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अस्पतालों की बढ़ाई जाएगी क्षमता, 100 बेड के अस्पताल में अब इतने मरीज हो सकेंगे भर्ती

यूपी में 100 बेड से कम क्षमता वाले अस्पतालों में 32 बेड बढ़ेंगे जबकि 100 बेड से ज्यादा वाले अस्पतालों में 42 बेड बढ़ाए जाएंगे. इन दोनों में 12-12 बेड के एचडीयू होंगे. इसमें गंभीर मरीजों का इलाज मुमकिन हो सकेगा.

अस्पतालों में बढ़ेंगे 42 बेड
अस्पतालों में बढ़ेंगे 42 बेड
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Published : Oct 12, 2021, 3:03 PM IST

लखनऊ : देश में कोरोना कब और कौन सी करवट लेगा, इस पर असमंजस कायम है. इस दिशा में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी संक्रमण विस्तार के लिए सौ दिनों को अहम मान रहे हैं. ऐसे में केंद्र सरकार ने राज्यों को अलर्ट कर दिया है. साथ ही कोविड इमरजेंसी रिस्पांस-2 के तहत व्यवस्था दुरुस्त करने का फरमान भी जारी किया गया है. लिहाजा यूपी सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में बेड बढ़ाने का फैसला किया है.

डीजी हेल्थ डॉ. वेद व्रत के मुताबिक कोविड इमरजेंसी रिस्पांस-टू से अस्पतालों की हालत में सुधार होगा. केंद्र सरकार इसके लिए राज्यों को बजट मुहैया कराएगी. इसके तहत यूपी में 100 बेड से कम वाले अस्पतालों में 32 बेड बढ़ेंगे. वहीं, 100 बेड से ज्यादा क्षमता वाले अस्पतालों में 42 बेड बढ़ेंगे. इन दोनों में 12-12 बेड के एचडीयू होंगे. इसमें गंभीर मरीजों का इलाज मुमकिन होगा.

यूपी में कोरोना के मरीजों को स्थानीय स्तर पर ही आईसोलेट करने की सुविधा होगी. इसके लिए सीएचसी-पीएचसी पर भी बेड बढ़ाने का फैसला किया गया है. वहीं, समयगत वार्ड तैयार करने के लिए पारंपरिक सीमेंट-मौरंग व ईंट के निर्माण से हटकर काम करने की प्लानिंग तय की गई है.

इसके विकल्प के तौर पर 'प्री-फैब' वार्ड के निर्माण का प्रस्ताव बनाया है. डीजी हेल्थ डॉ वेद व्रत सिंह के मुताबिक प्री-फैब वार्ड में सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जाएगा. यह स्टील के स्ट्रक्चर पर बनेगा. इससे मजबूती भी बेजोड़ होगी. यह वार्ड बनने से कोरोना मरीजों को स्थानीय स्तर पर ही इलाज मिल सकेगा.

यूपी में 175 के करीब जिला व संयुक्त अस्पताल हैं. इसके अलावा 3604 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) हैं. प्रत्येक पीएचसी पर अभी चार बेड हैं. इसी तरह प्रदेश में 856 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) हैं. प्रत्येक सीएचसी में 30 बेड हैं. जिला व संयुक्त अस्पताल 80 से 750 बेड तक के हैं. वहीं, स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में अभी कोविड के लिए 56 हजार बेड की क्षमता है. इसे बढ़ाकर 70 हजार से पार करना है.

नीति आयोग के सदस्य व कोविड टास्क फोर्स के अध्यक्ष वीके पॉल सोमवार को लखनऊ आए थे. इस दौरान देश में कोरोना संक्रमण के लिए 100 दिन अहम बताए. उनके मुताबिक यदि वायरस 100 दिन और नियंत्रण में सफल रहे तो भविष्य सुनहरा होगा. इसके लिए यूपी सरकार द्वारा चलाए जा रहे ट्रेसिंग व टेस्टिंग को आवश्यक बताया. साथ ही टीकाकरण को प्रमुख हथियार बताया.

इसे भी पढ़ें-यूपी कोरोना अपडेट: मंगलवार सुबह मिले 8 नए मरीज, डेंगू से 70 और बीमार, डायरिया भी बढ़ा

लखनऊ : देश में कोरोना कब और कौन सी करवट लेगा, इस पर असमंजस कायम है. इस दिशा में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी संक्रमण विस्तार के लिए सौ दिनों को अहम मान रहे हैं. ऐसे में केंद्र सरकार ने राज्यों को अलर्ट कर दिया है. साथ ही कोविड इमरजेंसी रिस्पांस-2 के तहत व्यवस्था दुरुस्त करने का फरमान भी जारी किया गया है. लिहाजा यूपी सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में बेड बढ़ाने का फैसला किया है.

डीजी हेल्थ डॉ. वेद व्रत के मुताबिक कोविड इमरजेंसी रिस्पांस-टू से अस्पतालों की हालत में सुधार होगा. केंद्र सरकार इसके लिए राज्यों को बजट मुहैया कराएगी. इसके तहत यूपी में 100 बेड से कम वाले अस्पतालों में 32 बेड बढ़ेंगे. वहीं, 100 बेड से ज्यादा क्षमता वाले अस्पतालों में 42 बेड बढ़ेंगे. इन दोनों में 12-12 बेड के एचडीयू होंगे. इसमें गंभीर मरीजों का इलाज मुमकिन होगा.

यूपी में कोरोना के मरीजों को स्थानीय स्तर पर ही आईसोलेट करने की सुविधा होगी. इसके लिए सीएचसी-पीएचसी पर भी बेड बढ़ाने का फैसला किया गया है. वहीं, समयगत वार्ड तैयार करने के लिए पारंपरिक सीमेंट-मौरंग व ईंट के निर्माण से हटकर काम करने की प्लानिंग तय की गई है.

इसके विकल्प के तौर पर 'प्री-फैब' वार्ड के निर्माण का प्रस्ताव बनाया है. डीजी हेल्थ डॉ वेद व्रत सिंह के मुताबिक प्री-फैब वार्ड में सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जाएगा. यह स्टील के स्ट्रक्चर पर बनेगा. इससे मजबूती भी बेजोड़ होगी. यह वार्ड बनने से कोरोना मरीजों को स्थानीय स्तर पर ही इलाज मिल सकेगा.

यूपी में 175 के करीब जिला व संयुक्त अस्पताल हैं. इसके अलावा 3604 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) हैं. प्रत्येक पीएचसी पर अभी चार बेड हैं. इसी तरह प्रदेश में 856 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) हैं. प्रत्येक सीएचसी में 30 बेड हैं. जिला व संयुक्त अस्पताल 80 से 750 बेड तक के हैं. वहीं, स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में अभी कोविड के लिए 56 हजार बेड की क्षमता है. इसे बढ़ाकर 70 हजार से पार करना है.

नीति आयोग के सदस्य व कोविड टास्क फोर्स के अध्यक्ष वीके पॉल सोमवार को लखनऊ आए थे. इस दौरान देश में कोरोना संक्रमण के लिए 100 दिन अहम बताए. उनके मुताबिक यदि वायरस 100 दिन और नियंत्रण में सफल रहे तो भविष्य सुनहरा होगा. इसके लिए यूपी सरकार द्वारा चलाए जा रहे ट्रेसिंग व टेस्टिंग को आवश्यक बताया. साथ ही टीकाकरण को प्रमुख हथियार बताया.

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