत्व की जरूरत है
भीम आर्मी के राजनीतिक विस्तार के बारे में बातचीत करने पर उन्होंने कहा अभी समाज को एकजुट करने में लगे हैं. राजनीतिक संगठन के तौर पर अभी काम करने का फैसला नहीं किया गया समाज के दबे कुचले लोगों को नेतृत्व की जरूरत है, लेकिन बाबा साहब ने कहा है कि पहले संगठित बनो. उन्होंने कहा कि राजनीति करने वाले तो हमें खुद ही मजबूर कर रहे हैं. राजनीति करने की जरूरत नहीं होती है, परिस्थितियां ऐसी बनती हैं, जिसमें दबे कुचले समाज को अपने अधिकार के लिए राजनीति करनी पड़ती है. समय आने पर इस बारे में भी फैसला किया जाएगा.