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यूपी में पेपर लीक की आशंका होगी खत्म; भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र अब यहां से छपवाने की तैयारी - PREPARATIONS TO STOP PAPER LEAK

यूपी के सभी गवर्नमेंट प्रेस को अपग्रेड करने की कवायद में जुटी सरकार

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गवर्नमेंट प्रेस को अपग्रेड करने की तैयारी (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 26, 2024, 4:41 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में भर्ती परीक्षाओं में होने वाले पेपर लीक को देखते हुए सरकार अब एक ओर बड़ा कदम उठाने जा रही है. योगी सरकार यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड, यूपीपीएससी और यूपीएसएसएससी के जरिए होने वाली सभी भर्तियों की परीक्षा का पेपर सरकारी प्रिंटिंग प्रेस से छपवाने की तैयारी कर रही है. इसके लिए कई स्तरों की बैठक होने के बाद सरकार अपने चारों प्रिंटिंग प्रेस को अपडेट करने और सुरक्षा के सभी मानकों को पूरा करने की तैयारी शुरू कर दी गई है.

यूपी में इसी साल फरवरी महीने में हुई पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हुआ, जिससे परीक्षा पेपर छापने और ट्रांसपोर्ट करने वाली एजेंसियों पर सवाल उठे. सरकार की भी जमकर किरकिरी हुई. जिसके बाद सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा विधेयक 2024 अधिनियम पास करवा पेपर लीक करने वालों पर शिकंजा कसने की कावायद की. इसमें पेपर लीक करने वाले गैंग के लोगों को आजीवन करावास से लेकर एक करोड़ का अर्थदंड तक लगाने का प्रावधान था. हालांकी यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर अहमदाबाद स्थित ट्रांसपोर्ट कंपनी से हुआ था, ऐसे में सरकार अब पेपर छपवाने और उसे ट्रांसपोर्ट करने में सतर्कता बरतने की ओर कदम बढ़ा रही है.

दरअसल अक्टूबर महीने में प्रिंटिंग और स्टेशनरी डिपार्टमेंट की बैठक हुई थी. जिसमें, प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास, यूपी लोक सेवा आयोग और यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के चेयरमैन भी शामिल हुए थे. बैठक में राज्य की सभी चारों गवर्नमेंट प्रेस लखनऊ, रामपुर, प्रयागराज और वाराणसी में आने वाले दिनों में भर्ती और प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र छापने की शुरुआत की जा सकती है. इस पर काफी मंथन किया गया. साथ ही इसके लिए चारों गवर्नमेंट प्रेस की प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी को अपडेट करने, सुरक्षा के सभी मानकों को पूरा करने, फिजिकल स्केनिंग की सुविधाओं को लगाने पर फैसला हुआ है.

हालांकि बैठक में गवर्नमेंट प्रेस की खामियों पर भी चर्चा हुई है. दरअसल, गवर्नमेंट प्रेस में अभी 4k कलर पर प्रिंटिंग नहीं होती है, जिसे अपडेट करने की कार्रवाई चल रही है. प्रेस में अब तक सुरक्षा के व्यापक इंतजाम नहीं है, जैसे कार्यरत कर्मियों की स्केनिंग, उनके फेस और थंब बायोमेट्रिक शामिल है. वहीं पेपर छापने के बाद लखनऊ, रामपुर, प्रयागराज और वाराणसी प्रेस से पेपर केंद्र या फिर जिला कॉलेक्ट्रेट तक लाने की जिम्मेदारी किसकी होगी इस पर बैठक में फैसला नहीं हो सका है.

बता दें कि उत्तर प्रदेश में चार सरकारी प्रिंटिंग प्रेस है जो लखनऊ, प्रयागराज, रामपुर और वाराणसी में स्थित हैं, जहां सरकारी गजट, विधान सभा सत्र की कार्यवाई से सम्बन्धी बुकलेट की इन प्रेस में छापाई होती है. इसके साथ ही वहां यूपी बोर्ड के इंटरमीडिएट और हाईस्कूल की कॉपी भी इन्ही प्रेस में छापी जाती है. ये चारों गवर्नमेंट प्रेस सरकार के प्रिंटिंग और स्टेशनरी डिपार्टमेंट के अधीन कार्य करती है.

प्रिंटिंग और स्टेशनरी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर अभिषेक प्रकाश ने बताया कि, समय समय पर गवर्नमेंट प्रेस की गुणवत्ता को बढ़ाने और अपडेट करने के लिए बैठकें की जाती है. हालही में प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास के नेतृत्व में बैठक हुई थी. इसमें अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष भी शामिल हुए थे. इसमें आयोग के पेपर छपाई से संबंधित नियमों पर चर्चा हुई थी. सरकार के आदेशों का पालन किया जाएगा.

