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केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर के बेड फुल, ऑक्सीजन सपोर्ट वाले मरीजों की बढ़ी दिक्कतें

केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में बेड फुल हो गए हैं. बेड न मिलने से मरीज स्ट्रेचर पर मरीज हैं. मरीज की जान बचाने के लिए स्ट्रेचर पर भर्ती कर इलाज किया जा रहा है.

केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर
केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर
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Published : Mar 7, 2022, 7:49 PM IST

लखनऊ: केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में बेड फुल हो गए हैं. ऐसे में मरीजों को भर्ती करने में मुश्किलें आ रही हैं. गंभीर मरीजों की जान बचाने के लिए डॉक्टरों ने स्ट्रेचर पर इलाज कर रहे हैं. वहीं कई मरीजों को दूसरे अस्पताल ले जाने की सलाह दी गई है. इसको लेकर हंगामा भी हुआ. केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में करीब 400 बेड हैं.

केजीएमयू में प्रदेश भर से मरीज इलाज के लिए आते हैं. सोमवार को ट्रॉमा सेंटर के सभी बेड फुल हो गए हैं. न्यूरो सर्जरी, ऑर्थोपेडिक, मेडिसिन, इमरजेंसी मेडिसिन, पीडियाट्रिक, क्रिटिकल केयर समेत दूसरे विभाग मरीजों से फुल रहे. बेडों को लेकर मारामारी मची हुई है. ट्रामा सेंटर में कैजुअल्टी से लेकर वार्ड तक में बड़ी संख्या में स्ट्रेचर लगाए गए हैं.

यह भी पढ़ें- अब एप दूर करेगा बिजली उपभोक्ताओं की समस्या, तुरंत होगा निस्तारण


बेड न मिलने से करीब 65 मरीज स्ट्रेचर पर हैं. वहीं कुछ मरीजों को तो आठ से 15 घंटे बाद भी बेड नसीब नहीं हो सका है. इससे मरीजों को इलाज हासिल करने में अड़चनें आ रही हैं. डॉक्टरों को भी इलाज मुहैया कराने में दिक्कत हो रही है. सबसे ज्यादा दिक्कतें ऑक्सीजन सपोर्ट वाले मरीजों को हो रही हैं. ट्रॉमा सेंटर इंचार्ज डॉ. संदीप तिवारी के मुताबिक इमरजेंसी में आने वाले सभी मरीजों को इलाज मुहैया कराया जा रहा है. मरीज की जान बचाने के लिए स्ट्रेचर पर भर्ती कर इलाज किया जा रहा है.

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लखनऊ: केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में बेड फुल हो गए हैं. ऐसे में मरीजों को भर्ती करने में मुश्किलें आ रही हैं. गंभीर मरीजों की जान बचाने के लिए डॉक्टरों ने स्ट्रेचर पर इलाज कर रहे हैं. वहीं कई मरीजों को दूसरे अस्पताल ले जाने की सलाह दी गई है. इसको लेकर हंगामा भी हुआ. केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में करीब 400 बेड हैं.

केजीएमयू में प्रदेश भर से मरीज इलाज के लिए आते हैं. सोमवार को ट्रॉमा सेंटर के सभी बेड फुल हो गए हैं. न्यूरो सर्जरी, ऑर्थोपेडिक, मेडिसिन, इमरजेंसी मेडिसिन, पीडियाट्रिक, क्रिटिकल केयर समेत दूसरे विभाग मरीजों से फुल रहे. बेडों को लेकर मारामारी मची हुई है. ट्रामा सेंटर में कैजुअल्टी से लेकर वार्ड तक में बड़ी संख्या में स्ट्रेचर लगाए गए हैं.

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बेड न मिलने से करीब 65 मरीज स्ट्रेचर पर हैं. वहीं कुछ मरीजों को तो आठ से 15 घंटे बाद भी बेड नसीब नहीं हो सका है. इससे मरीजों को इलाज हासिल करने में अड़चनें आ रही हैं. डॉक्टरों को भी इलाज मुहैया कराने में दिक्कत हो रही है. सबसे ज्यादा दिक्कतें ऑक्सीजन सपोर्ट वाले मरीजों को हो रही हैं. ट्रॉमा सेंटर इंचार्ज डॉ. संदीप तिवारी के मुताबिक इमरजेंसी में आने वाले सभी मरीजों को इलाज मुहैया कराया जा रहा है. मरीज की जान बचाने के लिए स्ट्रेचर पर भर्ती कर इलाज किया जा रहा है.

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