लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी अगले दो महीने में अपने संगठन में व्यापक बदलाव करेगी. सूत्रों की मानें तो जिले स्तर पर हुए बदलाव के बाद अब क्षेत्रीय अध्यक्ष बदले जाएंगे और उसके बाद में जिला अध्यक्षों और महानगर अध्यक्षों की बारी आएगी. भाजपा कार्यसमिति की प्रदेश बैठक के बाद पहले जिलों में और उसके बाद में मंडल स्तर पर कार्यसमिति की बैठकें होंगी. जिसके बाद संगठन में बदलाव का दौर भी चलेगा. इन बदलावों में कई चौंकाने वाले नाम भी सामने आ सकते हैं. इनको प्रमुख पद दिए जा सकते हैं.
भाजपा में अगला बदलाव पार्टी के छह क्षेत्रों में किया जाएगा. इन बदलावों में क्षेत्र में किसी को भाजपा का नया क्षेत्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है. कानपुर क्षेत्र में ब्राह्मण चेहरा नया क्षेत्रीय अध्यक्ष बनेगा. इसी तरह से गोरखपुर, काशी पश्चिम और बृज क्षेत्र में क्षेत्रीय अध्यक्षों के चयन के बाद जिलों में पदाधिकारियों का बदलाव किया जाएगा. संगठन में बदलाव को लेकर राजनैतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार रतिभान त्रिपाठी ने बताया कि 'हमारा संगठन साल भर चलने वाला संगठन है. केवल चुनावों में ही संगठन काम नहीं करता. संगठन काम कर रहा है और जो भी बदलाव होने हैं वह निकट भविष्य में संगठन किए जाएंगे.' उन्होंने बताया कि 'निश्चित तौर पर संगठन के बदलाव में कुछ नए नाम भी सामने आ सकते हैं. जिनको महत्वपूर्ण भूमिका मिलेगी और यह चौंकाने वाले नाम होंगे.'
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष लक्ष्मण आचार्य, पंकज सिंह, विजय बहादुर पाठक, कांता कर्दम, सलिल विश्नोई, दयाशंकर सिंह, सुरेंद्र नागर, सत्यपाल सिंह सैनी, पद्म सेन चौधरी, नीलम सोनकर, कमलावती सिंह, प्रकाश पाल, संतोष सिंह, देवेंद्र सिंह, चौधरी ब्रज बहादुर, सुनीता दयाल, दिनेश चंद शर्मा और अरविंद कुमार शर्मा हैं. कुल 18 उपाध्यक्ष हैं, जिनमें से अरविंद कुमार शर्मा और दयाशंकर सिंह मंत्री बनने की वजह से टीम में नहीं होंगे, जबकि कुछ उपाध्यक्षों को महामंत्री बनाया जा सकता है. इनमें पंकज सिंह और बृज बहादुर का नाम प्रमुख है. यह माना जा रहा है कि वर्तमान में केवल 6 उपाध्यक्ष ही अगली बार उपाध्यक्ष रह सकते हैं. इसके अलावा क्षेत्रों में भी बड़े बदलाव किए जाएंगे. कानपुर में ब्राह्मण चेहरा सामने आ सकता है. लखनऊ में भी परिवर्तन अवश्य होगा. ऐसे ही गोरखपुर, काशी, पश्चिम और बुंदेलखंड क्षेत्र में भी बड़े बदलाव किए जाएंगे. क्षेत्र के बाद में यह बदलाव महानगर स्तर पर किया जाएगा. जिलों में 98 अध्यक्ष हैं, जिनमें से 70 को बदला जा सकता है.
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