यह भी पढ़ें:संविधान दिवस पर सीएम योगी बोले- अंबेडकर के संविधान में नहीं थे 'सेक्युलर' और 'समाजवादी' शब्द

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में भर्ती परीक्षाओं में होने वाले पेपर लीक को देखते हुए सरकार अब एक ओर बड़ा कदम उठाने जा रही है. योगी सरकार यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड, यूपीपीएससी और यूपीएसएसएससी के जरिए होने वाली सभी भर्तियों की परीक्षा का पेपर सरकारी प्रिंटिंग प्रेस से छपवाने की तैयारी कर रही है. इसके लिए कई स्तरों की बैठक होने के बाद सरकार अपने चारों प्रिंटिंग प्रेस को अपडेट करने और सुरक्षा के सभी मानकों को पूरा करने की तैयारी शुरू कर दी गई है.

यूपी में इसी साल फरवरी महीने में हुई पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हुआ, जिससे परीक्षा पेपर छापने और ट्रांसपोर्ट करने वाली एजेंसियों पर सवाल उठे. सरकार की भी जमकर किरकिरी हुई. जिसके बाद सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा विधेयक 2024 अधिनियम पास करवा पेपर लीक करने वालों पर शिकंजा कसने की कावायद की. इसमें पेपर लीक करने वाले गैंग के लोगों को आजीवन करावास से लेकर एक करोड़ का अर्थदंड तक लगाने का प्रावधान था. हालांकी यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर अहमदाबाद स्थित ट्रांसपोर्ट कंपनी से हुआ था, ऐसे में सरकार अब पेपर छपवाने और उसे ट्रांसपोर्ट करने में सतर्कता बरतने की ओर कदम बढ़ा रही है.

दरअसल अक्टूबर महीने में प्रिंटिंग और स्टेशनरी डिपार्टमेंट की बैठक हुई थी. जिसमें, प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास, यूपी लोक सेवा आयोग और यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के चेयरमैन भी शामिल हुए थे. बैठक में राज्य की सभी चारों गवर्नमेंट प्रेस लखनऊ, रामपुर, प्रयागराज और वाराणसी में आने वाले दिनों में भर्ती और प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र छापने की शुरुआत की जा सकती है. इस पर काफी मंथन किया गया. साथ ही इसके लिए चारों गवर्नमेंट प्रेस की प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी को अपडेट करने, सुरक्षा के सभी मानकों को पूरा करने, फिजिकल स्केनिंग की सुविधाओं को लगाने पर फैसला हुआ है.

हालांकि बैठक में गवर्नमेंट प्रेस की खामियों पर भी चर्चा हुई है. दरअसल, गवर्नमेंट प्रेस में अभी 4k कलर पर प्रिंटिंग नहीं होती है, जिसे अपडेट करने की कार्रवाई चल रही है. प्रेस में अब तक सुरक्षा के व्यापक इंतजाम नहीं है, जैसे कार्यरत कर्मियों की स्केनिंग, उनके फेस और थंब बायोमेट्रिक शामिल है. वहीं पेपर छापने के बाद लखनऊ, रामपुर, प्रयागराज और वाराणसी प्रेस से पेपर केंद्र या फिर जिला कॉलेक्ट्रेट तक लाने की जिम्मेदारी किसकी होगी इस पर बैठक में फैसला नहीं हो सका है.

बता दें कि उत्तर प्रदेश में चार सरकारी प्रिंटिंग प्रेस है जो लखनऊ, प्रयागराज, रामपुर और वाराणसी में स्थित हैं, जहां सरकारी गजट, विधान सभा सत्र की कार्यवाई से सम्बन्धी बुकलेट की इन प्रेस में छापाई होती है. इसके साथ ही वहां यूपी बोर्ड के इंटरमीडिएट और हाईस्कूल की कॉपी भी इन्ही प्रेस में छापी जाती है. ये चारों गवर्नमेंट प्रेस सरकार के प्रिंटिंग और स्टेशनरी डिपार्टमेंट के अधीन कार्य करती है.

प्रिंटिंग और स्टेशनरी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर अभिषेक प्रकाश ने बताया कि, समय समय पर गवर्नमेंट प्रेस की गुणवत्ता को बढ़ाने और अपडेट करने के लिए बैठकें की जाती है. हालही में प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास के नेतृत्व में बैठक हुई थी. इसमें अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष भी शामिल हुए थे. इसमें आयोग के पेपर छपाई से संबंधित नियमों पर चर्चा हुई थी. सरकार के आदेशों का पालन किया जाएगा.

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