लखनऊ: समाजवादी पार्टी का साथ छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए भालचंद्र यादव को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया. वह संतकबीरनगर से लोकसभा चुनाव लड़े थे. वह राहुल गांधी और इमरान प्रतापगढ़ी के बाद सबसे ज्यादा वोट हासिल करने वाले उम्मीदवार बने थे. यही नहीं, चुनाव के दौरान जितने भी बागी कांग्रेस में शामिल हुए थे, उनमें सबसे ज्यादा मत भालचंद्र यादव को ही मिले थे.
क्या है पूरा मामला-
- भालचंद यादव कांग्रेस से पहले सपा और बसपा के सदस्य रह चुके हैं.
- दोनों ही पार्टियों से वे 1999 और 2004 में संत कबीर नगर से सांसद बने थे.
- भालचंद्र यादव पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह के बेहद करीबी माने जाते हैं.
- लोकसभा चुनाव 2019 में गठबंधन होने के कारण संतकबीरनगर सीट बसपा के खाते में चली गई.
- भालचंद्र यादव इस सीट से प्रत्याशी नहीं बनाए जाने से नाराज थे.
- उन्होंने लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान ही कांग्रेस का दामन थाम लिया था.
काग्रेस ने पाया कि भालचंद्र यादव पार्टी के लिए नहीं बल्कि उसके विरोध में काम कर रहे थे, जिसके कारण उन्हें छह साल तक के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया.