लखनऊ : प्रदेश भर में एक बार फिर से कोविड ने रफ्तार पकड़ ली है. रोजाना संक्रमित मरीज मिल रहे हैं और इस समय एक्टिव केस की भी संख्या बढ़ गई है. ऐसे में प्रदेश भर के जिला अस्पताल से लेकर सभी सीएचसी व पीएचसी में भी अलग वार्ड बनाने का निर्देश स्वास्थ्य विभाग ने दिया है. साथ ही संक्रमित मरीजों के लिए आरक्षित बेड भी किए गए हैं. मेडिकल कॉलेज में भी संक्रामक रोग विभाग में मरीजों के लिए बेड आरक्षित किया गया है.
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि 'मेडिकल कॉलेज में इस समय खांसी, जुखाम, बुखार की शिकायत लेकर मरीज आ रहे हैं. सीजनल बीमारी में मरीजों की संख्या मेडिकल कॉलेज में ज्यादा बढ़ जाती है, क्योंकि यहां पर प्रदेश भर से मरीज इलाज के लिए आते हैं. केजीएमयू में मरीजों के इलाज के लिए बहुत सारी व्यवस्थाएं हैं फिर चाहे वह मरीजों की बीमारी की डायग्नोस के लिए हो या फिर या मैनेजमेंट में या ट्रीटमेंट में. मेडिकल कॉलेज में जांच के लिए माइक्रोलॉजी विभाग, मेडिकल विभाग और संक्रामक रोग विभाग भी मेडिकल कॉलेज में जो भी स्टाफ है वह काफी अनुभवी है. जिन रोगियों में संक्रमण की शंका होती है उन रोगियों की जांच करवाते हैं. रोजाना अस्पताल में काफी मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. कोविड से बचाव के लिए जरूरी है कि लोग एहतियात बरतें. संक्रामक रोग विभाग में बेड भी आरक्षित हैं और पर्याप्त वेंटिलेटर की सुविधा भी है.
हजरतगंज स्थित सिविल अस्पताल डॉक्टर आरपी सिंह ने बताया कि 'इस समय लखनऊ में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज की संख्या बढ़ रही है. इसके अलावा अस्पताल की ओपीडी में 60 फ़ीसदी एच3एन2 इनफ्लुएंजा से पीड़ित मरीजों की संख्या है. स्वास्थ्य विभाग के निर्देश के अनुसार, अस्पताल में इनफ्लुएंजा और कोविड के मरीजों के लिए दस बेड आरक्षित किए गए हैं. उन्होंने बताया कि कोविड की जांच भी अस्पताल में निरंतर हो रही है. इसके अलावा इनफ्लुएंजा की जांच के लिए सैंपल यहां से कलेक्ट हो रहे हैं, लेकिन जांच केजीएमयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में हो रही है सारे सैंपल जांच के लिए केजीएमयू भेजे जाते हैं.'
गोलागंज स्थित बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ जेपी गुप्ता ने बताया कि 'अस्पताल में इन दिनों मरीजों की संख्या बढ़ी है. हालांकि शुक्रवार को मरीजों की संख्या उतनी नहीं है, जितनी सोमवार और मंगलवार को होती है. दरअसल, शनिवार को 12 बजे तक ओपीडी चलती है और रविवार को अस्पताल की ओपीडी बंद रहती है. जिसके चलते सोमवार को बहुत ज्यादा भीड़ होती है. भीड़ को नियंत्रण में करने के लिए कर्मचारियों को लगाया जाता है, हालांकि इस समय जो वायरल बुखार लोगों को हो रहा है. 10 से 15 दिन में ठीक हो रहा है, लेकिन इसके बाद मरीजों को महीनों तक कमजोरी हो रही है, वहीं अस्पताल में कोविड की जांच भी हो रही है. जिन मरीजों में सर्दी-जुखाम, बुखार के लक्षण हैं उनकी कोविड जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है. ऐसे में लोगों को डरने की जरूरत नहीं है. कोविड और इन्फ्लूएंजा से बचाव के लिए एहतियात बरतें. बता दें कि वेंटिलेटर चलाने के लिए अलग से अस्पताल में कोई टेक्नीशियन नहीं है. इसके अलावा स्टाफ की भी कमी है, जो स्टाफ है उन्हीं को ट्रेनिंग दी जाती है.'
महानगर स्थित भाऊराव देवरस संयुक्त अस्पताल के प्रवक्ता डॉ. मनीष शुक्ला ने बताया कि 'कोविड और इन्फ्लूएंजा के बढ़ते मामलों को देखते हुए अस्पताल में 10 बेड का अलग से वार्ड बनाया गया है, जहां पर वेंटिलेटर की सुविधा भी उपलब्ध है. बता दें कि बीआरडी अस्पताल 60 बेड का अस्पताल है और यहां पर स्टाफ की कमी की वजह से थोड़ी दिक्कत हो रही है, लेकिन जो भी संक्रमित मरीज यहां पर आएगा, उसका पूरा ट्रीटमेंट किया जाएगा. उन्होंने बताया कि अस्पताल में रोजाना 300 से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. जिनमें एक समान लक्षण देखने को मिल रहे हैं. कुछ महीनों से कोविड सैंपल नहीं लिए जा रहे थे काउंटर बंद कर दिया गया था, लेकिन एक बार फिर से राजधानी में कोविड के मरीज मिल रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के निर्देश के अनुसार, फिर से काउंटर खोला गया है और कोविड की जांच शुरू हो गई है.'