लखनऊ : प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम योजना) को लेकर कई जाली वेबसाइट किसानों को धोखा दे रही हैं. इस योजना के तहत अनुदान पर स्थापित निजी ऑन ग्रेट पंप यानी किसानों को सामान्य बिजली से संचालित निजी नलकूपों का पोलराइजेशन (सोलर ऊर्जा से चलने वाले नलकूप) किया जाता है. इस योजना के तहत 90 फीसद तक अनुदान सरकार की ओर से दिया जाता है. इस परियोजना में तीन हॉर्स पावर, पांच हॉर्स पावर और सात हॉर्स पावर क्षमता के सबमर्सिबल पंप लगाए जाते हैं. हालांकि इंटरनेट पर फर्जी वेबसाइट बनाकर धोखाधड़ी भी चल रही है. इसलिए किसानों को सावधान रहना चाहिए और सही जानकारी के लिए कृषि विभाग अथवा जिला कृषि कार्यालय से संपर्क करना चाहिए. विगत दिनों किस तरह की धोखाधड़ी से संबंधित कुछ शिकायतें सामने आई हैं.
सीतापुर के प्रगतिशील किसान अतुल गुप्ता बताते हैं कि उन्होंने इस योजना का लाभ लेने के लिए इंटरनेट पर जानकारी के लिए सर्च किया तो उन्हें कई वेबसाइट दिखाई दीं. एक वेबसाइट पर जब वह गए तो इस योजना के लिए आवेदन फॉर्म भरने का विकल्प सामने आया. ऑनलाइन आवेदन में कुछ बहुत ही सामान्य सूचनाएं मांगी गई थीं, जिन्हें आसानी से पूरा कर लिया. आवेदन पूरा होने के बाद उनके पास मैसेज आया कि सरकारी स्तर पर 24 घंटे के अंदर उनसे संपर्क किया जाएगा. अतुल गुप्ता बताते हैं कि इससे वह बहुत उत्साहित थे. साथ ही उन्हें आश्चर्य भी हुआ कि आखिर इतनी बड़ी और महत्वपूर्ण योजना का लाभ इतनी आसानी से कैसे मिल जा रहा है. यही बात उनके मन में शंका पैदा कर रही थी. क्योंकि आमतौर पर सरकारी योजनाओं के लिए बार-बार चक्कर काटने पड़ते हैं, तमाम जतन करने पड़ते हैं, तब कहीं उन्हें इसका लाभ मिल पाता है.
अतुल गुप्ता बताते हैं कि 24 घंटे बाद उनके पास एक फोन आया. फोन करने वाले युवक ने बताया कि आपने प्रधानमंत्री कुसुम योजना में आवेदन किया था. उसने कहा कि आपको सरकार की ओर से 95 प्रतिशत अनुदान मिलेगा और 5 फीसद आपको देना होगा. उसने बताया की आपको ₹50000 खर्च करने होंगे और साढ़े नौ लाख रुपये सरकार की ओर से अनुदान आएगा. फोन करने वाले व्यक्ति ने कहा कि इसके लिए आपको अपना अकाउंट नंबर, पैन, आधार और एक फोटो तत्काल वाट्सएप पर भेजनी होगी. इसके बाद आपके दस्तावेजों की जांच होगी और यदि वह सही होंगे तो सरकार की ओर से आपको अप्रूवल लेटर दिया जाएगा. अप्रूवल मिल जाने के बाद आपको टोकन चार्ज और रजिस्ट्रेशन फीस ₹5600 जमा करनी होगी. उसने बताया कि ₹5000 सब्सिडी में वापस हो जाएंगे और ₹600 कट जाएंगे. सोलर पैनल व अन्य उपकरण आपके यहां लग जाने के बाद ₹45000 जमा करने होंगे. उसने बताया कि सभी उपकरण टाटा कंपनी के होंगे और 20 साल की गारंटी भी होगी. जब उससे पूछा गया कि आप कहां से बोल रहे हैं तो उसने बताया कि दिल्ली साउथ सिटी, 14 नंबर रोड ब्लॉक सी से बोल रहा है.
अतुल गुप्ता बताते हैं कि बातचीत में यह आभास हुआ कि जैसे या कोई फ्रॉड व्यक्ति हो. उसकी भाषा बिहार की लग रही थी और बातचीत में वह बहुत पढ़ा लिखा मालूम नहीं होता था. वह बार-बार वाट्सएप पर दस्तावेज भेजने का आग्रह कर रहा था, यह बात भी शंका पैदा कर रही थी. इसके बाद अतुल गुप्ता ने जिला कृषि कार्यालय से संपर्क किया और इस फोन कॉल की रिकॉर्डिंग अधिकारी को सुनाई. जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि यह बिल्कुल फर्जी मामला है. सरकारी स्तर पर जब योजना शुरू होती है तो उसका विज्ञापन किया जाता है और वेबसाइट कुछ समय के लिए ही खुलती है. इतने समय में ही जितने कनेक्शन दिए जाने हैं, उससे काफी अधिक आवेदन आ जाते हैं. इसके बाद प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाती है. अतुल गुप्ता बताते हैं कि अकेले वह ही नहीं है, जिनके साथ वेबसाइट के माध्यम से इस तरह की धोखाधड़ी का प्रयास हुआ. उनके कई परिचितों और किसानों ने भी ऐसे ही आवेदन किया था. उनसे भी ठगने की कोशिश की गई थी. राज्य मुख्यालय पर एक कृषि अधिकार बताया कि किसानों को इस तरह की फर्जी वेबसाइट के झांसे में नहीं आना चाहिए. आधिकारिक जानकारी के लिए जिला कृषि कार्यालय अथवा कृषि विभाग से ही संपर्क करना चाहिए.
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