लखनऊ: एक तरफ केंद्र सरकार लगातार निजीकरण को बढ़ावा दे रही है, तो वहीं दूसरी तरफ निजीकरण में लगे ठेकेदार अपने कर्मचारियों को वेतन के लिए तरसा रहे हैं. मामला राजधानी के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का है. यहां पर बीवीजी (भारत विकास ग्रुप) कंपनी को एयरपोर्ट की सफाई का ठेका मिला हुआ है. कंपनी ने कर्मचारियों को लगभग तीन महीने से वेतन नहीं दिया है. इस कारण सफाई कर्मचारियों के सामने रहने-खाने की समस्या उत्पन्न हो गई है. ऐसे में बीवीजी के कर्मचारियों ने गुरुवार को वेतन की मांग को लेकर एयरपोर्ट पर धरना-प्रदर्शन किया.
सफाईकर्मियों का कहना है कि दोबारा काम पर तो रख लिया गया, लेकिन अभी तक बकाया वेतन नहीं दिया गया है. इसके कारण इस कोरोना के समय में रहने-खाने की दिक्कत हो गई है. कर्मचारियों ने बताया कि उनके मकान मालिकों ने मकान खाली करा लिया है. उनके सामने अब खुला आसमान है. वेतन न मिलने के कारण भूखों मरने की समस्या उत्पन्न हो गई है.
एयरपोर्ट जैसे संवेदनशील जगहों पर बहुत ही कम सैलरी में काम करने वाले इन सफाईकर्मियों को एयरपोर्ट परिसर में धरना-प्रदर्शन करने के लिए बीवीजी कंपनी ने मजबूर कर दिया है. एयरपोर्ट अधिकारी इस बाबत कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं.